अक्सर ऐसा होता है कि महिलाएं होम मेकर बनने के साथ खुद का बिजनेस भी शुरू करना चाहती हैं। लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि होम मेकर से लेकर बिजनेस खड़ा करने तक का सफर कैसे शुरू किया जाए। इसमें सबसे अधिक आत्मविश्वास की जरूरत होती है। हालांकि महिलाएं रास्ता न मिलने के कारण खुद को आर्थिक तौर पर बल देने और अपने पंख को उड़ान देने के इस सपने को पूरा करने से हिचकती हैं खासतौर पर फाइनेंस को लेकर। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे होम मेकर महिलाएं अपना फाइनेंस प्लान कर सकती हैं।
बिजनेस आइडिया और लक्ष्यों को स्पष्ट करें

सबसे पहले आपको खुद से यह तय करना होगा कि आपको कौन-सा बिजनेस करना है, जैसे कि आप फूड, कपड़े या फिर गिफ्ट्स के अलावा हैंडमेड प्रोडक्ट्स। इससे यह होगा कि आपकी पहली राह आसान होगी। अक्सर ऐसा होता है कि हम करना कुछ और चाहते हैं और हम दूसरों के प्रभाव में रहते हुए अपनी दिलचस्पी से दूर बिजनेस करते हैं, जो कि आपकी राह के पहले पड़ाव को मुश्किल करता है। इसलिए जरूरी है कि अपने बिजनेस के लिए साफ लक्ष्य को तय करें। अपनी दिलचस्पी के हिसाब से काम करने से बिजनेस की धीमी शुरुआत भी आपको पीछे नहीं हटने देती है।
शुरुआत की पूंजी का आकलन करना

आपके लिए यह भी जरूरी है कि शुरुआत की पूंजी का आकलन करें। आपको शुरुआत के लिए पैसे हां से मिलेंगे, क्या आपने खुद की बचत या फिर कर्ज के लिए किसी तरह की योजना बनाई है। आपको अपने बिजनेस की शुरुआत के लिए आवश्यक और शुरुआती पूंजी का आकलन करना जरूरी है। आपके बिजनेस के लिए की जाने वाली खरीदी की लागत कितनी है? आप पूरे बिजनेस के सेटअप पर कितना खर्च करना चाहती हैं? प्रमोशन(तरक्की) के लिए आपके कितने पैसे खर्च करने की योजना बनाई है? आप अगर घर से बिजनेस कर रही है? तो सेटअप के लिए कितने पैसे खर्च करने हैं और अगर आप कहीं पर ऑफिस ले रही हैं, तो आपको कितने पैसे की आवश्यकता है? इस तरह की सारी शुरुआती जानकारी बिजनेस को शुरू करने के लिए जरूरी होती है।
अपनी कमाई का अनुमान लगाना

आपके लिए बहुत जरूरी है कि अपनी कमाई का अनुमान लगाएं। आपको अपने सामान की कीमत तय करें कि आप एक सामान के पीछे कितनी कीमत लगायेंगी। इससे आपको अपनी कमाई और खर्च का अंदाजा हो जाएगा। साथ ही आपको कितने ग्राहकों की आवश्यकता होगी, यह भी पता चल जाएगा। आपको अपनी बिक्री का भी आकलन बिजनेस के शुरुआती एक महीने में करना बहुत जरूरी है। आपको यह भी ध्यान देना होगा कि शुरुआत में आप कितने ग्राहक सेवा देने का अनुमान कर सकती हैं। इसे भी आपको ध्यान में रखना है।
खर्चों की भी योजना बनाना है

आपको अपने स्थायी खर्च का भी अनुमान लगाना होगा। ये ऐसे खर्च है, जो कि नियमित होते हैं, जैसे कि इंटरनेट, बिजली, स्टाफ की सैलरी और किसी भी स्थायी सेवा का खर्च इसके अलावा सामग्री की लागत, पैकिंग और शिपिंग शुल्क का भी आपको ध्यान रखना जरूरी होगा। साथ ही आपको कुछ पैसे एक तरफ भी रखना होगा जो कि कभी भी आपके सामने आ सकती है। इसके अलावा आपको अपना वित्तीय लक्ष्य भी बनाना होगा। आपको अपने बिजनेस को लेकर 6 से 1 साल तक का वित्तीय लक्ष्य तय करना होगा। आपको इसमें खर्च, नफा-नुकसान के साथ ब्रांड बिल्डिंग का भी ध्यान देना होगा।
लाभ-हानि का अनुमान
आपके पास कितनी पूंजी है उसका खर्च और उस खर्च के बाद आपके पास कितना मुनाफा आता है,इसका आपको ध्यान रखना होगा। आपको अपने लिए एक लाभ-हानि खाता तैयार करें जिसमें आप अपने संभावित कुल आय और कुल खर्च का आकलन करें। इससे आपको यह समझना में सहायता मिलती है कि आप कब और कैसे मुनाफे की ओर बढ़ सकती है। आपको अपने सारे खर्च, आय और वित्तीय गतिविधियों का रिकॉर्ड रखें। यह आपको बिजनेस की स्थिति को ट्रैक करने में मदद करेगा और आप सही निर्णय ले सकेंगी। साथ ही आपको फाइनेंस के लिए रिजर्व फंड भी तैयार करना होगा। आपको अपने बिजनेस के लिए आपातकालीन फंड तैयार करें। यह फंड अप्रत्याशित खर्चों के लिए काम आएगा और मानसिक शांति भी मिलेगी।