img
हेल्प
settings about us
  • follow us
  • follow us
write to us:
Hercircle.in@ril.com
terms of use | privacy policy � 2021 herCircle

  • होम
  • कनेक्ट
  • एक्स्क्लूसिव
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प

search

search
all
communities
people
articles
videos
experts
courses
masterclasses
DIY
Job
notifications
img
Priority notifications
view more notifications
ArticleImage
होम / एन्गेज / साहित्य / किताब-घर

विश्व हिंदी दिवस : हिंदी की इन किताबों के साथ जीवन में घोलिए ‘प्रेरणा’ की मिठास

टीम Her Circle |  जनवरी 10, 2025

 

'विश्व हिंदी दिवस' हर साल 10 जनवरी को हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए मनाया जाता है। विश्व में हिंदी की लोकप्रियता को कायम रखने में हिंदी साहित्य का और साथ ही हिंदी लेखकों का योगदान अविस्मरणीय रहा है। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हम आपको ऐसी हिंदी की किताबों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आपको अपने किताबों की अलमारी में जरूरी शामिल करना चाहिए। यह किताबें आपके जिंदगी में बदलाव करने के साथ आपके जीवन के कई मुश्किल पड़ाव में आपके लिए सकारात्मक सोच की राह बनकर आयेंगी। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हम उन किताबों के बारे में बात करेंगे, जो आपके जीवन की सोच को सही दिशा दे सकती है। साथ ही अगर आप हिंदी में कुछ खास किताबों को पढ़ना चाहती हैं, तो एक बार हमारी बताई हुई इल सूचि पर जरूर विचार करें।

आइए पढ़ते हैं विस्तार से।

विटामिन जिंदगी- ललित कुमार

ललित कुमार के जीवन सफर पर आधारित किताब विटामिन जिंदगी आपके जीवन को नई दिशा देती है। पोलियो जैसी गंभीर बीमारी के बाद भी अपने जीवन में कैसे हौसले की उड़ान भरते हैं, इसी कहानी को बयान करती हैं।ललित कुमार ने इस किताब में यह बताया है कि कैसे पोलियो जैसी गंभीर बीमारी ने उनके जीवन को आधी पटरी पर ला दिया था, लेकिन अपनी मेहनत और जज्बे के बलबूते पर उन्होंने भीड़ से अलग हटकर अपने लिए एक खास जगह बना दी है। एक तरह से देखा जाए, तो यह किताब हौसले के सफर को दिखाती है। यह किताब बताती है कि कैसे आप असमान्य से असाधरण तक का सफर तय कर सकती हैं। इसके लिए केवल आपको सेल्फ लव और खुद पर विश्वास रखने का जज्बा होना चाहिए।उन्होंने इस किताब यह बताया है कि कैसे एक बच्चे को 4 साल की उम्र में पोलियो की मार झेलनी पड़ी और फिर उसने कैसे संघर्ष के बीच खुद के रास्तों पर सफलता और प्रकाश का फूल बिछाया है।जिंदगी में आने वाले मुश्किल समय को कैसे चुनौतियों में बदला जा सकता है, लेखन ने इस किताब के जरिए बखूबी बताया है।

पिंजर-अमृता प्रीतम

अमृता प्रीतम द्वारा लिखित ‘पिंजर’ एक महिला के प्रेम, त्याग, परिवार और खुद की तलाश की कहानी है, जो कि विभाजन की पीड़ा में पूरी तरह से लिपटी हुई है। यह कहानी पूरो और राशिद नामक के व्यक्ति के ईद-गिर्द घूमती है, जो कि शादी से पहले अगवा कर ली जाती है और फिर विभाजन के कारण पूरो अपने परिवार और प्यार के साथ देश से भी जुदा हो जाती है।पिंजर की कहानी सीखाती है कि वक्त कभी-भी अपनी मार से आपको जख्मी कर सकता है। इस दौरान कैसे आपको हर मुश्किल का सामना रखने की ताकत रखनी चाहिए। यह जान लें कि ‘पिंजर’ को भारत के विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया सबसे बेहतरीन उपन्यास माना जाता है। हिंदी साहित्य में इस किताब को खास स्थान दिया गया है। इतिहास के पन्नों में कई बार हमें ऐसी कहानियां भी मिल जाती हैं, जो हमें जीवन के उस दौर में ले जाती है, जिसका सामना हम हकीकत में कभी-भी नहीं करना चाहते हैं।

वोल्गा से गंगा-राहुल सांकृत्यायन

महापंडित राहुल सांकृत्यायन की लिखी गई किताब ‘वोल्गा से गंगा’ एक नहीं, बल्कि 20 लघु कथाओं का मेला है। दिलचस्प है कि इस किताब की लघु कथाएं 6 हजार ईसा पूर्व से शुरू होती हैं और 1942 पर समाप्त होती है। यह सारी कहानियां अपने आप में एक यात्रा करते हुए पाठकों के दिल और दिमाग में निवास करती हैं। दिलचस्प है कि राहुल द्वारा लिखित यह सभी लघु कथाएं विज्ञान, इतिहास को भी बारीकी से समझाती है। यह किताब आप किसी भी दशक में पढ़ें, यह हमेशा प्रासंगिक रहती है। इसकी सारी कहानियां 8 हजार वर्षों से अधिक पुरानी होने के साथ रोचक और ज्ञानवर्धक है। इस किताब को साहित्य प्रेमियों को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।

तीन हजार टांके-सुधा मूर्ति 

टांके का नाम सुनकर आपको भले ही दर्द याद आता हो, लेकिन लेखिका सुधा मूर्ति की किताब Three Thousand Stitches का हिंदी संस्करण तीन हजार टांके प्रेरणा की धार आपके जीवन में उतारती है। यह किताब इस बात का एहसास दिलाती है कि हर एक महिला के लिए कितना जरूरी है महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करना। दिलचस्प यह है कि सुधा मुर्ती ने खुद अपने जीवन से जुड़े ग्यारह ऐसी घटनाओं का जिक्र यहां किया है, जो आपको नकारात्मकता से सकारात्मकता के रास्ते पर लेकर जाती है, वो भी अपनी व्यंग्यात्मक लेखन शैली के साथ। इस किताब के चुनिंदा विषयों पर बात करें, तो रासलीला और स्विमिंग पूल में पोते-पोतियों की कहानी, विदेश में सिनेमा कैसे भारतीय संस्कृति की मजबूत कड़ी बना हुआ है और बनारस की महक के साथ देशी और विदेशी सब्जी का वर्णन इस किताब को छप्पन भोग की थाली बना देता है। अंग्रेजी और हिंदी में मौजूद यह किताब अपने हर अध्याय के साथ केवल संघर्षों में कैसे नौका पार की जाती है, इसका संदेश देती है, तो अगर आप भी पद्म भूषण से सम्मानित सुधा मूर्ती के 72 साल के जीवन के 11 अनोखे अनुभव से जीवन का स्वाद चखना चाहती हैं, तो आपको तीन हजार टांके की अनुभव भरी यात्रा से जरूर रूबरू होना चाहिए।

आजादी मेरा ब्रांड - अनुराधा बेनीवाल 

क्यों नहीं चलने देते तुम मुझे? मैं चलते-चलते जैसे चीखने लगती हूं, क्यों इतना मुश्किल है एक लड़की का अकेले घर से निकल कर चल पाना? मैं ये आजादी लिए बिना नहीं जाऊंगी। ये सारे सवाल हर उस लड़की के जीवन का हिस्सा है, जो समाज की घुटन से आजाद होने का प्रयास कर रही है। उन सभी की आवाज को अपनी लेखनी के जरिए बयां किया है अनुराधा बेनीवाल अपनी किताब आजादी मेरा ब्रांड के जरिए। अनुराधा बेनीवाल ने अपनी इस किताब में सिर्फ अकेली लड़की के यूरोप के 13 देशों की घूमने की कहानी बयां नहीं की है, बल्कि वो ये बता रही हैं कि एक लड़की धरती पर नहीं रहती, बल्कि समाज में रहती हैं। ऐसा समाज जो शहर हो या गांव एक लड़की का अकेले सड़क पर चलना बर्दाश्त नहीं सकता। यूरोप घूमते हुए जिस तरह अनुराधा ने महिलाओं को आजादी और सम्मान का आईना दिखाया है, वह उनकी सरल लिखावट और सोच में साफ झलकता है। अपनी किताब के जरिए लेखिका समाज को बदलने की चिंगारी नहीं जला रही हैं, बल्कि हर महिला को घुमक्कड़ी करना सीखा रही हैं। वो बता रही हैं कि अगर तुम लड़की हो, तो अपने गांव में घूमो, गांव में घूम नहीं पा रही, तो शहर में घूमो, इस समाज में नहीं घूम पा रही हो, तो अपनी सोच की दुनिया में घूमो, लेकिन घूमो जरूर, क्योंकि यही असली आजादी है, विचारों की आजादी, खुद से मिलने की आजादी, बेपरवाह होने की आजादी। आजादी आजाद होने की। खुल कर चलने की। खुली हवा में सांस लेने की आजादी। अब आप इतना, तो समझ गए होंगे कि ये किताब सिर्फ एक ट्रैवल गाइड नहीं है, बल्कि ये किताब असल मायने में बताती है कि तू छोरी नहीं है, तू आजाद है और उड़ सकती है। फिलहाल, इस किताब को पढ़ने के लिए यही सबसे बड़ी वजह है कि ये किताब नहीं एक खत है, आजाद देश की आजाद लड़कियों के लिए।

ऑल द ब्राइट प्लेस उपन्यास

यह एक उपन्यास है, जो कि जीवन और मृत्यु के बीच के संबंध को बखूबी दिखाता है। .युवा लेखक जेनिफर निवेन ने इसे लिखा है। यह एक मानसिक बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति की कहानी है। इस कहानी में हास्य, रोमांस और जीवन की नई दिशा दिखती है। यह दो युवाओं की उभरते हुए उम्र की कहानी है। इस पुस्तक के दोनों किरदार जीवन की पीड़ा का सामना कर रहे हैं। जहां पर दोनों एक दूसरे से मुलाकात कर एक दूसरे को अंधेरे से बाहर निकालते हैं। इस पुस्तक के माध्यम से लेखक ऊपर वाले के दिए गए जीवन की कदर करना और उसकी सराहना करते हुए मुश्किल हालातों में भी सकारात्मक रहने का संदेश दे रहे हैं।



शेयर करें
img
लिंक कॉपी किया!
edit
reply
होम
हेल्प
वीडियोज़
कनेक्ट
गोल्स
  • © herCircle

  • फॉलो अस
  • कनेक्ट
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प
  • हमें जानिए
  • सेटिंग्स
  • इस्तेमाल करने की शर्तें
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • कनेक्ट:
  • email हमें लिखें
    Hercircle.in@ril.com

  • वीमेंस कलेक्टिव

  • © 2020 her circle