img
हेल्प
settings about us
  • follow us
  • follow us
write to us:
Hercircle.in@ril.com
terms of use | privacy policy � 2021 herCircle

  • होम
  • कनेक्ट
  • एक्स्क्लूसिव
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प

search

search
all
communities
people
articles
videos
experts
courses
masterclasses
DIY
Job
notifications
img
Priority notifications
view more notifications
ArticleImage
प्रेरणा

जैविक खेती से इन 6 शहरों में महिलाओं ने खुद को बनाया आत्मनिर्भर

टीम Her Circle |  जुलाई 18, 2023

जैविक खेती ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की आमदनी का सशक्त जरिया बन चुकी है। गोबर की खाद, हरी खाद और जैविक खाद की मदद से हरी सब्जियां और मशरूम की खेती की जाती है। जैविक खेती का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण करना होता है। बाजार में भी जैविक खेती से बने उत्पादन की मांग पहले के मुकाबले काफी अधिक है। ऐसे में ग्राम पंचायत के स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा देने और महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है। आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे महिलाओं ने जैविक खेती को खुद के लिए आर्थिक बल बनाया है। 

जैविक खेती के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण

उत्तर प्रदेश के बहराइच इलाके में ग्राम पंचायत ने महिलाओं को जैविक खेती के गुण से प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है। जैविक खेती का यह कार्य 1041 ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है, इससे एक तरफ जहां महिलाओं को आर्थिक सहायता मिलेगी, तो दूसरी तरफ महिला सशक्तिकरण का संदेश भी समाज में फैल पाएगा। इसके लिए सबसे पहले 80 पंचायत सचिवों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर ये सचिव अपने ग्राम पंचायत में जाकर वहां की महिलाओं को प्रशिक्षण देंगे। वाकई, जैविक खेती को मिल रहे इस व्यापक समर्थन में महिलाओं की भागीदारी सराहनीय है। 

जैविक खेती बनीं मिसाल

मध्य प्रदेश के आलीराजपुर जिले में महिलाओं द्वारा की जा रही जैविक खेती मिसाल बन गई है। जैविक खेती के बलबूते उन्होंने चंदन और आम का बड़ा बाग बना दिया है। जैविक खेती के इस काम को 300 महिलाओं के समूह के जरिए पूरा किया जा रहा है। जैविक खेती के इस काम को अपने बलबूते 50 साल की ओरीबाई जमरा ने उठाया है। कई साल पहले शिक्षा के अभाव और आर्थिक परेशानियों के कारण ओरीबाई ने खेती शुरू की। उनका हमेशा से लक्ष्य था कि वह अन्य महिलाओं को भी जैविक खेती के गुण सिखाएं। जैविक खेती के जरिए पर्यावरण को सुरक्षित करने के उनके इस मिशन में कई सारी महिलाओं ने भी अपनी भागीदारी दी है। दिलचस्प यह है कि ओरीबाई ने खेती के लिए घर में गोबर की मदद से जैविक दवाइयां भी तैयार की हैं। यकीनन, जैविक खेती में महिलाओं की भागीदारी प्रशंसा योग्य है।

प्राकृतिक खेती के जरिए कई महिलाएं आत्मनिर्भर

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्राकृतिक खेती के जरिए कई महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। मिशन प्राकृतिक खेती के जरिए ग्रामीण महिलाएं गैर रासायनिक और कम लागत के साथ प्राकृतिक खेती की तरफ अपने कदम तेजी से बढ़ा रही हैं। कई सारी ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है, साथ ही वह खेती से जुड़ी सभी तकनीकी जानकारी को भी समझने का प्रयास कर रही हैं। खासतौर पर यहां पर देशी सब्जियों की खेजी जैविक खाद की सहायता से की जा रही है। जैविक खेती एक तरफ महिलाओं को अच्छा मुनाफा दे रहा है, वहीं इससे पर्यावरण भी साफ और सुरक्षित हो रहा है। 

जैविक खेती से लाखों की कमाई

झारखंड के लोहरदग्गा में भी जैविक खेती से संबंधित एक बड़ा उहाहरण सामने आया है।लोहरदग्गा की इंद्रमति उरांव ने साल 2012 में महिला मंडल से जुड़कर खेती करने की शुरुआत की। अपने काम को आगे बढ़ाते हुए साल 2018 में उन्होंने महिला मंडल से 40 हजार रुपए का कर्ज लिया और खेती शुरू की। इंद्रमति उराव आलू, करेला और तरबूत की तरह कई तरह के अन्य फूलों की खेती करती हैं। खेती के बलबूते उन्होंने खुद को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के साथ अन्य महिलाओं को भी खेती के कार्य से जोड़ा है। इंद्रमति ने 13 महिला मंडल का निर्माण किया है। इस महिला मंडल की सभी महिलाओं को वे खेती के जरिए आत्मनिर्भर बना रही हैं, जो कि काबिले तारीफ है। 

मटका खाद के जरिए जैविक खेती

बिहार के बगहा में भी जैविक खेती ने ग्रामीण इलाकों में अपनी जगह बना ली है। यह जानकर हैरानी होगी कि 3 दर्जन से अधिक महिला किसान मटके की खाद से खेती कर रही हैं। मटका खाद के जरिए वे सभी महिलाएं जैविक खेती कर रही हैं। मचका खाद की सहायता से यहां की महिलाएं मशरुम के साथ कई तरह की सब्जियों का भी उत्पादन कर रहीै हैं। साथ ही इन सभी सब्जियों के लिए बाजार भी मुहैया हो रहे हैं। इस मटके की खाद को तैायर करने के लिए ग्रामीण महिलाओं को 2 महीने पहले से प्रशिक्षण देना शुरू किया जाता है।

जैविक खेती से साल भर में लाखों की कमाई 

बिहार के कटिहार में रहने वाली महिलाएं जैविक खेती से साल भर में लाखों की कमाई कर रही हैं। बिहार के कटिहार जिले में रहने वाली महिला किसान डैजी ने का नाम इस मामले में सामने आया है। डैजी ने साल 2018 में खेती करने का फैसला लिया है। उन्होंने इसकी शुरुआत जैविक खेती के जरिए शुरू की। वह वर्तमान में भी जैविक खेती के जरिए कई तरह की सब्जियों की खेती कर रही हैं। अपने खेत में गोभी, करेला और अन्य सब्जियों की खेती कर साल में 5 से 7 लाख का मुनाफा आसानी से कमा रही हैं। डैजी ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए महिला समूह भी बनाया है। इस समूह से 9 महिला किसान जुड़कर जैविक खेती कर रही हैं।



शेयर करें
img
लिंक कॉपी किया!
edit
reply
होम
हेल्प
वीडियोज़
कनेक्ट
गोल्स
  • © herCircle

  • फॉलो अस
  • कनेक्ट
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प
  • हमें जानिए
  • सेटिंग्स
  • इस्तेमाल करने की शर्तें
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • कनेक्ट:
  • email हमें लिखें
    Hercircle.in@ril.com

  • वीमेंस कलेक्टिव

  • © 2020 her circle