‘अरे तू इतनी जोर से मत हंस, लोग क्या कहेंगे’, ‘लड़की है क्या जो फूट-फूट कर रोता है’, ऐसी कई बातें हैं, जो अमूमन हम यूं ही किसी को कह देते हैं और कभी इस बात को नहीं समझते हैं कि आजादी के मायने केवल किताबों में नहीं हैं, आपकी निजी जिंदगी में आजादी से रिश्ता तभी जुड़ सकता है, जब आप उसे वास्तविक तरीके से जीने की कोशिश करें, तो आइए इसके बारे में जानें विस्तार से कि जिंदगी में हमें किन चीजों को आजादी खुल कर चाहिए।
मिले रोने की आजादी
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कई बार ऐसा होता है कि आप अगर किसी दूसरे के सामने रो दें या आपके आंसू निकल आएं, तो लोग आपको जज करने लगते हैं और मान कर बैठ जाते हैं कि आपको रोना नहीं चाहिए या फिर जो रोते हैं, वो बेहद कमजोर लोग होते हैं, साथ ही अगर घर के पुरुष कभी भी रोएं, तो आपको लगेगा कि रोना नहीं चाहिए। वो तो लड़का है, जबकि रोना एक स्वाभाविक क्रिया है, जिसे करने में आपको कोई शर्म नहीं आनी चाहिए। हर व्यक्ति को किसी भी जगह, किसी भी उम्र में रोने की आजादी मिलनी चाहिए, फिर चाहे वे जोर-जोर से रोएं या नॉर्मल रोएं। रोने में किसी भी तरह की शर्म महसूस करने की जरूरत नहीं है।
मिले अपनी भाषा बोलने की आजादी
कई बार ऐसा होता है कि आप जब किसी दूसरे शहर में जाती हैं और अपनी स्थानीय भाषा का प्रयोग करती हैं, तो वहां कई बार लोग आपका मजाक बना देते हैं, तो आप अपनी स्थानीय भाषा को लेकर खुद में झेंपने लगते हैं और इसे कम आंकने लगते हैं, लेकिन ऐसा आपको करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हर किसी को यह आजादी मिली हुई है और मिलनी ही चाहिए कि आप जहां चाहें, जैसे चाहें बोलें। इसे लेकर कभी शर्म महसूस न करें।
मिले खुद की मर्जी से बोलने की आजादी
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कई बार ऐसा होता है कि हम अपने घर पर या अपने दोस्तों के बीच जिस तरह की बातें करना चाहती हैं, नहीं कर पाते हैं, क्योंकि लोग क्या सोचेंगे या सामने वाले व्यक्ति आपको क्या बात करने का मौका देना चाहती हैं कि नहीं, इस पर अपनी बातचीत करने की शुरुआत करते हैं, लेकिन होना ही चाहिए कि जिंदगी में आप खुल कर अपनी बातचीत करें, अपनी मर्जी से बातें करें, बनावटी नहीं बनें। आजाद होकर ईमानदारी से बात रखें। दूसरों के भड़काने पर या किसी के बहकावे में न आएं।
मिले खुल कर खाने की आजादी
कई बार आप जब खाना खाने की चाहत रखती हैं, तो आप सवाल उठने लगते हैं कि अपना वजन देखा है क्या, तुम्हें ये नहीं खाना चाहिए, तुम्हारा रंग गहरा तो इन चीजों से परहेज करो, जबकि हर इंसान को खाने की आजादी होनी चाहिए, हर इंसान को अपना पेट भरने का हक होना ही चाहिए। इसलिए हर इंसान को रोजी रोटी कमाने का भी पूरा हक है और इसके लिए उसकी जो भी जद्दोजहद हो, उन्हें करने का मौका मिलना ही चाहिए।