मेनोपॉज के दौरान फिजिकल स्ट्रेंथ के साथ-साथ इमोशनल और मेंटल स्ट्रेंथ भी बेहद जरूरी है, ऐसे में फिटनेस का ध्यान रखना आपकी प्राथमिकता बन जाती है। आइए डॉक्टर सुमन पॉल से जानते हैं मेनोपॉज के दौरान फिटनेस के साथ आप खुद को किस कदर डिफाइन कर सकती हैं।
डेली एक्सरसाइज को दें महत्व

सबसे पहले आपको ये बात समझनी होगी कि मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं, बल्कि जीवन का एक नया अध्याय है। हां, ये बात सच है कि इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और न चाहते हुए भी वजन बढ़ने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी बॉडी में हो रहे बदलाव पर ध्यान देते हुए खुद को फिट रखें और हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ पॉजिटिव बने रहें। साथ ही मेनोपॉज के दौरान रेगुलर एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, क्योंकि इससे न सिर्फ आपका वजन कंट्रोल में रहता है, बल्कि हड्डियां मजबूत होने के साथ आपका मूड भी अच्छा रहता है। रेगुलर एक्सरसाइज में आप 30-40 मिनट ब्रिस्क वॉकिंग या फिर हल्का जॉगिंग भी कर सकती हैं। आप चाहें तो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के तौर पर हल्के वेट्स और बॉडी-वेट एक्सरसाइज भी कर सकती हैं। इससे आपकी हड्डियां और मसल्स मजबूत होंगे। इसके अलावा, यूरिनरी इश्यूज और पेल्विक हेल्थ के लिए आप पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज जरूर करें। आप चाहें तो स्ट्रेस कम करने, नींद सुधारने और हार्मोन बैलेंस करने के लिए योग और मेडिटेशन भी कर सकती हैं।
पौष्टिक भोजन के साथ अपनाएं हेल्दी लाइफस्टाइल
जहां प्रोटीन युक्त भोजन, जैसे अंडे, दालें, नट्स, दूध और दही मसल्स को मजबूत बनाए रखते हैं, वहीं हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए डेयरी उत्पाद, हरी सब्जियां, तिल, बादाम और सूरज की रोशनी बहुत जरूरी हैं। इसके अलावा कॉन्स्टिपेशन और डाइजेशन की प्रॉब्लम से बचने के लिए फाइबर युक्त भोजन जरूर खाएं। साथ ही हार्मोन बैलेंस करने के लिए अपने भोजन में ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स, जैसे मछली, अलसी के बीज और अखरोट भी जरूर शामिल करें। जहां तक संभव हो प्रोसेस्ड फूड और चीनी से बचें, क्योंकि इससे न सिर्फ वजन बढ़ता है, बल्कि ब्लड शुगर लेवल इम्बैलेंस हो सकता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। साथ ही नारियल पानी, हर्बल टी और ग्रीन टी जरूर लें। हां, कैफीन और अल्कोहल का सेवन सीमित करें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खान-पान के साथ नींद का खास ख्याल रखें। इसके लिए हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें। जहां तक हो, सोने से पहले मोबाइल और टीवी से दूरी बना लें और सोने का एक नियमित समय बनाएं। हो सके तो रात को सोने से पहले ब्रीदिंग एक्सरसाइज या हल्की स्ट्रेचिंग, जैसे रिलैक्सिंग एक्टिविटीज भी करें।
हार्मोन बैलेंस और स्ट्रेस मैनेजमेंट

मेनोपॉज के दौरान खुश रहना बेहद जरूरी है, ऐसे में आप जहां तक हो सके खुद को खुश रखने के लिए डांस, म्यूजिक और गार्डनिंग, जैसी हॉबीज में अपना समय बिताएं। जरूरत पड़ने पर आप अपने डॉक्टर से हार्मोनल बैलेंस के लिए सलाह भी ले सकती हैं। इसके अलावा अपने डॉक्टर से बोन हेल्थ और जोड़ों के लिए कैल्शियम और विटामिन D सप्लीमेंट्स लेना न भूलें। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर और बोन डेंसिटी की रेगुलर चेक-अप करवाती रहें। इसके साथ ही हर रोज हल्की स्ट्रेचिंग और योग करें, जिससे जोड़ों में लचीलापन बना रहे। इसके अलावा यदि आप फिटनेस को एक नए स्तर पर ले जाना चाहती हैं, तो अपनी लिस्ट में हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) एक्सरसाइज जोड़ सकती हैं। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करते हुए हार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है। हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग में आम तौर पर हल्की जॉगिंग के साथ तेज दौड़ना शामिल होता है। इसके अलावा इसमें 30 सेकंड स्क्वाट्स या जंपिंग जैक और 30 सेकंड आराम की प्रक्रिया को लगभग 5 बार दोहराना होता है। हालांकि, यदि आप इसे शुरू करना चाहती हैं, तो पहले अपने डॉक्टर या फिटनेस ट्रेनर से सलाह जरूर ले लें।
मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता दें
मेनोपॉज के दौरान मूड स्विंग्स, चिंता और डिप्रेशन की समस्या आम बात होती है। इससे बचने के लिए सोशल एक्टिविटीज में भाग लेते हुए जहां तक हो सके अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं। इसके अलावा अपने विचार और भावनाओं को लिखना भी आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। पॉजिटिविटी और माइंडफुलनेस के लिए ग्रैटिट्यूड प्रैक्टिस करें। मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण स्किन और बालों में भी परिवर्तन आते हैं, जिससे आपका आत्मविश्वास डगमगा सकता है। ऐसे में बोन ब्रॉथ, बादाम और फलियां, जैसे कोलाजन युक्त आहार लें और हाइड्रेटिंग स्किन केयर रूटीन अपनाएं। स्किन के अलावा बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह से ओमेगा-3 और बायोटिन युक्त सप्लीमेंट्स लें। इसके अलावा मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए भी आप नेचुरल सप्लीमेंट्स ले सकती हैं। इन सप्लीमेंट्स में स्ट्रेस कम करने के लिए अश्वगंधा, ब्लड शुगर और हार्मोन बैलेंस के लिए मेथी के बीज, सफेद मुसली और शतावरी, तथा हार्मोन रिप्लेसमेंट के लिए सोया उत्पाद बेहद मददगार साबित हो सकते हैं।
एक्टिव लाइफस्टाइल के साथ हाइड्रोथेरेपी अपनाएं

आम तौर पर बॉडी और माइंड के लिए फायदेमंद हाइड्रोथेरेपी पानी के जरिए की जाने वाली थेरेपी है, जो मसल्स को आराम देने के साथ जोड़ों के दर्द को कम करती है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है। स्पेशली एक्सरसाइज के बाद हाइड्रोथेरेपी करने से मसल्स की जकड़न कम होती है और रिकवरी तेज होती है। इसके अलावा गर्म पानी से नहाने से थकान दूर होती है और रिलैक्सेशन मिलता है। मेनोपॉज के दौरान आप चाहें तो स्विमिंग, वाटर एरोबिक्स और वाटर योगा, जैसे हाइड्रोथेरेपी एक्सरसाइज भी कर सकती हैं। विशेष रूप से यदि आप जोड़ों के दर्द या गठिया से परेशान हैं, तो आपके लिए यह बेहतरीन विकल्प हो सकता है। स्पा, हॉट टब और हाइड्रोथेरेपी पूल में समय बिताने से स्ट्रेस कम होता है और नींद भी अच्छी आती है। ऐसे में हफ्ते में 2-3 बार स्विमिंग या वाटर योगा जरूर करें। बाहर नहीं जा पा रही हैं तो, घर पर ही बकेट या शॉवर से गर्म-ठंडे पानी की थेरेपी आजमाएं। यकीन मानिए एक एक्टिव लाइफस्टाइल में हाइड्रोथेरेपी आपके लिए बेहद प्रभावी साबित हो सकती है, जिससे शरीर और दिमाग दोनों स्वस्थ रहेंगे।