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प्रेरणा

मिलिए इन जांबाज महिला पुलिस से, जो रात में भी हैं हमारी ‘सुरक्षा की पहरेदार’

मुंबई लोकल में घूमते हुए या देर रात लौटते हुए कभी किसी तरह का डर महसूस नहीं किया है, क्योंकि इस बात का इल्म बखूबी होता है कि हमारी सुरक्षा के लिए हरदम पुलिस तैनात हैं, खासतौर से महिला पुलिस तो खासतौर से लड़कियों की सुरक्षा के लिए तैनात रहती हैं। रुआबदार आवाज और वर्दी के पीछे हर दिन वह चुनौतियों का सामना करती हैं, इस बारे में शायद ही हमने कभी अनुमान लगाया हो, लेकिन यह हकीकत है कि अपने फर्ज के लिए वह काफी समझौते भी करती हैं। तो आखिर रात के अंधेरे में किस तरह के जोखिम का सामना करती हैं महिला पुलिस और इसके बावजूद वह किस तरह अपने काम को एन्जॉय करती हैं। हमने महिला पुलिस से बातचीत कर, यह जानने की कोशिश की है।

अनुप्रिया वर्मा | मार्च 24, 2023
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प्रेरणा

मिलिए पॉटरी आर्टिस्ट रेशमा दत्ता से, जिन्होंने गांव की महिलाओं को दिया जीविका का ‘आधार’, समझा उन्हें ही परिवार

मुमकिन है कि आपको शाह रुख की फिल्म ‘स्वदेस’ का किरदार मोहन भार्गव याद आ जाए , क्योंकि संदर्भ ही कुछ ऐसा है। लेकिन यह कहानी बिल्कुल फिल्मी नहीं है, बल्कि सच्ची है। आर्टिस्ट रेशमा दत्ता, झारखंड के बुंडू इलाके से ताल्लुक रखने वालीं एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने गांव की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपनी कला से उन्होंने एक ऐसा आधार बनाया कि आज वहां की महिलाएं रोजगार के अवसर तलाशने की मोहताज नहीं हैं। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से।

अनुप्रिया वर्मा | फ़रवरी 24, 2023
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प्रेरणा

मिलिए महिला आईएएस ऑफिसर और जिला कलेक्टर हर्षिका सिंह से, जिन्होंने मंडला की महिलाओं को दिलायी ‘ निरक्षरता से आजादी’

मध्य प्रदेश के बेहद पिछड़े इलाके मंडला में महिलाओं को फंक्शनल साक्षरता में 100 प्रतिशत तक पहुंचाने वाली आईएएस ऑफिसर एवं जिला कलेक्टर हर्षिका सिंह लगातार महिलाओं को साक्षर बनाने के मिशन पर काम कर रही हैं, ताकि महिलाएं अपना नाम लिख सकें, बैंक से जुड़े कामों को पूरा कर पाए, अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सक्षम बन पाएं और अपने इस प्रयास में वह सफल भी रही हैं, यही नहीं मध्य-प्रदेश के ही तिकमगढ़ इलाके में भी उन्होंने इस मिशन को अंजाम दिया है, आइए जानें उनके इस प्रेरणा से भरपूर कदम के बारे में विस्तार से।

अनुप्रिया वर्मा | फ़रवरी 25, 2023
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प्रेरणा

मिलिए ‘पंचरवाली’ के नाम से जानी जाने वाली ‘लक्ष्मी बानो’से, जिन्होंने दर्शाया कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता है

आप किसी हाई वे से गुजर रहे हैं और वहां आपकी गाड़ी पंचर हो जाये, तो जाहिर है कि आपकी जुबां पर यही बात आएगी कि अब ‘पंचर वाला’ को ढूंढना पड़ेगा। हमारे जेहन में कभी यह बात आ ही नहीं सकती कि ‘पंचर वाली’ को ढूंढें, क्योंकि पंचर बनाने जैसे तकनीकी काम करते हुए हम कहां सोच पाते हैं कि यह काम लड़कियां भी कर सकती हैं, लेकिन इस पूरी सोच को जयपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर देवथला गांव की लक्ष्मी बानो ने बदल कर रख दिया है। वह कई सालों से अपने पापा की पंचर की दुकान चला रही हैं और अपना और अपनी मां का जीवन निर्वाह कर रही हैं, आइए जानें उनके बारे में विस्तार से। 

अनुप्रिया वर्मा | मार्च 18, 2023
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थीम

विश्व रंगमंच दिवस पर विशेष : नाटकों में भी होती है फिजिकल कास्टिंग, स्पॉट बॉय भी बड़े स्टार्स के सामने आपको भाव नहीं देते हैं

उन्होंने बचपन से कभी नहीं सोचा कि उन्हें अभिनय करना है, वह खुद कहती हैं कि उनकी बहनें बेहद खूबसूरत थीं और वह खुद को कभी अभिनेत्री वाली श्रेणी में नहीं रखती थीं। लेकिन उन्हें फिल्में देखने का शौक रहा और उनके इस शौक को दिशा मिली नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में, जहां उन्होंने अभिनय में महारत हासिल किया, फिर मुंबई आ गयीं। लेकिन लम्बे समय तक छोटे और ज्यादातर नौकरानी वाले किरदार में भी टाइपकास्ट कर दिया गया। संघर्ष जारी रहा, लेकिन उन्होंने अभिनय के साथ सहयोगी निर्देशक के रूप में भी काम किया। लेकिन अब वह ओटीटी की दुनिया में छा चुकी हैं, गुल्लक और पंचायत में उनके किरदार को खूब प्यार मिला। जी हां, हम बात कर रहे हैं सुनीता चंद रजवार की, जो कि एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपने दम और धैर्य से पहचान बनायीं। उनके अभिनय जीवन के सफर में कई दिलचस्प पड़ाव रहे हैं, जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो।

अनुप्रिया वर्मा और शिखा शर्मा | मार्च 27, 2023
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देश-विदेश तक फैला है इन आदिवासी महिलाओं का कंदील व्यापार, देखिए रौशन होती इनकी जिंदगी की पूरी कहानी

जानते हैं, एक ऐसी जगह भी है, जहां इन कंदीलों ने आदिवासी महिलाओं की जिंदगी में रौशनी लाई है। बांस से बनी हुई चीजों की वजह से आज उनकी जिंदगी के साथ-साथ पूरे गांव की आर्थिक स्थिति में बदलाव आ गया। मिलिए, मुंबई से कुछ दूरी पर स्थित पालघर से 30 से 35 किलोमीटर दूर बसे इलाके में विक्रम गढ़ तालुका के गांव टेटवाली की महिलाओं से। ये महिलाएं अपने हाथों से बांस की चटाई, खिलौने, घर का सामान, रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल में आने वाली चीजें और इको-फ्रेंडली दिवाली बनाने के लिए बांस के तरह-तरह के रंग-बिरंगे कंदील बना रही हैं।

शिखा शर्मा | मार्च 23, 2023
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उत्तर पश्चिम रेलवे में शामिल हुईं 40 महिला सहायक लोको पायलट

अमूमन, जब भी किसी भी तरह की ड्राइविंग की बात आती है, तो दिमाग में पहले यही बात आती है कि चलाने वाला हो, वाली नहीं। कई बार लोगों को फ्लाइट में भी मजाक बनाते सुना है, अगर उन्हें पता चलता कि उस दिन की फ्लाइट में दो महिलाएं पायलट हैं। वह आपस में बात करते नजर आते हैं कि सेफ लैंड हो जाये बस, क्योंकि यह सोच है कि महिलाएं इस काम में पुरुषों की तुलना में कम होती हैं। लेकिन लगातार इस क्षेत्र में, महिलाओं ने कदम रखे हैं और इसी क्रम में लोको पायलट के रूप में भी महिलाओं की संख्या पहले की तुलना में बढ़ रही है और उनके इस कदम में साथ दे रहा है, उत्तर पश्चिम रेलवे।

टीम Her Circle | सितंबर 09, 2022
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मिलिए इन जांबाज महिला पुलिस से, जो रात में भी हैं हमारी ‘सुरक्षा की पहरेदार’

मुंबई लोकल में घूमते हुए या देर रात लौटते हुए कभी किसी तरह का डर महसूस नहीं किया है, क्योंकि इस बात का इल्म बखूबी होता है कि हमारी सुरक्षा के लिए हरदम पुलिस तैनात हैं, खासतौर से महिला पुलिस तो खासतौर से लड़कियों की सुरक्षा के लिए तैनात रहती हैं। रुआबदार आवाज और वर्दी के पीछे हर दिन वह चुनौतियों का सामना करती हैं, इस बारे में शायद ही हमने कभी अनुमान लगाया हो, लेकिन यह हकीकत है कि अपने फर्ज के लिए वह काफी समझौते भी करती हैं। तो आखिर रात के अंधेरे में किस तरह के जोखिम का सामना करती हैं महिला पुलिस और इसके बावजूद वह किस तरह अपने काम को एन्जॉय करती हैं। हमने महिला पुलिस से बातचीत कर, यह जानने की कोशिश की है।

अनुप्रिया वर्मा | मार्च 24, 2023
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मिलिए पॉटरी आर्टिस्ट रेशमा दत्ता से, जिन्होंने गांव की महिलाओं को दिया जीविका का ‘आधार’, समझा उन्हें ही परिवार

मुमकिन है कि आपको शाह रुख की फिल्म ‘स्वदेस’ का किरदार मोहन भार्गव याद आ जाए , क्योंकि संदर्भ ही कुछ ऐसा है। लेकिन यह कहानी बिल्कुल फिल्मी नहीं है, बल्कि सच्ची है। आर्टिस्ट रेशमा दत्ता, झारखंड के बुंडू इलाके से ताल्लुक रखने वालीं एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने गांव की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपनी कला से उन्होंने एक ऐसा आधार बनाया कि आज वहां की महिलाएं रोजगार के अवसर तलाशने की मोहताज नहीं हैं। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से।

अनुप्रिया वर्मा | फ़रवरी 24, 2023
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मिलिए महिला आईएएस ऑफिसर और जिला कलेक्टर हर्षिका सिंह से, जिन्होंने मंडला की महिलाओं को दिलायी ‘ निरक्षरता से आजादी’

मध्य प्रदेश के बेहद पिछड़े इलाके मंडला में महिलाओं को फंक्शनल साक्षरता में 100 प्रतिशत तक पहुंचाने वाली आईएएस ऑफिसर एवं जिला कलेक्टर हर्षिका सिंह लगातार महिलाओं को साक्षर बनाने के मिशन पर काम कर रही हैं, ताकि महिलाएं अपना नाम लिख सकें, बैंक से जुड़े कामों को पूरा कर पाए, अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सक्षम बन पाएं और अपने इस प्रयास में वह सफल भी रही हैं, यही नहीं मध्य-प्रदेश के ही तिकमगढ़ इलाके में भी उन्होंने इस मिशन को अंजाम दिया है, आइए जानें उनके इस प्रेरणा से भरपूर कदम के बारे में विस्तार से।

अनुप्रिया वर्मा | फ़रवरी 25, 2023
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मिलिए ‘पंचरवाली’ के नाम से जानी जाने वाली ‘लक्ष्मी बानो’से, जिन्होंने दर्शाया कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता है

आप किसी हाई वे से गुजर रहे हैं और वहां आपकी गाड़ी पंचर हो जाये, तो जाहिर है कि आपकी जुबां पर यही बात आएगी कि अब ‘पंचर वाला’ को ढूंढना पड़ेगा। हमारे जेहन में कभी यह बात आ ही नहीं सकती कि ‘पंचर वाली’ को ढूंढें, क्योंकि पंचर बनाने जैसे तकनीकी काम करते हुए हम कहां सोच पाते हैं कि यह काम लड़कियां भी कर सकती हैं, लेकिन इस पूरी सोच को जयपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर देवथला गांव की लक्ष्मी बानो ने बदल कर रख दिया है। वह कई सालों से अपने पापा की पंचर की दुकान चला रही हैं और अपना और अपनी मां का जीवन निर्वाह कर रही हैं, आइए जानें उनके बारे में विस्तार से। 

अनुप्रिया वर्मा | मार्च 18, 2023
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विश्व रंगमंच दिवस पर विशेष : नाटकों में भी होती है फिजिकल कास्टिंग, स्पॉट बॉय भी बड़े स्टार्स के सामने आपको भाव नहीं देते हैं

उन्होंने बचपन से कभी नहीं सोचा कि उन्हें अभिनय करना है, वह खुद कहती हैं कि उनकी बहनें बेहद खूबसूरत थीं और वह खुद को कभी अभिनेत्री वाली श्रेणी में नहीं रखती थीं। लेकिन उन्हें फिल्में देखने का शौक रहा और उनके इस शौक को दिशा मिली नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में, जहां उन्होंने अभिनय में महारत हासिल किया, फिर मुंबई आ गयीं। लेकिन लम्बे समय तक छोटे और ज्यादातर नौकरानी वाले किरदार में भी टाइपकास्ट कर दिया गया। संघर्ष जारी रहा, लेकिन उन्होंने अभिनय के साथ सहयोगी निर्देशक के रूप में भी काम किया। लेकिन अब वह ओटीटी की दुनिया में छा चुकी हैं, गुल्लक और पंचायत में उनके किरदार को खूब प्यार मिला। जी हां, हम बात कर रहे हैं सुनीता चंद रजवार की, जो कि एक ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपने दम और धैर्य से पहचान बनायीं। उनके अभिनय जीवन के सफर में कई दिलचस्प पड़ाव रहे हैं, जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो।

अनुप्रिया वर्मा और शिखा शर्मा | मार्च 27, 2023
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देश-विदेश तक फैला है इन आदिवासी महिलाओं का कंदील व्यापार, देखिए रौशन होती इनकी जिंदगी की पूरी कहानी

जानते हैं, एक ऐसी जगह भी है, जहां इन कंदीलों ने आदिवासी महिलाओं की जिंदगी में रौशनी लाई है। बांस से बनी हुई चीजों की वजह से आज उनकी जिंदगी के साथ-साथ पूरे गांव की आर्थिक स्थिति में बदलाव आ गया। मिलिए, मुंबई से कुछ दूरी पर स्थित पालघर से 30 से 35 किलोमीटर दूर बसे इलाके में विक्रम गढ़ तालुका के गांव टेटवाली की महिलाओं से। ये महिलाएं अपने हाथों से बांस की चटाई, खिलौने, घर का सामान, रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल में आने वाली चीजें और इको-फ्रेंडली दिवाली बनाने के लिए बांस के तरह-तरह के रंग-बिरंगे कंदील बना रही हैं।

शिखा शर्मा | मार्च 23, 2023
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प्रेरणा

उत्तर पश्चिम रेलवे में शामिल हुईं 40 महिला सहायक लोको पायलट

अमूमन, जब भी किसी भी तरह की ड्राइविंग की बात आती है, तो दिमाग में पहले यही बात आती है कि चलाने वाला हो, वाली नहीं। कई बार लोगों को फ्लाइट में भी मजाक बनाते सुना है, अगर उन्हें पता चलता कि उस दिन की फ्लाइट में दो महिलाएं पायलट हैं। वह आपस में बात करते नजर आते हैं कि सेफ लैंड हो जाये बस, क्योंकि यह सोच है कि महिलाएं इस काम में पुरुषों की तुलना में कम होती हैं। लेकिन लगातार इस क्षेत्र में, महिलाओं ने कदम रखे हैं और इसी क्रम में लोको पायलट के रूप में भी महिलाओं की संख्या पहले की तुलना में बढ़ रही है और उनके इस कदम में साथ दे रहा है, उत्तर पश्चिम रेलवे।

टीम Her Circle | सितंबर 09, 2022

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