भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका प्राकृतिक दृष्टि से बेहद खूबसूरत और प्रकृति के करीब है। यही वजह है कि पर्यटन के लिहाज से इसे सबसे खास समझा जाता है, जहां दिवाली के साथ मार्च से लेकर अप्रैल तक हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक वहां पहुंचते हैं। खासतौर पर भारतीय पर्यटकों के लिए श्रीलंका सबसे खास माना गया है। अगर आप भी श्रीलंका जाने की प्लानिंग इस साल के अंत में कर रहे हैं या फिर आने वाले साल के लिए योजना बना रही हैं, तो हम आपको यह बताना चाहते हैं कि आयुर्वेद, चिकित्सा और पर्यटन की नजर से श्रीलंका की यात्रा करना आपके लिए सफल होगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस संबंध में और कैसे आप इसकी योजना बना सकती हैं।
आयुर्वेद संस्कृति से जुड़ा
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आयुर्वेद सदियों से प्रचलित हैं और एशियाई देशों में प्रमुख तौर पर आयुर्वेद संस्कृति से जुड़ा हुआ है, यही वजह है कि श्रीलंका में आयुर्वेद पर्यटन की चर्चा सबसे अधिक होती रही है। दिलचस्प है कि श्रीलंका में आयुर्वेद उपचार की शिक्षा भी दी जाती है, क्योंकि माना गया है कि आयुर्वेद में श्रीलंका को महारत हासिल है। श्रीलंका में कई सारे ऐसे रिसॉर्ट मौजूद हैं, जहां पर आप वेकेशन के साथ आयुर्वेद से जुड़ी सुविधाएं और उपचार का भी आनंद उठा सकती हैं। श्रीलंका में खास तौर पर मौजूद आयुर्वेद रिसॉर्ट आपकी यात्रा की जरूरतों को सफल बना देगी। जाहिर सी बात है कि आयुर्वेद रिसॉर्ट आपके शरीर और आत्मा को आराम देने के लिए एक आदर्श तरीका है। साथ ही श्रीलंका का आयुर्वेद पर्यटन आपको सेहत से जुड़ी आने वाली लड़ाइयों से सीधे निपटने के लिए अंदरूनी हिम्मत और ताजगी भी देता है। इसलिए श्रीलंका में आयुर्वेदिक रिसॉर्ट में ठहरने पर आप श्रीलंका की समृद्ध आयुर्वेदिक विरासत का प्रत्यक्ष रूप से स्वाद ले सकती हैं।
श्रीलंका में वेलनेस यात्रा
जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि श्रीलंका में कई ऐसे सेहत से जुड़े बड़े और छोटे रिसॉर्ट मौजूद हैं, जहां पर आपको अपने बजट के आधार पर आयुर्वेद सुविधाएं मिलेंगी। जाहिर सी बात है कि जितना आपका बजट होगा उसी आधार पर आपको आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट मिलेंगे। दिलचस्प है कि कई आयुर्वेद वेलनेस रिसोर्ट श्रीलंका के समुद्र किनारे पर मौजूद है। श्रीलंका एक गर्म देश है, ऐसे में पर्यटकों की पहली पसंद ठहरने के लिए ऐसी जगह होती है, जहां पर उन्हें समुद्र की ठंडी हवा का अहसास भी मिलता रहे। इसलिए आयुर्वेद के लिहाज से कई सारी ठहरने की जगह की योजना श्रीलंका में मौजूद है और श्रीलंका के लिए आयुर्वेद उनके पर्यटन का एक हिस्सा बन गया है। आयुर्वेद के लिए माना जाता रहा है कि यह उपचार विश्व को विरासत में मिला हुआ है और विश्व के पटल पर आयुर्वेद ने अपनी पकड़ जमा कर रखी है और श्रीलंका आयुर्वेद पर्यटन के लिहाज से ऊपरी पायदान पर बना हुआ है।
क्या है श्रीलंका में आयुर्वेद के लिए अच्छा विकल्प
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दुनिया के सबसे खूबसूरत देश में श्रीलंका का नाम भी शामिल है। प्रकृति की गोद में बसा हुआ श्रीलंका ने बीते कुछ सालों में विस्तार से और बड़े पैमाने पर आयुर्वेद पर्यटन पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए कई तरह की सुविधाएं पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई है। अगर आर श्रीलंका में पर्यटन के साथ आयुर्वेद सुविधाओं को लेकर एक अच्छे पर्याय की तलाश कर रही हैं, तो इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प पश्चिमी और दक्षिणी समुद्र किनारा है। साथ ही बेंटोटा के तटीय क्षेत्र की खूबसूरती को देखते हुए वहां पर आयुर्वेद के लिए बेहतरीन विकल्प मौजूद हैं। इसलिए आप इन जगहों को भी श्रीलंका में आयुर्वेद पर्यटन के लिहाज से एक्सप्लोर कर सकती हैं।
श्रीलंका के आयुर्वेद उपचार से पहले करें सवाल

जान लें कि श्रीलंका ने कई शताब्दी पहले आयुर्वेद के स्कूल की स्थापना की थी। इसी वजह से पर्यटकों का विश्वास आयुर्वेद पर्यटन के लिए श्रीलंका पर सबसे अधिक है। लेकिन कहीं न कहीं जब भी आप श्रीलंका में आयुर्वेद पर्यटन के बारे में विचार करते हैं, तो अपनी योजना बनाने से पहले इससे जुड़े कई अध्ययन जरूर करें, ताकि वहां पर जाने के बाद आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसलिए जब भी आप श्रीलंका में किसी आयुर्वेद सुविधा मौजूद रिसॅार्ट का चयन करें, तो कुछ जरूरी बातों को अपनी डायरी में जरूर नोट कर लें।
1- क्या यहां पर आयुर्वेद आहार की सलाह भी मिलती है या नहीं
2- क्या यहां पर आयुर्वेद सुविधाओं के साथ व्यक्तिगत सलाह और उपचार भी दिया जाता है या नहीं
3- क्या यहां पर आयुर्वेद स्नान की भी सुविधा मौजूद है या नहीं।
4-क्या यहां पर किसी भी तरह की शारीरिक और मानसिक हीलिंग मौजूद है।
5- यहां पर आयुर्वेद सुविधाओं के साथ ठहरने और घूमने की भी सुविधाएं दी जाती हैं।
6- आयुर्वेद सुविधाओं से जुड़ा सबसे कम और हाई पैकेज कौन-सा है
7- क्या आयुर्वेद से जुड़े परामर्श के लिए अपने देश जाकर भी संपर्क किया जा सकता है या नहीं।
8- पर्यटन के साथ आयुर्वेद की सुविधाओं का लाभ उठाने का पूरा खर्च कितना होगा।
9- श्रीलंका में आयुर्वेद पर्यटन के लिए कोई अच्छा गाइड मिल सकता है या नहीं। इसके साथ आपके बजट और खान-पान से जुड़ी भी जानकारी के साथ हर छोटी और बड़ी यात्रा से जुड़ी दुविधाओं और परेशानी पर भी बात कर लेना चाहिए।
10- अगर कोई व्यक्ति श्रीलंका आयुर्वेद पर्यटन का लाभ उठा चुका है, तो उसके अनुभव से भी आपको मदद मिलेगी।
11- सोशल मीडिया पर आप ऐसे व्यक्ति की तलाश आराम से कर सकती हैं। इससे आपको अपने बजट के अनुसार प्लानिंग करने में काफी बड़ी सहायता मिलती है।
जानें श्रीलंका के आयुर्वेद रिट्रीट के बारे में

चलिए आपको बताते हैं कि श्रीलंका में आयुर्वेद से जुड़े कौन से प्रमुख उपचार सबसे अधिक लोकप्रिय और अच्छे माने गए हैं। इसमें सबसे पहले बारी आती है ‘पंचकर्म’ की। पंचकर्म एक तरह की शुद्धिकरण प्रक्रिया है, जो कि पूरे शरीर में संतुलन बनाए रखता है और शरीर को अंदरूनी तौर पर भी स्वस्थ रखने में सहायक रहता है। इस उपचार में हर्बल तेल एनीमा, नाक सिंचाई, चिकित्सीय उल्टी और रक्तपात शामिल है। इसके साथ आप आयुर्वेदिक मालिश ‘अब्यंग’ नामक चिकिस्ता का भी अनुभव अपनी श्रीलंका आयुर्वेद पर्यटन यात्रा के दौरान कर सकती हैं। जिसमें तिल और नारियल के तेलों से पूरे शरीर की मालिश की जाती है और शुद्धिकरण के लिए लसीका दल निकासी की भी सुविधा दी जाती है। इस मालिश में प्रमुख तौर पर ऊर्जा बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। लेप मालिश सुविधा को भी आप अपने उपचार लिस्ट में शामिल कर सकती हैं। इसे ‘वस्थी’ कहा जाता है, इसके दौरान बेसन के साथ एक आयुर्वेदिक लेप तैयार किया जाता है। तेल और लेप के साथ वात दोष संबंधित परेशानियों पर फोकस किया जाता है। इससे मांसपेशियों के तनाव को कम करने के साथ शरीर के कई हिस्सों में थेरेपी दी जाती है।
श्रीलंका के लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपचार
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श्रीलंका में पर्यटन के दौरान सबसे अधिक लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपचार ‘हर्बल’ स्नान को भी माना गया है। इसे पूर्ण आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर भी देखा जाता रहा है। इस स्नान में शहद, गुलाब की पंखुड़ियां, दूध और हल्दी के साथ हर्बल स्नान की सुविधा और उपचार दिया जाता है। अंत में हर्बल पेस्ट और फूलों के तरह पदार्थ के साथ इस स्नान को पूरा किया जाता है, वहीं सिर की मालिश के लिए शिरोधारा के जरिए मानसिक तनाव को शांत करने का कार्य होता है। इन सबके साथ सबसे जरूरी आयुर्वेदिक आहार भी है। इस आयुर्वेदिक आहार में भोजन में छह तरह के स्वादों को शामिल किया जाता है, जिसे पाचन क्रिया के लिहाज से आयुर्वेद में सही माना गया है।
श्रीलंका आयुर्वेदिक पर्यटन क्यों जरूरी
इसके जरिए एक देश की यात्रा आपको अपने सेहत के प्रति भी एक नया दृष्टिकोण दिखाती है। साथ ही आयुर्वेद को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरणादायक साबित होती है। वेकेशन का मतलब कई बार थकान भी बन जाता है, लेकिन श्रीलंका की आयुर्वेदिक यात्रा आपको मानसिक और शारीरिक तौर पर आराम देती है। इसलिए आप अगर विदेश जाने की योजना बना रही हैं और साथ ही खुद को मानसिक और शारीरिक तौर पर आराम देना चाहते हैं, तो अपने बजट में आप श्रीलंका के आयुर्वेदिक पर्यटन का चयन जरूर कर सकती हैं।