एक मां के जीवन में उसका बच्चा ही उसकी सेहत बन जाता है। एक मां के लिए यह आम बात है कि वह अपने बच्चे की परवरिश की फ्रिक में कई बार अपनी सेहत को अनदेखा कर देती है। हालांकि कभी भी एक मां को और सभी महिलाओं को अपनी सेहत से जुड़ी जरूरी समस्याओं के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं, ऐसी 5 सेहत से जुड़ी समस्याओं के बारे में, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर

स्त्री रोग विशेषज्ञ सोनिया चदनानी के अनुसार कई बार ज्यादा तनाव या फिर लाइफस्टाइल के कारण महिलाएं मां बनने के बाद ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करती हैं। इसे अक्सर साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि ब्लड प्रेशर के कारण कई तरह की अन्य बीमारी भी जन्म लेती है। अगर महिलाएं इसे नजरअंदाज करती हैं, तो उन्हें दिल और किडनी की समस्या का समाधान करना पड़ता है। इसलिए अगर ब्लड प्रेशर की समस्या सामने आ रही है, तो इसका इलाज कराएं।
दिल की बीमारी

क्या आप जानती हैं कि दिल हमारे शरीर का ऐसा हिस्सा है, जिसकी हिफाजत करने का संकेत हमारा शरीर हमें खुद ही देता है। उल्लेखनीय है कि महिलाओं में दिल की बीमारी से जुड़े संकेत पुरुषों से काफी अलग होते हैं। मां बनने के बाद थकान और सांस फूलना जैसी समस्या होती है। ऐसी समस्या को केवल एक या दो दिन की परेशानी समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में सीने में हल्का-सा दर्द होने पर, भारीपन या फिर अधिक थकावट के संकेत को महिलाओं को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
मां बनने के बाद डायबिटीज की परेशानी

डायबिटीज की परेशानी अक्सर खान-पान के साथ आपकी दिनचर्या पर भी निर्भर करती है। आप क्या खाते हैं और कब खाते हैं और कितना खाते हैं, इन सबका जुड़ाव डायबिटीज से होता है। कई बार पेशाब आना, अत्यधिक प्यास लगना या फिर अचानक वजन घटना डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। अगर आप इसे नजरअंदाज करती हैं, तो इसका असर आंख और किडनी पर सबसे अधिक होता है। इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डायबिटीज को अनदेखा करने पर यह आपकी सेहत को अंदरूनी तौर पर लगातार कष्ट पहुंचाती रहती है।
हड्डियों की परेशानी

मां बनने के बाद अगर अच्छी तरह से आराम नहीं करती हैं, तो हड्डियों के रोग की समस्या हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो इंसुलिन की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।डिलीवरी के बाद अगर वजन ज्यादा हो गया हो या व्यायाम की कमी हो, तो हड्डियों के दर्द का और कमजोर होने का खतरा और बढ़ जाता है। अचानक वजन घटना, बार-बार पेशाब आना, धुंधला दिखाई देना। हड्डियों की तकलीफ को संकेत दे सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही 40 के बाद महिलाओं में हड्डियों में परेशानी आने लगती है और मेनोपॉज होने के बाद हड्डियों की कमजोरी और बढ़ जाती है। इसे कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
नींद न होना और थकान

एक मां के जीवन में नींद अक्सर बच्चे की जिम्मेदारी के पीछे छिप जाती है। ऐसे में नींद पूरी न होना और थकान मां के जीवन का हिस्सा बन जाती है। लगातार थकान, नींद न आना यह बहुत अधिक नींद आना कई बार बड़ी समस्या जैसे कि थायरॉयड, डिप्रेशन या फिर एनीमिया का संकेत हो सकता है। ऐसे में इसे भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।