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होम / एन्गेज / साहित्य / किताब-घर

यादों के साहित्य में पढ़ें हिंदी की 5 बेहद लोकप्रिय कविताएं

टीम Her Circle |  अक्टूबर 17, 2024

हिंदी साहित्य के कई लोकप्रिय कवि और उनकी रचनाएं ऐसी है, जो बदलते समय के साथ हर दफा वर्तमान से जुड़ा रहता है। आइए विस्तार से जानते हैं हिंदी साहित्य की पांच ऐसी कौन-सी लोकप्रिय कविताएं, जो आज भी आपके दिल में मानव जीवन के सभी भावों के रंग घोल देती है।

कवि : नागार्जुन 

कविता : अकाल और उसके बाद

कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास,

कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास

कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त

कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त

दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद

धुआं उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद

चमक उठी घर भर की आंखें कई दिनों के बाद

कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद 

कवि : महादेवी वर्मा

कविता : जो तुम आ जाते एक बार

जो तुम आ जाते एक बार

कितनी करूणा कितने संदेश

पथ में बिछ जाते बन पराग

गाता प्राणों का तार तार

अनुराग भरा उन्माद राग

आंसू लेते वे पथ पखार

जो तुम आ जाते एक बार

हंस उठते पल में आर्द्र नयन

धुल जाता होठों से विषाद

छा जाता जीवन में बंसत

लुट जाता चिर संचित विराग

आंखों देतीं सर्वस्व वार

जो तुम आ जाते एक बार

कवि ; रामधारी सिंह दिनकर

कविता : कलम, आज उनकी जय बोल

जला अस्थियां बारी-बारी

चिटकाई जिनमें चिंगारी

जो चढ़ गए पुण्यवेदी पर

लिए बिना गर्दन का मोल

कलम, आज उनकी जय बोल

जो अगणित लघु दीप हमारे

तूफानों में एक किनारे 

जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन

मांगा नहीं स्नेह मुंह खोल

कलम, आज उनकी जय बोल

पीकर जिनकी लाल शिखाएं

उगर रही सौ लपट दिखाएं

जिनके सिंहनाद से सहमी

धरती रही अभी तक डोल

कलम, आज उनकी जय बोल

अंधा चकाचौंध का मारा

क्या जाने इतिहास बेचारा

साखी हैं उनकी महिमा के

सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल 

कलम, आज उनकी जय बोल

कवि : केदारनाथ सिंह

कविता :  जाना

मैं जा रही हूं-उसने कहा

जाओ- मैंने उत्तर दिया

यह जानते हुए कि जाना 

हिंदी की सबसे खौफनाक क्रिया है

कवि : रघुवीर सहाय

कविता- रामदास

खड़ा हुआ वह बीच सड़क पर

दोनों हाथ पेट पर रख कर

सधे कदम रख करके आए

लोग सिमट कर आंख गड़ाए

लगे देखने उसको जिसकी तय था हत्या होगी

निकल गली से तब हत्यारा आया उसने नाम पुकारा

हाथ तौलकर चाकू मारा

छूटा लोहू का फव्वारा

कहा नहीं था उसने आखिर उसकी हत्या होगी

 

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