img
हेल्प
settings about us
  • follow us
  • follow us
write to us:
Hercircle.in@ril.com
terms of use | privacy policy � 2021 herCircle

  • होम
  • कनेक्ट
  • एक्स्क्लूसिव
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प

search

search
all
communities
people
articles
videos
experts
courses
masterclasses
DIY
Job
notifications
img
Priority notifications
view more notifications
ArticleImage
प्रेरणा

कार्तिकी गोंजाल्विस और गुनीत मोंगा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ने जीता ऑस्कर, भारतीय महिलाओं के लिए ऐतिहासिक पल

टीम Her Circle |  मार्च 13, 2023

भारतीय सिनेमा के लिए यह गौरव का पल है, जब भारतीय मूल की किसी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को ऑस्कर, जिसे सिनेमा का सबसे सर्वश्रेष्ठ और सम्मान मिला है। निर्माता गुनीत मोंगा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ को वर्ष 2023 यानि 95 वें ऑस्कर में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म का खिताब मिला है। साथ ही कई महिलाओं ने इतिहास में भी कई रूपों में ऑस्कर में उपस्थिति दर्ज की है। आइए जानें विस्तार से। 

भारतीय मूल की ऑस्कर जीतने वाली पहली प्रोडक्शन फिल्म बनीं ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स

भारतीय मूल की यह पहली फिल्म है, जिसे प्रोडक्शन के लिए पहली बार ऑस्कर मिला है। गौरव का पल इसलिए भी है कि इस फिल्म से जुड़ीं दो महिलाएं हैं और दोनों ही मजबूत स्तंभ है। ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ की निर्माता गुनीत हैं, तो निर्देशिका भी कार्तिकी गोंजाल्विस यानी महिला ही हैं। खुद गुनीत मोंगा ने ऑस्कर जीतने के बाद सोशल मीडिया पर अपनी खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि आज की रात ऐतिहासिक है, क्योंकि ये किसी इंडियन प्रोडक्शन के लिए अब तक का पहला ऑस्कर है। थैंक यू मॉम-डैड, गुरुजी शुक्राना। इस कहानी को लाने के लिए कार्तिकी, देखने वाली सभी महिलाओं को, दो महिलाओं ने कर दिखाया। मैं अभी भी नर्वस हूं। इससे पहले 91 वें ऑस्कर अवार्ड समारोह में ‘पीरियड : एंड ऑफ सेंटेंस’ की निर्माता रयाक्ता जहताबची,गुनीत मोंगा और मैलिसा बर्टन को भी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय महिला के रूप में एक मजबूत उपस्थिति भानु अथैया ने भी दर्ज की थी। भानु अथैया ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला रही हैं। उन्हें फिल्म 'गांधी' में उनके कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के लिए बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में सम्मान मिला। हालांकि महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित रिचर्ड एटनबरो निर्देशित फिल्म भारतीय उत्पादन में बनी फिल्म नहीं थी। फिल्म का निर्माण रिचर्ड एटनबरो और भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।

नॉमिनेशन में रहा है इन महिलाओं का जलवा 

ऑस्कर तक पहुंचने के अगर सफर के बारे में बात करें तो बतौर निर्देशिका मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे भी बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के रूप में नॉमिनेशन में शामिल हुई थी। फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर की बात करें, तो हालांकि यह भारतीय मूल की फिल्म नहीं थी, लेकिन इसमें काम करने वाले कई कलाकार भारत से संबंध रखते थे, उस लिहाज से फ्रीडा पिंटो का नाम सामने आता है। गौरतलब यह भी है कि कई सालों पहले भारतीय मूल की फिल्म मदर इण्डिया, जिसे हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्म माना जाता है, 1957 में बनी यह फिल्म भी ऑस्कर की दौड़ में शामिल हुई थी, हालांकि अवार्ड नहीं जीत पाई थी, लेकिन इस फिल्म में जिस तरह से एक महिला का मजबूत पक्ष दिखाया गया है कि वह न्याय के लिए अपने बेटे के खिलाफ भी जाती है, वह दर्शाता है कि एक नारी किस तरह न्याय प्रिय रहती है। इनके अलावा, भारतीय कर्नाटक गायक और संगीतकार 'बॉम्बे' जयश्री रामनाथ द्वारा लिखित और गाए गए एंग ली के लाइफ ऑफ पाई (2012) से पाई की लोरी / कान्ने कन्नमनिया को 85वें अकादमी पुरस्कार में एडेल के साथ सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए नामांकित किया गया था। वहीं राइटिंग विद फायर (2021), 2022 में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फीचर के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय वृत्तचित्र है। रिंटू थॉमस ने अपने साथी सुष्मित घोष के साथ वृत्तचित्र का सह-निर्देशन किया।

ऑस्कर के मंच पर इन्होंने भी बढ़ाया है मान

ऑस्कर 2023 में दीपिका पादुकोण ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है, जब वह ऑस्कर में इस साल प्रेजेंटर के रूप में पहुंची हैं। यह दिलचस्प बात रही है कि ऑस्‍कर के मंच तक पहुंचने वाली दीपिका तीसरी भारतीय हैं, जिन्‍हें प्रजेंटर चुना गया। इससे पहले 2016 में प्रियंका चोपड़ा ने भी अकेडमी अवॉर्ड के मंच पर ऑस्‍कर विनर को ट्रॉफी दी थी। इससे पहले यह गौरव का पल वर्ष 1980 में आया था, जब पर्सिस खंबाटा को ऑस्कर एकेडमी ने मंच पर ट्रॉफी देने के लिए चुना था। पर्सिस खंबाटा भारत की एक जानी मानी मॉडल और अभिनेत्री रही थीं।

बता दें कि कई साल पहले, महिला विषय पर ही आधारित बनी शॉर्ट फिल्म ‘द क्रिएशन ऑफ अ वुमन’, बेस्ट लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म के लिए मनोनीत हुई थी। साथ ही साथ यह भी एक दिलचस्प बात रही है कि विद्या बालन का नाम वर्ष 2021 में हुए ऑस्कर में उन 395 लोगों में से एक था, जिन्हें ऑस्कर के पीछे शासी निकाय अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। विद्या बालन का नाम इस फेहरिस्त में सबसे ऊपर है। वाकई, यह मानना होगा कि सिनेमा के क्षेत्र में भी महिलाएं कहीं पीछे नहीं हैं और सिनेमा से जुड़ी अपनी हर विधा में उन्होंने अपना कमाल दिखाया है और भविष्य में भी वह दिखाती रहेंगी। 

*Image credit : @instagram, guneetmonga

 

शेयर करें
img
लिंक कॉपी किया!
edit
reply
होम
हेल्प
वीडियोज़
कनेक्ट
गोल्स
  • © herCircle

  • फॉलो अस
  • कनेक्ट
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प
  • हमें जानिए
  • सेटिंग्स
  • इस्तेमाल करने की शर्तें
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • कनेक्ट:
  • email हमें लिखें
    Hercircle.in@ril.com

  • वीमेंस कलेक्टिव

  • © 2020 her circle