ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार की तरफ से कई तरह की योजनाएं बीते कई सालों से चलाई जा रही हैं, जिन महिलाओं को इन योजनाओं की जानकारी ग्राम पंचायत के जरिए मिलती है, वे इसका लाभ उठा रही है, वहीं कई महिलाएं ऐसी हैं, जो खुद को आर्थिक लाभ देने वाली जरूरी योजनाओं से अनजान हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से कि आखिर कौन सी योजनाएं हैं, जो महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाते हुए उन्हें प्रबल बना रही हैं।
सशक्त महिला, सशक्त राष्ट्र
उत्तर प्रदेश की सरकार महिलाओं के लिए सशक्त महिला सशक्त राष्ट्र की सोच के आधार पर ग्रामीण इलाकों में काम कर रही है। महिलाओं को मोटे अनाज के साथ गाय और भैंस के जरिए दुग्ध व्यवसाय और पालन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। गोबर और गोमूत्र से कई तरह के उत्पादन बनाने का प्रशिक्षण देने के साथ उससे कमाई करने का भी रास्ता इस योजना के जरिए दिया जा रहा है। इसके साथ ही महिला किसानों को अपनी फसल का बीमा करने और किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकरण कराने की भी सलाह दी जा रही है। इस योजना से ग्रामीण महिला किसानों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा।
उद्यम शक्ति योजना
मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूती देने के लिए उद्यम शक्ति योजना
की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से महिला उद्योग और ग्रामीण और शहरी इलाके की महिलाओं को महिला स्वयं सहायता समूह की आर्थिक गतिविधियों के लिए लोन दिया जाएगा। यह कर्ज 2 प्रतिशत ब्याज के अनुदान पर दिया जाएगा। इस कर्ज को लेने वाली महिलाओं को 6 किस्त में फिर से लौटना होगा। जरूरी पैसे पर कम ब्याज देने का यह उपाय महिलाओं के लिए कारगर साबित हो रहा है।
गोधन न्याय योजना
छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना के जरिए महिलाओं को सशक्त किया है। इस योजना के जरिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं वर्मी खाद बेचकर आठ लाख 27 हजार रुपए की आय अर्जित की है। हाल ही में कोरबा गांव की गंगा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने गोठान में 2107 क्विंटल वर्मी खाद बना कर बेचा है। ग्रामीण महिलाएं जैविक खाद बनाकर इससे लाखों रुपए की कमाई कर रही हैं। इस योजना से गांव के हालात बदलने के साथ महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी बदलाव हो रहा है।
नव तेजस्विनी योजना
महाराष्ट्र में ग्रामीण महिलाओं के विकास के लिए नव तेजस्विनी योजना की शुरुआत की गई। महिला आर्थिक विकास महामंडल द्वारा इस योजना को लागू किया जाएगा। इस योजना के जरिए ग्रामीण महिलाओं को गरीबी रेखा के बाहर लाने का प्रयास किया जा रहा है। कब ब्याज दर पर महिलाओं को कर्ज दिया जाएगा, ताकि वह अपने व्यापार शुरू करें और खेती के व्यवसाय में भी बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ें। माना जा रहा है कि 10 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा साथ ही इस योजना के जरिए ये सुनिश्चित किया जाएगा कि गरीब ग्रामीण महिलाओं के पास अवसर और सहायता तेजी से पहुंच सके।
आजीविका मिशन
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के जरिए रायबरेली जिले के बरारा बुजुर्ग गांव की महिलाएं स्वयं सहायता समूह के जरिए खुद को रोजगार के रास्ते में आगे बढ़ा रही हैं। गांव की महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत महिलाएं कई जरूरी घरेलू सामान जैसे हर्बल शैंपू आदि बना रही हैं। कम मूल्य और अच्छी गुणवत्ता होने के कारण महिलाओं द्वारा बनाए गए इन घरेलू सामानों की मांग बाजारों में अधिक है। कई ग्रामीण महिलाओं को आजीविका मिशन के जरिए बड़े स्तर पर आर्थिक लाभ मिल रहा है।
यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि देश के सभी राज्यों में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई सारी योजनाएं काम कर रही हैं, जो ग्रामीण महिलाओं के जीवन को आर्थिक ऊंचाई पर पहुंचा रही हैं।
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