बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति को संभालना आसान नहीं है। इसके चलते आपको अपना कल आज और कल भी देखना होता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर फाइनेंस थोड़ा बिगड़ जाए, तो समझ में नहीं आता कहां से शुरू करें। लेकिन इसे लेकर आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आप एक सही तरीके के प्लानिंग के साथ अपने बिगड़े हुए फाइनेंस के हालात को संभाल सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि 5 तरीके से अपने बिगड़े हुए फाइनेंस की स्थिति को कैसे संभाल सकती हैं।
फाइनेंस को संभालने के लिए खर्च लिखना शुरू करें

अपने हर गिन के फाइनेंस के हालात को संभालने के लिए आपको खर्च का हिसाब बनाकर लिखना जरूरी है। आप अपनी एक डायरी बनाएं और इसमें आप अपने हर दिन, हर सप्ताह और हर महीने का हिसाब लिखें। इससे आपको यह समझ आएगा कि आपने कब और कितना खर्च किया है और आपको अगले दिन कितना खर्च करना है। आपको अपने खर्च की कैटेगरी बनानी होगी। खाना-पीना,यातायात और घर का खर्च का भी विवरण इस डायरी में लिखें। आप इस नोटबुक को अपने मोबाइल ऐप पर भी बना सकती हैं। आपको हर हफ्ते या फिर महीने के अंत में टोटल खर्च को जोड़े। और साथ ही यह भी देखें कि कहां सबसे ज्यादा खर्च हो रहा है। आपको अपने आगे के लिए भी बजट बनाना होगा। इस तरह से खर्च लिखने के कारण आपके पास इस बात का आकलन करने का समय और अंदाजा रहता है कि आपने पिछने दिन, पिछले सप्ताह, पिछले महीने के साथ पिछले साल कितने ुैसे खर्च किए और साथ ही आपको यह भी समझ आता है कि आपको कहां पर जरूरी खर्च करना है और कहां पर आपको खर्च नहीं करना है। साथ ही आपको अपने हर दिन की पाई-पाई का हिसाब लिखना चाहिए। 10 रूपए की धनिया से लेतर 800 रुपए के मोबाइल रिचार्ज तक, इन सारी चीजों की जानकारी आपको अपने खर्च विवरण में जरूर शामिल करनी चाहिए।
खर्च संभालने के लिए बजट कैसे बनाएं

यह ध्यान रखें कि खर्च को संभालने के लिए आपको बजट बनाना बहुत जरूरी है। इससे यह होगा कि आप अपने हर महीने की कुल आमदनी को सही तरीके से खर्च करने में खुद को सही तरीके से आगे बढ़ा पाती हैं। आपको इस दौरान भी अपने खर्च को दो भागों में बांट लेना है। इसके लिए सबसे पहले जरूरी खर्च की एक लिस्ट तैयार करनी होगी। जरूरी खर्च में किराया, बिजली और पानी का बिल, स्कूल और कॉलेज की फीस,लोन और साथ ही किसी भी तरह की ईएमआई भी शामिल है। साथ ही आपको दूसरे भाग पर भी नजर रखनी है, जो कि गैर जरूरी खर्च होता है। गैर जरूरी खर्च में बाहर खाना, घूमना, शॉपिंग और बाकी चीजें शामिल हैं, जो कि खास तौर पर आपके जरूरत से जुड़ी हुई नहीं होती हैं। साथ ही जब भी आप अपने कमाई से बजट तैयार करती हैं, तो आपको अपनी कुल कमाई को ध्यान में रखते हुए पैसे को बांटना होता है। अगर आप 50 प्रतिशत की कमाई अपने जरूरी कामों को देते हैं, तो 30 प्रतिशत का आप शौक की चीजों पर निकाल देती हैं। इसके बाद बारी आती है सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट की। आप अपने आज के आर्थिक हालात संभालने के दौरान अपने भविष्य की आर्थिक सहायता को किसी भी लिहाज से अनदेखा न करें। साथ ही आपको हर महीने अपने खर्च को लेकर समीक्षा करना जरूरी है।
खर्च को ट्रैक करना

यह जान लें कि जब भी आपका फाइनेंस थोड़ा बिगड़ जाए, तो आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप अपने खर्च को ट्रैक करें। इसके जरिए आप अपने खर्च पर संयम पा सकती हैं और साथ ही आप अपने बिगड़े हुए फाइनेंस के हालात को भी संभाल सकती हैं। इसके लिए जरूरी है कि जैसे है किसी भी तरह का खर्च होता है, तो आपको उसे तुरंत मोबाइल पर नोट्स में या फिर किसी बुक में दर्ज करना चाहिए। खर्च 100 रुपए का हो या फिर 10 हजार का, आपको हर एक पैसे का हिसाब रखने आना चाहिए। आपको अपने बजट में जरूरी खर्च से लेकर गैर जरूरी खर्च को शामिल करना है, लेकिन इसके साथ ही आपके पास फालतू के खर्चों का भी हिसाब होना चाहिए।आप अपने खर्च को ट्रैक करने के लिए टूल्स या ऐप का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। आप मनी मैनेजर, गुड बजट, वाॅलनट के साथ आप अपने बजट को अच्छी तरह से ट्रैक कर सकती हैं। साथ ही हर दिन घर पहुंचने के बाद रात में सोने से पहले आपको अपने दिनभर के खर्चों को नोट करना है और पैसे का हिसाब तैयार करना चाहिए। सप्ताह में एक बार आपको एक रिपोर्ट भी तैयार करनी चाहिए। इसमें आपको यह तय करना चाहिए कि आपका कुल कितना खर्च हुआ है, क्या किसी खर्च को टाला जा सकता है और सबसे ज्यादा पैसे कहां पर खर्च हुए हैं, इन सारे सवालों को जानने में भी सहायता मिलेगी।
बजट का लक्ष्य तय करना

अपने बिगड़े हुए फाइनेंस को संभालने के लिए जरूरी है कि आप अपने बजट के लक्ष्य को भी तय करें। आप अपनी कमाई के साथ एक सीमा बांधें, तभी आप अपने बिगड़े हुए फाइनेंस के हालात को सुधारने में कामयाब हो पायेंगी। इससे आपको एक सही दिशा मिलती है कि आपको कब और कहां साथ ही किस तरह अपने पैसों को खर्च करना है। आपको अपने वास्तविक हालातों का आकलन करना आना चाहिए। आपके पास एक स्मार्ट लक्ष्य होना चाहिए। स्मार्ट से हमारा मतलब है कि आप अपने बजट का लक्ष्य भी तय करें और साथ ही बचत भी करें। आप अगर महीने के 20 हजार कमाती हैं, तो आपको हर महीने कम से कम 2 से 5 हजार की बचत जरूर करनी चाहिए। आपको अपने खर्च और बचत को लेकर एक तय सीमा भी बनाना चाहिए। आपको हर महीने अपनी कमाई में से 10 से 20 प्रतिशत की जरूरी बचत करनी चाहिए। साथ ही इमरजेंसी फंड की भी योजना को पूरा करना चाहिए। आपके पास अगर किसी भी प्रकार का खर्च मौजूद हैं, तो आपके ऊपर अगर किसी भी तरह का कर्ज है, तो आपको सबसे पहले उस कर्ज को पूरा करने की योजना बनानी चाहिए। अगर आपके ऊपर किसी भी तरह की ईएमआई है या उधार है, तो
फाइनेंस की परेशानी से बाहर निकलने के लिए बजट बनाना

बजट की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इससे न सिर्फ आप अपने खर्चों पर कंट्रोल रख सकती हैं, बल्कि सेविंग्स और निवेश की भी योजना बनाने में सहायता प्रदान करता है। बजट बनाने के लिए सबसे पहले आपको अपनी कमाई और खर्च को एक साथ रखना होगा। आप अपना हर महीने का बजट बनाएं और साथ ही हर महीने के अंत में कोशिश करें कि आने वाले महीने का खर्च पिछले महीने के खर्च से कम होना चाहिए। आप पिछले 2 से 3 महीने के खर्चों को देखकर अंदाजा लगा सकती हैं कि कहां सबसे अधिक पैसा जा रहा है। आपको अपना फाइनेंशियल गोल्स भी सेट करना है। आपको अपने हर साल के फाइनेंशियल गोल्स के साथ अपने हर महीने के बजट को तैयार करना है। जैसा कि हम आपको बता दें कि आपको अपने फाइनेंस के गणित को समझने और संभालने के लिए ट्रैकिंग की आवश्यकता है।
खराब फाइनेंस को संभालने के लिए इन नियमों का पालन करें
साथ ही खराब फाइनेंस को संभालने के लिए आपको जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए। इसके लिए आपको अपनी कुल कमाई, खर्च और कर्ज का पूरा हिसाब लगाना आना चाहिए। अगर आपकी फाइनेंस की हालत काफी खराब है, तो बाहर खाना, ऑनलाइन शॉपिंग, ब्रांडेड चीजों को खरीदने पर कंट्रोल रखना चाहिए। 100 रुपए ही सही। लेकिन आपको हर महीने सेविंग जरूर करनी चाहिए। आप आनलाइन बैंकिंग के जरिए ऑटोमेटिक सेविंग सेट कर सकती हैं। जैसे एसआईपी, आरडी, पोस्ट आफिस स्कीम आदि। पहले अपने खर्च और कर्ज का ध्यान रखें उसके बाद आप दूसरी जगह पर निवेश की योजना बनाएं।