काली मिर्च एक ऐसी चीज है, एक ऐसा मसाला है, जिसके स्वास्थ्य के कई सारे फायदे होते हैं और इन्हें अपने खान-पान में शामिल करना ही चाहिए। आइए जानें इसके स्वास्थ्य के फायदे।
काली मिर्च, संस्कृत शब्द ‘पिप्पली’ से आया है और इसे स्वास्थ्य का काला सोना कहा जाता था। भोजन को स्वादिष्ट बनाने, शरीर को कई बीमारियों से बचाने वाला काली मिर्च कमाल तरीके से काम करता है। यह कई तरह से व्यंजन में तीखापन लाता है और साथ ही शरीर को कई रोगों से मुक्त करने की कोशिश करता है। काली मिर्च अपने स्स्वाद बढ़ाने वाले गुणों के अलावा कई तरह से स्वास्थ्य वर्धक भी है। गौर करें यह मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम भारत में मालाबार तट के उष्णकटिबंधीय जंगलों में पाया जाता है, जो केरल, गोवा और कर्नाटक के क्षेत्रों के आसपास है। यह मसाला बेल के पौधे का सूखा कच्चा फल है। काली मिर्च और इसकी कटाई के समय के आधार पर इसका रंग अलग-अलग होता है। एक और बात जानने योग्य है कि प्राचीन ग्रीस और प्राचीन रोम में काली मिर्च लोग खूब खाया करते थे। और खासतौर से लोग पुनर्जागरण के दौर में यह और लोकप्रिय हुई। काली मिर्च उत्पादन का लगभग 39 प्रतिशत वियतनाम से आता है, इसलिए अगली बार वहां जाएं तो काली मिर्च लेना न भूलें। फिर अगर बात इंडोनेशिया की आती है, तो लगभग 15 प्रतिशत उत्पादन इसका होता है और भारत और ब्राजील में इसका लगभग 10 प्रतिशत उत्पादन किया जाता है।
एंटीऑक्सीडेंट

अब बात अगर एंटीऑक्सीडेंट की की जाये, तो यह भोजन का स्वाद बढ़ाने के अलावा, यह अपने बायोएक्टिव कम्पाउंड के कारण भी अधिक जाना जाता है, इसमें जो पिपेरिन होता है, वह काफी महत्वपूर्ण होता है। पिपेरिन के बारे में आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि यह एक प्राकृतिक अल्कलॉइड है, जो काली मिर्च को उसका तीखा स्वाद देने देता है। साथ ही यह मुख्य कम्पाउंड है, जो काली मिर्च के स्वास्थ्यवर्धक गुणों को और बढ़ावा देता है। इसमें जो पिपेरिन होता है, उसे एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस, हृदय रोग और तंत्रिका संबंधी स्थितियों जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। अगर बात इसके कम्पाउंड की की जाये, तो इसमें पोषक तत्व भरपूर होते हैं और यह काफी अच्छे तरीके से प्रभाव डालता है। एक बात आपको जाननी ही चाहिए कि जब भोजन में काली मिर्च मिलाते हैं, तो आप अपने ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं, क्योंकि उसमें अब्सॉर्ब करने वाले पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
पेट का स्वास्थ्य
अगर हम पेट के स्वास्थ्य की बात करें, तो काली मिर्च आपके पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड को बेहतर करने में मदद करती है, ताकि आप अपने द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को बेहतर तरीके से पचा सकें और अब्सॉर्ब कर सकें। इसमें कार्मिनेटिव गुण भी होते हैं, जो आपके पेट को बेहतर करते हैं और गैस के निर्माण को कम करने में मदद करते हैं।
इम्यून सपोर्ट

अब बात अगर इम्यून सिस्टम की आती है, तो काली मिर्च के सेवन से बीमारी से बचने में आपकी मदद होती है और यह आपको एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली देने में मदद करता है। साथ ही काली व्हाइट सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे कि आपके शरीर में जितनी भी बीमारियां होती हैं, उन्हें वायरस और बैक्टेरिया से लड़ने में मदद मिलती है। इस काली मिर्च यानी ब्लैक पेपर में खास तौर पर ओलियोरेसिन और एल्कलॉइड होते हैं, जो कि एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनोइड्स, एसेंशियल ऑयल और अन्य फेनोलिक कम्पाउंड भी होते हैं, जो आपके सेल्स की रक्षा करने और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
कई मिनरल्स से भरपूर
काली मिर्च में अच्छी मात्रा में विटामिन के, विटामिन-ई, विटामिन-ए, थायमिन (बी1, रिबोफ्लेविन (बी2), पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 ), विटामिन बी6, मैंगनीज, कॉपर, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सेलेनियम, जिंक और क्रोमियम होते हैं।
एंटी-इंफ्लेमटरी
काली मिर्च का यह गुण होता है कि यह सूजनरोधी होता है। इसकी वजह से अगर आप गठिया, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी कई स्थितियों से जूझ रहे हैं, तो यह आपको पूरी तरह से उससे बचाता है और दर्द से उभरने में मदद करता है। अगर कई प्रयोगशाला अध्ययनों की बात की जाये, तो पता चलता है कि काली मिर्च में मुख्य सक्रिय कम्पाउंड यानी एक्टिव कम्पाउंड पिपेरिन है, जो सूजन से प्रभावी रूप से लड़ सकता है।
मस्तिष्क के लिए अच्छा

काली मिर्च में जो पिपेरिन होता है, वह मस्तिष्क को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। यह अल्जाइमर के रोगियों के लिए भी काफी अच्छा होता है।
ब्लड सर्कुलेशन
अगर बात ब्लड सर्कुलेशन की की जाये, तो पिपेरिन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही अगर आप वजन नियंत्रण करना चाहती हैं, तो इसे पानी में मिला कर पीना आपके लिए बेहतर साबित होता है। यह हार्मोन इंसुलिन को भी बेहतर बनाता है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को करता है कंट्रोल
एक बात जानने योग्य है कि काली मिर्च पीने से या खाने में उपयोग करने से उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल से जुड़े हृदय रोग को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। काली मिर्च और पिपेरिन को आहार पूरक को बढ़ावा देता है, जिसमें हल्दी और लाल खमीर चावल जैसे संभावित कोलेस्ट्रॉल-कम करने वाले प्रभाव होते हैं। पोषक तत्वों के अब्सॉर्ब्शन को बढ़ावा देता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को भी बेहतर बनाता है। साथ ही बैक्टीरिया की बनावट को इम्युनिटी से जोड़ कर बूस्ट करता है और फिर कई पुरानी बीमारियों को भी दूर करता है। कई तरह के शोध हुए हैं और उससे पता चलता है कि काली मिर्च आपके पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ा सकती है दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। एक तरह से यह भी देखा गया है कि काली मिर्च का लगातार सेवन आपके भूख को कंट्रोल करने में मदद करता है।
सबसे ज्यादा पूछे गए सवाल और जवाब

क्या सर्दी-खांसी में काली मिर्च का सेवन अच्छा होता है ?
ठंड के समय के लिए यह सबसे अच्छा होता है, इसमें कई तरह के गुण होते हैं, जो सर्दी खांसी और जुकाम को खत्म करने में मदद करते हैं। गर्म पानी में काली मिर्च को खौला के पिएं। फायदा होगा, जरूरत लगे तो इसमें शहद डाल के भी पिएं। अच्छा होगा।
एक दिन में कितनी काली मिर्च खानी चाहिए ?
एक दिन में 1 से 2 ग्राम काली मिर्च का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है, खासकर वयस्कों के लिए इसकी मात्रा की जानकारी आपको होनी ही चाहिए।