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मुंबई की अदालत ने महिला सहकर्मियों पर टिप्पणी करने वाले दो आरोपियों को जमानत देने से किया इंकार

टीम Her Circle |  जून 06, 2023

मुंबई की एक अदालत ने हाल ही में एक महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के अपराध में हिरासत में लिए गए दो पुरुषों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अपनी दो महिला सहयोगियों पर टिप्पणी की थी। गौरतलब है कि दिंडोशी की एक सत्र अदालत ने दो अलग-अलग मामलों में दो व्यक्तियों को राहत देने से इनकार कर दिया, यह मानते हुए कि हिरासत में पूछताछ आवश्यक थी। गौरतलब है कि यह मामले दो मामलों के तथ्यों के संबंध में रहे, एक रियल एस्टेट कंपनी की दो महिला अधिकारियों द्वारा उनके बिक्री प्रबंधकों के खिलाफ शिकायत करने के बाद सामने आये।

शिकायत में कहा गया है कि उनके प्रबंधकों ने कथित तौर पर कहा, “मैडम, आपने खुद को बहुत मेंटेन रखा है। . . आपका फिगर बहुत अच्छा है... क्या मैम, मेरे साथ बाहर जाने के बारे में कुछ सोचा नहीं? इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की।

दोनों प्रबंधकों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 509 (शब्द, हावभाव या किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्रबंधकों ने सत्र न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एजे खान ने कहा कि कार्य स्थल पर शिकायतकर्ताओं के प्रति अभद्रता और गंदी भाषा बोलने के आरोप गंभीर हैं।

आदेश में कहा गया "निःसंदेह, अपराध गंभीर है और उस महिला के खिलाफ है, जिसमें उपस्थित आवेदक/आरोपी ने अन्य अभियुक्तों के साथ कथित तौर पर अपमान किया है और कार्य स्थल पर शिकायतकर्ता के प्रति ऐसी गंदी भाषा बोली और शिकायतकर्ता और नियोक्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश की। अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में कई पहलू शामिल हैं और इसलिए अभियुक्तों से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता होगी।

अदालत ने इस बारे में कहा कि "वर्तमान मामले में कई पहलू शामिल हैं जिससे वर्तमान आवेदक/आरोपी की हिरासत में पूछताछ वास्तव में आवश्यक है अन्यथा जांच अधिकारी द्वारा वर्तमान आवेदक/आरोपी से पूछताछ करने का अधिकार छीन लिया जाएगा जो निश्चित रूप से अभियोजन पक्ष के मामले को प्रभावित करेगा।

*Image used is only for representation of the story

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