img
हेल्प
settings about us
  • follow us
  • follow us
write to us:
Hercircle.in@ril.com
terms of use | privacy policy � 2021 herCircle

  • होम
  • कनेक्ट
  • एक्स्क्लूसिव
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प

search

search
all
communities
people
articles
videos
experts
courses
masterclasses
DIY
Job
notifications
img
Priority notifications
view more notifications
ArticleImage
होम / एन्गेज / प्रेरणा / ट्रेंडिंग

RakshaBandhan 2024 : महिलाएं जब साम्राज्य को बचाने के लिए बनीं प्रेरणा

टीम Her Circle |  अगस्त 19, 2024

ऐसी मान्यता है कि इतिहास में केवल भाई-बहन के रिश्ते तक ही यह त्योहार सीमित नहीं रहा, कई रूपों में साम्राज्य बचाने के लिए भी महिलाओं ने कदम उठाये। आइए जानते हैं इसके बारे में। 

क्या हैं मान्यताएं

रक्षाबंधन को भाई-बहन के त्योहार के रूप में मनाते हैं, लेकिन यह सिर्फ एक त्योहार के रूप में ही सीमित नहीं, बल्कि महिलाओं की शक्ति और आस्था का भी प्रतीक है और इतिहास इस बात का गवाह है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि जब कुंती यानी पांडवों की मां ने कुरूक्षेत्र युद्ध से ठीक पहले अर्जुन और सुभद्रा के बेटे अभिमन्यु की कलाई पर रक्षा का बंधन बांध दिया था, ताकि उसकी रक्षा हो सके। यही नहीं मान्यता यह भी है कि जब इंद्र राजा महाबली के खिलाफ युद्ध शुरू करने वाले थे, तब उनकी पत्नी ने इंद्र की पत्नी शची ने अपने पति को राखी बांधी थी। एक मान्यता यह भी है कि जब भगवान कृष्ण पर उनके मामा कंस द्वारा अत्याचार किया जा रहा था, तब भी कृष्ण की मां ने कृष्ण की रक्षा करने के लिए एक पवित्र धागा बांध दिया और साथ ही साथ कृष्ण, जो द्रौपदी को अपनी बहन मानते थे, उन्होंने कृष्ण और शिशुपाल के बीच जब युद्ध हुआ और कृष्ण की उंगली कटी, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक पट्टी फाड़ कर बांध दी। ऐसी मान्यता भी है कि महिलाओं को शक्ति का रूप माना जाता है, लेकिन सिर्फ ताकत के लिहाज से नहीं, बल्कि भावनाओं, बुद्धि और इच्छाशक्ति के लिहाज से भी। पूर्वज मानते हैं कि महिलाओं में ये सभी शक्तियां होती हैं। अगर पहले के समय की बात करें, तो पहले के समय में, अक्षदा, बिना टूटे चावल को कपड़े के एक लंबे टुकड़े में लपेटा जाता था, जिसे बांधने के लिए एक बैंड के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। 

साम्राज्य को बचाने के लिए  

कई इतिहासकार मानते हैं कि ऐसे कई साम्राज्य रहे, जिन्हें बचाने में महिलाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। दरअसल, कई बार रानियां अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए अपने दुश्मनों को राखी भेजी थी। दरअसल, सिकंदर की पत्नी, जिसे ग्रीक में रोक्साना और भारत के उत्तर पश्चिम में रोशनाक के नाम से जाना जाता है उन्होंने राजा पुरुरुवा को एक रक्षा का धागा भेजा और सिकंदर को मृत्यु नहीं देने का अनुरोध किया था। वहीं राजस्थान के चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने वर्ष 1535 ई में मुगल राजा हुमायूं को राखी के रूप में एक कंगन भेजा था। किसी दौर में धर्म और जाति वर्ग के भेद को मिटाने के लिए भी राखी बांधने की परंपरा रही। रक्षा बंधन जाति और वर्ग की भावनाओं को मिटाने के लिए भी मनाया जाता था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, रवीन्द्रनाथ टैगोर ने विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे और बहनापे को बढ़ाने के लिए रक्षा बंधन के त्योहार की लोकप्रियता को बरकरार रखा। खास बात यह रही कि यह बंधन और अधिक मजबूती की तरफ बढ़ा, जब  1923 में अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया था।

 

शेयर करें
img
लिंक कॉपी किया!
edit
reply
होम
हेल्प
वीडियोज़
कनेक्ट
गोल्स
  • © herCircle

  • फॉलो अस
  • कनेक्ट
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प
  • हमें जानिए
  • सेटिंग्स
  • इस्तेमाल करने की शर्तें
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • कनेक्ट:
  • email हमें लिखें
    Hercircle.in@ril.com

  • वीमेंस कलेक्टिव

  • © 2020 her circle