न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन, क्योंकि जब कोई दोस्ती करें, तो देखे केवल मन। जी हां, दोस्ती इसी तरह की होती है और सही मायने में इसी तरह की होनी चाहिए। जरूरी नहीं है कि आप अपने स्कूल या कॉलेज में मौजूद अपने हम उम्र व्यक्ति से दोस्ती करें। कई बार दफ्तर या फिर पड़ोस में मौजूद उम्र में बड़े या फिर उम्र में छोटे व्यक्ति से दोस्ती हो जाती है और वक्त के साथ यह दोस्ती मन से गहरी हो जाती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि दोस्ती में उम्र कोई मायने नहीं रखता है।
आपसी समझ जरूरी
दोस्ती में सामने वाले व्यक्ति की उम्र जरूरी नहीं होती, बल्कि आपकी समझ मायने रखती है। अगर सामने वाला व्यक्ति उम्र में आपसे 10 साल बड़ा है या फिर उससे ज्यादा, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसके साथ दोस्ती का रिश्ता नहीं बना सकती हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण है दादा और पोते की दोस्ती। जी हां, एक ही परिवार में मौजूद दादा और पोते के बीच दोस्ती गहरी होती है। इसके पीछे की वजह यह होती है कि दोनों एक दूसरे की मन की बातों को समझते हैं और उस विषय पर बात करते हैं, जो अक्सर स्कूल और कॉलेज के दो लोगों में होती है।
आप और तुम के बीच का रिश्ता भी बनता है दोस्ती
दोस्ती में भाषा से अधिक समझ मायने रखती है। एक दूसरे को दिल से अपनाना जरूरी होता है। यह मायने नहीं रखता कि दोनो एक दूसरे को बुलाने को लिए आप कहते हैं या फिर तुम। यहां मायने रखता है दिल की गहराई से निभाया जा रहा दोस्ती का रिश्ता। जहां एक तरफ एक व्यक्ति आप कहकर अपने दोस्त को दिल से पुकारता है, तो दूसरा तुम से शुरुआत कर अपने दोस्त को समझता है। दोनों एक दूसरे को किस नाम से बुलाते हैं यह जरूरी नहीं है। जरूरी है एक दूसरे को दिल से अपनाने की और एक दूसरे के साथ दोस्ती निभाने की, जो कि आप और तुम के बीच का रिश्ता दोस्ती की गांठ से मजबूत कर देती है।
अनुभव साझा करने का मौका
दोस्ती में उम्र मायने इसलिए भी नहीं रखती है, क्योंकि यह एक दूसरे के साथ अनुभव साझा करने का मौका देती है। दोस्ती का मतलब केवल सुख का साथी नहीं होता, ऐसा दोस्त भी जीवन में जरूरी है, जो कि अपने अनुभव से हमारा मार्गदर्शन करें। कई बार उम्र में किसी बड़े या फिर किसी छोटे से दोस्ती करने के कारण हमें उनके अनुभव से जीवन की कई परिस्थितियों का सामना करने का अवसर मिलता है। ऐसे में दोस्ती दुख और परेशानी के समय अपने अनुभव की झप्पी लेकर आती है और हमें समस्याओं को देखने का एक अनुभव से भरा हुआ सकारात्मक नया नजरिया दे जाती है।
अलग नजरिए से दिखेगी दुनिया
अक्सर कहा जाता है कि यह जरूरी नहीं है कि आपके जीवन में दोस्तों की फेहरिस्त कितनी लंबी है। जरूरी यह है कि आपके पास भले ही एक, लेकिन सच्चा दोस्त होना चाहिए। कम उम्र के किसी व्यक्ति से दोस्ती करने के कारण आपको उसके नजरिए से दुनिया देखने का मौका मिलेगा। आपको यह समझ आएगा कि कैसे आज में जीना जरूरी होता है, कैसे अपने लिए समय निकालना जरूरी होता है, कैसे जीवन में खुद को महत्व देना जरूरी होता है, वहीं बड़े उम्र के व्यक्ति से दोस्ती आपको दुनिया के बीच खुद को अकेला नहीं खड़ा पाने की हिम्मत देती है। आत्मविश्वास देती है और यह बताती है कि वक्त की कदर कर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है, इस दुनिया को अपने दोस्त के नजरिए से देखना कई बार जीवन को नई दिशा दे जाता है।
जिंदगी का लें मजा
कम उम्र की दोस्ती का फायदा एक बड़े उम्र के व्यक्ति को यह होता है कि वह जिंदगी को नई ऊर्जा के साथ जीता है। अपने दोस्त के रंग में रंग जाता है, जहां घूमना, संगीत और खुद की उड़ान को फिर से आसमान में उड़ते हुए देखने का जज्बा मिलता है। जिंदगी को फिर से जीने का एक रास्ता मिलता है। बड़ी उम्र का व्यक्ति कई बार अपने जीवन के सुनहरे पन्नों को छोटी उम्र के दोस्त के साथ साझा करता है, तो ठीक इसी तरह छोटी उम्र का दोस्त अपने से बड़े दोस्त के जीवन में अपना रंग घोलता है।