उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते रहते हैं। ऐसे में समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना बहुत जरूरी है, जिससे बीमारियों का पता चलते ही उनका सही समय पर इलाज हो सके। आइए डॉक्टर सुमन पॉल से जानते हैं कि महिलाओं को नियमित रूप से कौन-कौन से हेल्थ चेकअप करवाने चाहिए।
20 से 30 वर्ष की महिलाओं के लिए जरूरी हेल्थ चेकअप

20 से 30 वर्ष की उम्र, आम तौर पर महिलाओं का शुरुआती दौर होता है, जहां वे अपने करियर के साथ-साथ परिवार की जिम्मेदारी भी लेती हैं। हालांकि काफी लोगों को यह भी लगता है कि इस उम्र में महिलाएं फिट और हेल्दी होती हैं। ऐसे में उन्हें किसी टेस्ट की जरूरत नहीं। यदि आपको भी ऐसा लगता है, तो आपको अपनी यह सोच बदलने की जरूरत है। दरअसल इस दौरान महिलाओं को अपनी फर्टिलिटी, हार्मोनल बैलेंस और न्यूट्रिशन का विशेष ध्यान रखते हुए कुछ टेस्ट जरूर करवाने चाहिए। इनमें सबसे पहला टेस्ट है हीमोग्लोबिन और सीबीसी टेस्ट, जो स्पेशली एनीमिया की पहचान के लिए होता है। इसके बाद हाइपरटेंशन और डायबिटीज के शुरुआती संकेतों को पकड़ने के लिए ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर टेस्ट होता है। इसके अलावा हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म का पता लगाने के लिए थायरॉइड फंक्शन टेस्ट (TSH, T3, T4) भी बेहद जरूरी है। उसके साथ ही हर 3 साल में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पीएपी स्मीयर टेस्ट, ह्यूमन पैपिलोमावायरस इंफेक्शन की पहचान के लिए एचपीवी (HPV) टेस्ट, हेल्दी हड्डियों और नर्वस सिस्टम के लिए विटामिन D और B12 टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट की बीमारियों का पता लगाने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के साथ आई टेस्ट और डेंटल चेकअप बहुत जरूरी है।
30 से 40 वर्ष की महिलाओं के लिए जरूरी हेल्थ चेकअप
30 वर्ष से 40 वर्ष के बीच की उम्र में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के साथ हार्ट से जुड़ी बीमारियों और मेटाबॉलिज्म का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए जरूरी टेस्ट में सबसे पहले ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेतों का पता लगाने के लिए मेमोग्राफी जरूर करवाना चाहिए। स्पेशली यह टेस्ट तब और जरूरी हो जाते हैं, जब आपके परिवार में इसकी फैमिली हिस्ट्री हो। इसके अलावा डायबिटीज के खतरे को पहचानने के लिए, एचबीए1सी (HbA1c) टेस्ट, हड्डियों की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए कैल्शियम और बोन डेंसिटी टेस्ट, लीवर और किडनी की बीमारियों का जल्द पता लगाने के लिए लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट, इरेग्युलर पीरियड्स, वजन बढ़ने और हार्मोनल इम्बैलेंस का पता लगाने के लिए पीसीओएस (PCOS) टेस्ट, हार्ट के लिए इसीजी (ECG) तथा इकोकार्डियोग्राफी और स्किन से संबंधित समस्याओं और कैंसर रिस्क का पता लगाने के लिए स्किन और डर्मेटोलॉजी टेस्ट बहुत जरूरी है।
40 से 50 वर्ष की महिलाओं के लिए जरूरी हेल्थ चेकअप

40 से 50 वर्ष उम्र की महिलाएं इस उम्र में आम तौर पर मेनोपॉज, हृदय रोग, डायबिटीज और हड्डियों की कमजोरी से गुजरती हैं, जिसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके लिए विशेष रूप से हर साल ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए मेमोग्राफी टेस्ट बहुत जरूरी है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों की कमजोरी की पहचान के लिए बोन मिनरल डेंसिटी (DEXA SCAN), कैंसर की जांच के लिए हर 10 साल में एक बार कोलोनोस्कोपी टेस्ट, मेनोपॉज से जुड़े लक्षणों की निगरानी के लिए हार्मोनल प्रोफाइल टेस्ट, थायरॉइड की समस्याओं का पता लगाने के लिए टीएसएच (TSH) टेस्ट और स्किन पर कोई अजीब परिवर्तन नजर आए तो स्किन कैंसर स्क्रीनिंग करवाना बहुत जरूरी है।
50 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए जरूरी हेल्थ चेकअप
50 वर्ष की उम्र के बाद यदि महिलाएं अपनी सेहत का विशेष ध्यान न रखें, तो उनकी सेहत गिरने लगती हैं। ऐसे में इस उम्र में उन्हें हड्डियों की सेहत के साथ कैंसर की रोकथाम और दिल से संबंधित बीमारियों का खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान और हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट, कोलोन कैंसर से बचाव के लिए कोलोन कैंसर स्क्रीनिंग, किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचने के लिए फ्लू, न्यूमोनिया और हेपेटाइटिस B के टीके, डायबिटीज के लिए शुगर लेवल टेस्ट (FBS, PPBS, HbA1c) और शरीर में किसी भी गांठ, सूजन या असामान्य लक्षणों की नियमित जांच करवाते रहना बहुत जरूरी है।
हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ कुछ और जरूरी हेल्थ चेकअप

वर्किंग वूमन हो या होममेकर, जिम्मेदारियों की सबसे बड़ी गठरी उन्हीं के सिर होती है, जिसका असर समय के साथ उनके मेंटल हेल्थ पर भी पड़ने लगता है। ऐसे में अपनी फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना भी आपके फैमिली मेंबर्स के साथ आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। इसके लिए स्ट्रेस, एंग्जाइटी, और डिप्रेशन पर नजर रखें और उसे अपने आस-पास भी फटकने न दें। यदि आपको लगे तो जरूरत पड़ने पर मेंटल हेल्थ स्पेशलिस्ट से सलाह-मशविरा करने में बिल्कुल न हिचकिचाएं। इसके अलावा न्यूट्रिशन और वजन की निगरानी करते हुए बीएमआई (BMI) की जांच अवश्य करवाएं। पोषण पर ध्यान देते हुए संतुलित आहार लें, और कैल्शियम तथा आयरन युक्त भोजन लें। डेली एक्सरसाइज के तौर पर फिजिकल एक्टिविटी के साथ हर दिन कम से कम 30 मिनट वॉक या एक्सरसाइज जरूर करें। फिजिकल हेल्थ के अलावा मेंटल हेल्थ के लिए योग और मेडिटेशन जरूर करें और जहां तक हो सके किसी भी तरह के नशे से बचें।