टॉक्सिक रिश्ता केवल पति और पत्नी के बीच नहीं रहता। बल्कि किसी भी रिश्ते से इसे जोड़ा जा सकता है। ऐसा रिश्ता जहां पर न प्यार है और न ही नफरत केवल भावनाओं में केवल टॉक्सिक ही भरा पड़ा है। टॉक्सिक का मतलब होता है हानिकारक। किसी भी रिश्ते में जब एक दूसरे के प्रति हानि वाला भाव पैदा हो जाता है, तो ऐसे रिश्ते से बाहर निकलना जरूरी होता है। टॉक्सिक किसी व्यक्ति, संबंध या माहौल को भी कहा जाता है, जो मानसिक रूप से हानिकारक होता है। इस बारे में विस्तार से बता रही हैं काउंसलर श्वेता।
रिश्ते से बाहर निकलना आसान नहीं

टाक्सिक रिश्ते से खुद को बाहर निकालना आसान नहीं होता है, लेकिन कई बार यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हो जाता है। सबसे पहले यह पहचानना जरूरी है कि रिश्ता टॉक्सिक है या नहीं। कई बार अपमान, तिरस्कार और फिर मानसिक उत्पीड़न इसकी पहली निशानी होता है। एकतरफा समझौता और त्याग भी इसमें शामिल होता है। किसी रिश्ते में जलन, शक या फिर नियंत्रण करने की प्रवृत्ति भी टॉक्सिक के श्रेणी में आती है। रिश्ता भाई बहन का हो, माता-पिता या फिर दोस्तों के बीच भावनात्मक दूरी या फिर अनदेखी का यह मानसिक तौर पर परेशान करने वाला भाव पैदा करता है। कुल मिलाकर देखा जाए, तो अगर कोई रिश्ता आपके आत्मसम्मान को लगातार चोट पहुंचाता है, तो वह टॉक्सिक हो सकता है।
भावनाओं को स्वीकार करना

किसी भी रिश्ते में सामने वाली की भावना से पहले अपनी खुद की भावनाओं को स्वीकार करना जरूरी होता है। कई लोग शर्म या फिर डर के कारण इस बात को अक्सर नकार देते हैं कि वे किसी भी तरह के टॉक्सिक रिश्ते में हैं। आपको खुद से यह कहना और स्वीकार करना जरूरी है कि आपको रिश्ते में रहकर पीड़ा हो रही है। आपके लिए यह समझना जरूरी है कि पहले खुद को स्वीकर करना और खुद की भावनाओं को समझना और परखना जरूरी है। सामने वाले व्यक्ति की भावना से पहले आपके लिए खुद की भावनाएं मायने रखती हैं। इससे यह होगा कि आप खुद की भावनाओं को समझ कर उसे अपनाकर उसके साथ आगे बढ़ने में समर्थ होते हैं, फिर आपको अपने रिश्ते से और सामने वाले व्यक्ति से अधिक खुद की भावनाओं की कद्र होती है, खुद की फ्रिक होती है। कोई भी रिश्ता तभी सफल होता है, जब आप सामने वाले व्यक्ति की अहमियत को समझते हुए रिश्ते में खुद को पहले आगे रखें। अगर आप सामने वाले व्यक्ति के भावनाओं से आहत होकर खुद को अंधेरे की तरफ लेकर जाती हैं, तो यह आपके लिए रेड फ्लैग साबित हो सकता है।
सीमाएं तय करना
यह हमेशा पाया गया है कि अगर आप किसी के साथ टॉक्सिक रिश्ते में हैं, तो एक नहीं बल्कि कई बार आपकी बनाई हुई सीमा का उल्लंघन सामने वाला व्यक्ति जरूर करता है। ऐसे में हमेशा आपको इस बात का ध्यान रखना है कि बिना किसी झिझक के न बोलना सीखना है। ना बोलना आपको लिए एक हथियार के तौर पर काम करता है। आपके लिए यह बहुत जरूरी है कि अपने समय, स्पेस और भावनाओं की भी आपको रक्षा करनी चाहिए। साथ ही आपको सामने वाले व्यक्ति की गलती को अनदेखा नहीं करना है। आपको माफ करने वाला स्वभाव बदलना होगा। किसी भी रिश्ते में एक या दो छोटी-बड़ी गलती माफ की जा सकती है। लेकिन सामने वाला व्यक्ति कई बार गलती कर रहा है और उसे अपनी गलती पर किसी भी तरह का पश्चतावा नहीं है, तो आपको बार-बार माफ करना बंद करना चाहिए। यह तब और भी जरूरी होता है, जब सामने वाला व्यक्ति बदलने की कोशिश नहीं करता है।
मदद मांगने में शर्म न करें

अगर कई बार आपको यह लगता है कि रिश्ते से बाहर आना या फिर उस रिश्ते के लिए आपको अपनी आवाज उठाने में किसी भी तरह की तकलीफ हो रही है, तो इसके लिए साइकोलॉजिस्ट या थेरेपिस्ट से बात करना बहुत फायदेमंद हो सकता है। वे आपको यह समझने में मदद कर सकते हैं कि आपको क्यों उस रिश्ते में बने रहने की आदत है और बाहर निकलने की योजना कैसे बनानी है। साथ ही इस तरह से आप किसी भी तरह के तनाव से खुद को बाहर निकालने में सक्षम होते हैं, इसलिए बहुत जरूरी है कि आप किसी एक्सपर्ट से मदद ले। अक्सर लोगों को लगता है कि किसी तरह के साइकोलॉजिस्ट को दिखाने आपको मानसिक बीमार दिखाता है, तो ऐसा नहीं है। इन दिनों अपने प्रोफेशनल और प्राइवेट रिश्ते को सुरक्षित रखने और खुद को किसी भी तरह का तनाव का हिस्सा नहीं बनाने के लिए कई लोग साइकोलॉजिस्ट की मदद लेते हैं। यह अब बिल्कुल आम बात हो गई है। आपको किसी न किसी निजी अस्पताल में साइकोलॉजिस्ट और थेरेपिस्ट जरूर मिलते हैं।
सेल्फ केयर

आपको किसी भी हालत में खुद की सेल्फ केयर करने की जरूरत होती है। आपके लिए खुद की केयर करना जरूरी है। खुद की केयर से यहां मतलब है, खुद को मजबूत बनाना। आपको अपने आत्मसम्मान को बढ़ाने के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। खुद के लिए समय निकालना और खुद की खुशियों को महत्व देना आपके लिए सबसे जरूरी हो जाता है। इसके लिए आपको अपने पसंद की गतिविधियों पर ध्यान देना जरूरी है। आप इसके लिए योग, ध्यान,डांस,पेटिंग और घूमने जैसी कई सारी एक्टिविटी कर सकती हैं। ध्यान रखें कि आपको खुद को ऐसी चीजों में शामिल करना, जो आपके मन को खुशी पहुंचाएं। कुल मिलाकर, आपको वह सारे काम करने चाहिए, जिससे आपको खुशी मिलें।
लोगों से बात करना
आपको कभी-भी लोगों से बात करना बंद नहीं करना है। आपको संवाद करना बंद नहीं करना है। चुप्पी आपके अकेलेपन को और भी गहरा कर देगी। इसके लिए आपको अपने आस-पास लोगों से दोस्ती करनी है। आपको ऐसे लोगों का चुनाव अपने जीवन में करना है , जो आपको किसी भी हालात में जज न करें। आप इसके लिए दोस्त, परिवार या फिर किसी मेंटर के साथ अपने अकेलेपन के सफर को किसी के साथ से आगे बढ़ा सकती हैं। आपको अपने करीब सकारात्मक लोगों को रखना है और सकारात्मक ऊर्जा से अपने जीवन की निगेटिव ख्यालों और निगेटिव लोगों को दूर करना है।
धीरे-धीरे दूरी बनाना जरूरी
आपके लिए यह जरूरी है कि आप धीरे-धीरे अपने टॅाक्सिक रिश्ते से दूरी बना कर रखें। अगर आपके लिए सीधे तौर पर उस रिश्ते से बाहर निकलना या फिर रिश्ते को ब्रेक करना आसान नहीं है, तो आप हर दिन एक-एक स्टेप लेकर आगे बढ़ें। इसके साथ अपने रिश्ते के साथ धीरे-धीरे भावनात्मक और शारीरिक दूरी बनाकर रखें। इसके लिए आप खुद को मानसिक तौर पर शांति देने के लिए अपने रिश्ते के साथ कम बात करना शुरू कर दें। साथ ही यह भी जरूरी है कि सोशल मीडिया से भी दूरी बनाकर रखें। आपके लिए यह भी जरूरी है कि जब भी कोई विवाद आपके रिश्ते के साथ होता है, तो उसमें सफाई देना बंद करें कि आपने ऐसा क्यों किया और किसलिए किया। आपके लिए जो गलत है वो गलत होना चाहिए। जब आप किसी से बातचीत बंद करते हैं या फिर बात कम करते हैें, तो इससे सामने वाला व्यक्ति यह समझ जाता है कि आप उनसे दूरी बनाकर रखना चाहते हैं। इसे कम शब्दों में बहुत कुछ कहना कहा जाता है।