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इन महिलाओं ने सार्थक किया है ‘एज इज जस्ट अ नंबर’

टीम Her Circle |  अप्रैल 04, 2025

58 वर्षीय जसपाल कौर भाटिया, 56 वर्षीय अपिंदर कौर सेंखों, 54 वर्षीय रेणु बैंस, 52 वर्षीय परवीन कौर और 82 वर्षीय हरविंदर विर्क, ये चंडीगढ़ ट्राइसिटी की कुछ ऐसी महिलाओं के नाम हैं, जो फिटनेस में अच्छे-अच्छों को मात देती हैं। आइए जानते हैं इनकी फिटनेस की कहानी।

उम्र के साथ वजन पर रखें कंट्रोल

क्रंच, फ्लेक्स और हॉप के साथ चंडीगढ़ ट्राइसिटी की ये महिलाएं न सिर्फ फिटनेस की गंभीरता को देखते हुए जिम में घंटों गुजार रही हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए एक मिसाल भी कायम का रही हैं। देव समाज कॉलेज में हेड लाइब्रेरियन के तौर पर काम कर रही 58 वर्षीय जसपाल कौर भाटिया के लिए जिम जाना, मंदिर जाने जैसा है। वो इस बात में इत्तेफाक नहीं करती कि उम्र के साथ वजन बढ़ ही जाता है। इस मामले में उनका मानना है कि महिलाओं की फिटनेस उनके अपने हाथ हैं। यदि वे फिट और एक्टिव रहना चाहती हैं, तो किसी भी तरह रह सकती हैं। पिछले 20 सालों से जिम जा रहीं जसपाल कौर भाटिया की माने तो हर रोज नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, सिर्फ फिजिकल फिटनेस के लिए ही नहीं, बल्कि मेंटल फिटनेस के लिए भी जरूरी है।

फिटनेस के मामले में पैरेंट्स बनें, बच्चों के लिए आदर्श 

जसपाल कौर भाटिया की तरह ही 56 वर्षीय अपिंदर कौर सेंखों और 54 वर्षीय रेणु बैंस भी फिटनेस फ्रीक हैं और अपने बच्चों के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल की मिसाल कायम करना चाहती हैं। यही वजह है कि ये दोनों दोस्त पिछले 10 सालों से लगातार जिम जा रही हैं। उनकी मानें तो जिस दिन वे जिम में जाकर पसीना नहीं बहाती, उस दिन वे काफी गिल्ट में रहती हैं। उनके अनुसार बच्चों को हेल्दी लाइफस्टाइल की तरफ प्रेरित करने के लिए जरूरी है कि पहले पैरेंट्स उसकी शुरुआत करें। यदि वे अपने बच्चों के लिए एक आदर्श उदाहरण बनते हैं, तो ही कुछ हो सकता है। गौरतलब है कि खाने-पीने की शौकीन ये सहेलियां अब काफी डाइट कंट्रोल हो चुकी हैं। इसके लिए भी अपनी मोटिवेशन वे खुद को मानती हैं। उनका कहना है कि अब जब अपनी फिटनेस के लिए वे इतनी कड़ी मेहनत कर रही हैं, तो इसे यूं ही कैसे जाने दें?

बढ़ चुका है जिम जानेवाली महिलाओं का अनुपात

हालांकि 56 वर्षीय अपिंदर कौर सेंखों और 54 वर्षीय रेणु बैंस के मुकाबले 52 वर्षीय परवीन कौर ने भले ही फिटनेस की अहमियत को काफी देर से समझा हो, लेकिन पिछले 4 महीनों से लगातार जिम जाकर 5 किलो वजन कम कर चुकी परवीन कौर का इरादा जिम छोड़ने का कतई नहीं है। खुद को मिल रही वाहवाही और पॉजिटिव रिजल्ट के साथ ही एनर्जी लेवल में हुई बढ़ोत्तरी ने उन्हें सबके साथ खुद का भी चहिता बना दिया है। गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में जिम अब वो जगह नहीं रह गई है, जहां पुरुष अपनी बॉडी बनाने जाते थे। हालांकि पहले जहां जिम जानेवाले महिला और पुरुष का अनुपात 75:25 हुआ करता था, वो अब 60:40 हो चुका है। विशेष रूप से चंड़ीगढ़ ट्राइसिटी की 50 पार कर चुकी महिलाओं में तो मानो फिटनेस का तूफान आ गया है, जिनमें कुछ 80 पार कर चुकी दादी-नानी भी हैं। 

सुपर ग्रैनीज भी नहीं हैं किसी से कम

फिलहाल इन्हीं में एक हैं 82 वर्षीय हरविंदर विर्क, जिन्हें उनके जाननेवाले, सुपर ग्रैनी के नाम से पुकारते हैं। पिछले 6 महीनों से जिम जा रहीं हरविंदर विर्क के लिए अब फिटनेस उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। हालांकि 25 साल पहले टीचर के तौर पर रिटायर होनेवाली हरविंदर विर्क ने कभी आराम को महत्व नहीं दिया, बल्कि इस उम्र में भी अपने घर के कामों को पूरी जिम्मेदारी से निभा रही हैं। फिलहाल उनकी मानें तो जब से उन्होंने जिम जाना शुरू किया है, तब से उनकी एनर्जी आसमान की बुलंदियों पर पहुंच गई है। उनका यह भी मानना है कि उन्हें अब जिम की ऐसी लत पड़ चुकी है, कि वे जल्द से जल्द घर का काम निपटाकर जिम जाना अपनी प्राथमिकता समझती हैं। गौरतलब है कि चंडीगढ़ में लगातार ओपन होते जा रहे जिम में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ती जा रही है, जिनमें 50 पार कर चुकी महिलाएं जिमिंग के साथ-साथ योग को भी प्रमुखता दे रही हैं। 

मेनोपॉज के बाद जिम्मेदारी बन जाती है फिटनेस

इनमें 60 वर्षीय अनु कोहली, जो फिटनेस फ्रीक होने के साथ-साथ बहुत अच्छी तैराक भी हैं, की मानें तो 15 सालों तक जिम करने के बाद अब उन्हें योग ही सुहाता है, क्योंकि इससे मसल्स के साथ मेंटल स्ट्रेस भी दूर होता है। हालांकि अनु के साथ उनके 65 वर्षीय हस्बैंड भी फिटनेस को लेकर काफी गंभीर हैं, और अक्सर अपने आस-पास के लोगों को फिटनेस के लिए प्रेरित करते रहते हैं। फिलहाल 50 पार कर चुकी महिलाओं की फिटनेस के मद्देनजर डॉक्टर सुमन पॉल कहती हैं, “यूं तो हमेशा फिट रहना हम सभी महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन 40 के बाद ये हमारी जिम्मेदारी बन जाती है, क्योंकि इस उम्र में हम अपनी एनर्जी खोने लगते हैं। विशेष रूप से मेनोपॉज के बाद तो ये और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि इस दौरान महिलाओं के मसल्स काफी कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में डेली एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। मैं ये नहीं कहती कि दूसरी महिलाओं की देखा-देखी आप भी जिम में पसीना बहाएं। आप अपनी रुचि के अनुसार योग, डांस या किसी दूसरी एक्टिविटी के जरिए भी खुद को एक्टिव रख सकती हैं।”

 

 

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