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मिलिए चेतना गाला सिन्हा से, जिन्होंने ग्रामीण महिलाओं का बढ़ाया आत्म-सम्मान

रजनी गुप्ता |  अप्रैल 02, 2025

मान देशी महिला सहकारी बैंक की संस्थापिका चेतना गाला सिन्हा, एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ उद्यमी भी हैं। आइए जानते हैं ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्म-सम्मान की प्रेरणादायक कहानी बन चुकीं चेतना गाला सिन्हा के जीवन से जुड़ी खास बातें।

चेतना गाला सिन्हा का सफर

वर्ष 1958 में मुंबई में जन्मीं चेतना ने वर्ष 1982 में इकोनॉमिक्स से मास्टर्स डिग्री हासिल की और शादी के बाद महाराष्ट्र के मान तालुका में रहने लगीं। यहां उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की समस्याओं को न सिर्फ करीब से देखा, बल्कि गहराई से महसूस भी किया। एक दिन, एक महिला ने उनसे बैंक में खाता खोलने में मदद मांगी और फॉर्म लेकर जब बैंक पहुंची, तो बैंक ने यह कहकर उसे इनकार कर दिया कि गरीब महिलाएं खाता नहीं चला सकतीं। यह घटना चेतना के लिए एक प्रेरणा बनी और उन्होंने महिलाओं के लिए एक अलग बैंक बनाने का संकल्प ले लिया। हालांकि वर्ष 1996 में जब उन्होंने महिला केंद्रित बैंक खोलने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को आवेदन किया, तो आरबीआई ने उनके आवेदन को सिर्फ इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि उनके काफी सदस्य निरक्षर थे। हालांकि अपनी इस असफलता से निराश होने के बावजूद उन्होंने ग्रामीणों के कहने पर न सिर्फ गांव में साक्षरता क्लासेस शुरू किया, बल्कि पांच महीने बाद बैंक की मंजूरी के साथ लाइसेंस भी हासिल कर लिया। 

मान देशी बैंक की विशेषताएं 

इस तरह उन्होंने महाराष्ट्र के सतारा जिले में महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता दिलाने के लिए एक क्रांतिकारी पहल की, जिससे हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला। वर्ष 1997 में स्थापित मान देशी महिला सहकारी बैंक, ग्रामीण महिलाओं को न सिर्फ बचत और ऋण की सुविधा देता है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में मदद भी करता है। हालांकि ग्रामीण महिलाओं के आत्म-सम्मान और सशक्तिकरण के लिए मान देशी बैंक की विशेषताओं को विस्तार से समझें तो यह बैंक महिलाओं द्वारा और महिलाओं के लिए चलाया जाता है। इसमें महिलाओं को माइक्रो फाइनेंस यानी छोटे ऋण दिए जाते हैं, जिससे वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। साथ ही महिलाओं को इंटरेस्ट रेट के साथ उसकी अदायगी के बारे में भी फाइनेंशियल जानकारी दी जाती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें।

आर्थिक आत्मनिर्भरता के साथ सामाजिक संपन्नता भी

वर्ष 1997 में स्थापित मान देशी बैंक के बाद चेतना गाला सिन्हा ने महिलाओं को सफल उद्यमी बनाने के लिए वर्ष 2006 में मान देशी फाउंडेशन की स्थापना की, जो महिलाओं को बिजनेस ट्रेनिंग, डिजिटल बैंकिंग, और उद्यमिता की शिक्षा देता है। इस फाउंडेशन का लक्ष्य महिलाओं को केवल लोन देना नहीं, बल्कि उन्हें ‘बिजनेस स्कूल फॉर रूरल वुमन’ के जरिए एक सफल उद्यमी बनाना भी है। यह स्कूल उन महिलाओं को बिजनेस ट्रेनिंग के साथ सिलाई, पशुपालन, डेयरी फार्मिंग, मार्केटिंग और डिजिटल भुगतान जैसी चीजें भी सिखाती हैं। फिलहाल चेतना गाला सिन्हा ने मोबाइल बैंकिंग की सुविधा भी शुरू की है, जिससे महिलाएं घर बैठे पैसे जमा करने के साथ निकाल सकें। इससे अनपढ़ और ग्रामीण महिलाएं भी डिजिटल लेन-देन करने में सक्षम हो रही हैं।

महिलाओं के जीवन पर प्रभाव

गौरतलब है कि अब तक 10 लाख से अधिक महिलाएं मान देशी बैंक और फाउंडेशन से जुड़ चुकी हैं और लगभग 5 लाख महिलाओं ने छोटे व्यवसाय शुरू कर दिए हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी हैं। बिजनेस स्कूल के अलावा मान देशी, ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक सामुदायिक रेडियो और एक चैंबर ऑफ कॉमर्स भी चलाता है। इन सबकी वजह से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के बाद अब ग्रामीण महिलाओं का आत्म-सम्मान भी बढ़ा है, जो उनकी सफलता में सहायक हो रहा है। सच पूछिए तो अपनी काबिलियत, प्रतिभा और हौंसलों के बदौलत चेतना गाला सिन्हा ने यह साबित किया है कि अगर महिलाओं को सही अवसर और संसाधन दिए जाएं, तो वे न सिर्फ अपना जीवन बदल सकती हैं, बल्कि अपने समुदाय और देश की अर्थव्यवस्था में भी बड़ा योगदान कर सकती हैं। 

चेतना गाला सिन्हा के सम्मान और पुरस्कार

चेतना गाला सिन्हा के प्रयासों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है और इसका सबूत है, उन्हें मिले ढेरों पुरस्कार और सम्मान। चेतना गाला सिन्हा को  महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ के अलावा वर्ष 2017 में ‘फोर्ब्स इंडिया लीडरशिप पुरस्कार’, वर्ष 2010 में एंटरप्रेन्योर्स इंटरनेशनल, पुणे द्वारा ‘उद्यमिता विकास पुरस्कार’, 11 सितम्बर 2009 को गॉडफ्रे फिलिप्स द्वारा ‘प्रथम गॉडफ्रे फिलिप्स बहादुरी अमोदिनी पुरस्कार’ और वर्ष 2005 में ग्रामीण उद्यमिता के लिए ‘जानकीदेवी बजाज पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। चेतना सिन्हा येल फेलो , श्वाब फेलो और अशोका फेलो होने के साथ-साथ वर्ष 2013 में TEDxGateway में एक वक्ता भी रह चुकी हैं। उन्होंने वैंकूवर में Ted2018 में भी बात की थी और उन्हें भारतीय स्पीकर्स ब्यूरो द्वारा 2021 में शीर्ष 10 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) वक्ताओं में भी स्थान दिया गया था। वर्तमान समय में तीन बेटों की मां चेतना गाला सिन्हा, म्हसवड में रहती हैं, जहां मान देशी महिला बैंक का हेडक्वार्टर है।

 

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