सीनियर सीटिजन यानी कि बड़े-बुजुर्गों के लिए यानी वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऐसे कई तरह की योजनाएं हैं, जो सरकार की तरफ से उनकी बेहतरी के लिए शुरू किये गए हैं, आइए उनके बारे में जान लेते हैं।
योजनाएं क्यों बनीं

सर्कार द्वारा सबसे पहले बुजुर्गों को रिटायटरमेंट के बाद उनका सही से ध्यान रखने के लिए योजनाएं बनाई गयीं। दरअसल, सरकार ने बुजुर्गों या वरिष्ठ नागरिकों के लिए अपने जीवन को सुखमय तरीके से संचालन होने देने के लिए कुछ आठ से दस योजनाओं की शुरुआत की, साथ ही कुछ मेडिक्लेम की व्यवस्था भी शुरू किया, ताकि उन्हें किसी पर भी निर्भर होने की जरूरत न हो। आइए योजनाओं के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
आयुष्मान भारत
अगर बात आयुष्मान भारत के बारे में की जाए, तो केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर, 2024 को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के बड़े विस्तार को मंजूरी दे दी। इस निर्णय के तहत, 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आय की परवाह किए बिना स्वास्थ्य कवरेज मिलेगा। इस विस्तार से लगभग 4.5 करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा, जिसमें 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं, उन्हें प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा। इस स्वीकृति के साथ, इस आयु वर्ग के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना योजना के लाभों तक पहुंच प्राप्त होगी। दरअसल, इससे पहले बुजुर्गों का मेडिक्लेम काफी महंगा हो जाता था या फिर कई प्राइवेट कंपनियां मेडिक्लेम देना भी संभव नहीं कर पाती थीं, इसलिए मेडिक्लेम की शुरुआत हुई।
प्रधानमंत्री वय वंदन योजना

अगर बात करें, तो यह एक ऐसी योजना है, जो आर्थिक रूप से वरिष्ठ बुजुर्गों को काफी मदद करती है फाइनेंशियल रूप से मजबूत बनाने में। दरअसल, केंद्र सरकार ने साल 2017 में प्रधानमंत्री वय वंदन योजना को हरी झंडी दिखायी। अगर बात करें तो इस योजना के अंतर्गत 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोग खाता खोलकर निवेश करने की शुरुआत कर सकते हैं। साथ ही सरकार की ओर से इस योजना में निवेश करने पर सालाना आठ प्रतिशत रिटर्न भी मुहैया कराया जाता है। बता दें कि इस योजना में हर साल कम से कम 1.5 लाख रुपये और अधिकतम 7.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है, साथ ही अगर आप इस पॉलिसी की शुरुआत करते हैं, तो इसकी अवधि 10 साल की होती है, साथ ही इसमें ब्याज का जो दर होता है, वह मासिक, त्रैमासिक या अर्धवार्षिक हो सकता है। आपको यह भी जानना जरूरी है कि इस योजना में तीन साल के बाद जमा राशि का करीब 75 प्रतिशत लोन लिया जा सकता है। साथ ही आप अगर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे ऐन, तो निर्धारित समय से पहले भी इससे करीब 98 प्रतिशत राशि निकाल सकती हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
यह जानना भी आपके लिए एक अत्यंत आवश्यक बात है कि सरकार ने 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) की शुरुआत की है। इस योजना में निवेश करने पर करीब 8.20 मिल जाता है। इसमें कम से कम 1000 रुपये से लेकर अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। अगर इसके मैच्योरिटी पीरियड की बात करें, तो वह 5 साल है। वहीं अगर खाता खोलने की तारीख की बात करें, तो एक साल बाद ही इसे बंद किया जा सकता है, अगर आप चाहें तो। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि आपकी कुल जमाराशि पर आपको 1.50 प्रतिशत जुर्माना लग जाएगा, आपको यह भी जानकारी होनी चाहिए कि इस योजना के तहत आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स से छूट का लाभ दिया जाता है।
डाकघर मासिक आय योजना

अब बात अगर डाकघर की आती है, तो सरकार की इस योजना के तहत 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक के साथ-साथ 10 साल की उम्र से अधिक के किसी भी लोग के व्यक्ति का खाता खोलकर पैसा जमा किया जा सकता है। सरकार की इस योजना में जमा राशि पर 7.40 प्रतिशत रिटर्न मिलता है। आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि कम से कम 1500 रुपये और अधिकतम 4.5 लाख रुपये जमा करने के बाद खाता खोला जा सकता है और इसकी न्यूनतम निवेश की अवधि पांच साल है। साथ ही अगर मैच्योरिटी डेट से पूरी होने से पहले आपको किसी कारणवश पैसों की जरूरत पड़ भी जाती है, तो लगातार एक साल तक पैसा जमा करने के बाद उस राशि को निकालना संभव हो सकता है।
वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड डिपॉजिट
अब बात अगर सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए की गई फिक्स्ड डिपॉजिट की हो तो इसमें 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोग खाता खोलकर पैसा जमा करने की योजना है, आपको इसमें निवेश करने पर सालाना 7.80 प्रतिशत रिटर्न मिल सकता है। साथ ही लघु वित्त बैंक वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड डिपॉजिट पर सालाना 9.75 प्रतिशत तक रिटर्न भी मिल जाता है। एक बात आपको और पता होनी चाहिए कि इसमें इसमें एक साल, तीन साल और पांच साल के लिए किसी भी बैंक की शाखा में खाता खुलवाकर पैसा जमा किया जा सकता है। अगर इसमें निवेश करने की न्यूनतम राशि की बात की जाए, तो यह 5000 रुपये होती है, तो वहीं अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक की यह राशि होती है, लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि हर बैंकों की पॉलिसी के आधार पर यह सबकुछ निर्भर करेगा।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम

एक और महत्वपूर्ण स्कीम है या योजना है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए और वह है इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम, जो मुख्य तौर पर इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रुमेंट में निवेश करती है। इस योजना का उद्देश्य इक्विटी मार्केट में निवेश करके लॉन्ग टर्म में कमाई करना होता है। इसमें लगभग तीन साल का लॉकिंग पीरियड रहता है और आयकर कानून की धारा 80सी के तहत टैक्स से छूट का लाभ मिलता है।
व्यवस्थित जमा योजना
अगर एक और अच्छी योजना की की जाए, तो व्यवस्थित जमा योजना (एसडीपी) में व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) जैसे सारे फायदे इसमें मौजूद हैं। इस योजना के तहत अगर आप एक बड़ी रकम जमा करने के बजाय एसआईपी की तरह मासिक आधार पर छोटी-छोटी रकम जमा कर दें, तो हर जमा की गई राशि पर आपको बेहतर रिटर्न मिल जाता है। अगर इसमें सालाना रिटर्न की बात करें, तो करीब 8.85 प्रतिशत तक रिटर्न मिल जाता है। साथ ही इसकी अवधि 12 से 60 महीना है। इस योजना के अनुसार पैसा जमा करने के दो विकल्प होते हैं। एक है एक सिंगल मैच्योरिटी स्कीम होती है और दूसरी मंथली मैच्योरिटी स्कीम, आप अपनी जरूरत और बजट के अनुसार इसमें पैसे इंवेस्ट करें।
म्यूचुअल फंड

अगर बात म्यूचुअल फंड की की जाए, तो हर उम्र के लोगों के लिए यह अच्छा होता है। जी हां, अगर इसमें भविष्य के लिए मोटी रकम जमा की जा सकती है। लोग म्यूचुअल फंड के माध्यम से इक्विटी और डेट फंडों में निवेश करते हैं, साथ ही इसमें जमा किए जाने वाले पैसों का शेयर बाजार में इस्तेमाल किया जाता है और उससे होने वाली कमाई पर निवेशकों को कंपाउंडिंग के साथ रिटर्न दिया जाता है। अगर इसके रिटर्न की बात करें, तो सालाना 7.81 फीसदी और कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड में 8.34 फीसदी रिटर्न मिल जाता है। लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने पर 12 से 15 प्रतिशत तक रिटर्न मिल जाता है।