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भारतीय थियेटर और महिला कलाकारों का जुड़ाव

टीम Her Circle |  जुलाई 17, 2024

भारत में ऐसे नाटक और थियेटर ग्रुप हैं, जिनमें महिलाओं को किसी न किसी रूप में प्राथमिकता दी गई है, आइए जानें विस्तार से। 

एकजुट थियेटर ग्रुप, नादिरा बब्बर

image courtsey : @ekjute.com

मशहूर थियेटर पर्सनैलिटी नादिरा बब्बर अपनी एक खास पहचान रखती हैं, उन्होंने अपना पूरा जीवन पूर्ण रूप से थियेटर को ही समर्पित किया है, उन्हें कभी भी फिल्मों की चकाचौंध ने आकर्षित नहीं किया। उन्होंने एकजुट थियेटर ग्रुप की जबसे शुरुआत की है, तब से लगातार वह कई नाटकों का संचालन कर चुकी हैं। नादिरा के बारे में बता दें कि उन्होंने वर्ष 1981 में मुंबई में स्थित एकजूट नामक थिएटर ग्रुप की स्थापना की, जो हिंदी थिएटर का एक विश्व प्रसिद्ध नाम है। पिछले कई सालों में इस थियेटर ग्रुप ने लगभग 60 से भी ज्यादा प्ले या नाटकों का मंचन किया है। वर्ष 1990 में उन्होंने आओ पिकनिक चलें और अजदक का इंसाफ नामक दो नाटकों का मंचन किया। इनके अलावा, बेगम जान, सकुबाई, दयाशंकर की डायरी, लुक बैक इन एंगर और चांदपुर की चम्पाबाई जैसे कई प्ले किये। 

थियेटर निशा, चेन्नई 

बता दें कि चेन्नई में स्थित थियेटर निशा में महिलाओं के किरदारों को काफी अहमियत दी जाती रही है। इस थियेटर ग्रुप की शुरुआत वर्ष 2000 में वी बालकृष्णन द्वारा हुई थी। 23 वर्षों में इस थियेटर ग्रुप में 130 से अधिक नाटकों के प्रभावशाली प्रदर्शन हुए हैं। साथ ही वे अंतरराष्ट्रीय और भारतीय नाटककारों सहित पौराणिक कथाओं से लेकर आधुनिक कार्यों तक विविध प्रस्तुतियों में भी लोकप्रिय रही हैं।

गुलाब बाई, ग्रेट गुलाब थियेटर कंपनी 

 

गुलाब बाई एक बड़ी हस्ती मानी जाती हैं, जिन्होंने थियेटर की शुरुआत की। गुलाब बाई को उनके चाहने वाले गुलाब जान के नाम से जानते हैं, वे भारत में नौटंकी की एक भारतीय मंच कलाकार मानी जाती थीं, जो पारंपरिक ओपेरा नाटक की पहली महिला कलाकार थीं और कई लोग उन्हें इसकी प्रमुख प्रतिपादक मानते थे। वह एक सफल नौटंकी मंडली ग्रेट गुलाब थिएटर कंपनी की संस्थापक थीं।

निरीक्षा महिला थिएटर 

केरल की सुधी देवयानी और राजराजेश्वरी ने मिलकर निरीक्षा महिला थियेटर की शुरुआत की। उन्होंने वर्ष 1999 में सुधी देवयानी और राजराजेश्वरी ने अपने पहले नाटक की योजना लगभग दो दशक पहले अपने दोस्त के घर के एक छोटे से कमरे में बनाई थी, क्योंकि उस वक्त उनके पास उतने पैसे होते ही नहीं थे कि वे किसी जगह को थियेटर का रूप दे पाते। एक दिलचस्प बात यह है कि सुधी केरल की एकमात्र महिला आर्टिस्ट हैं, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए केरल संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जीता है। उन्होंने निरीक्षा द्वारा निर्मित सभी सात नाटकों का निर्देशन किया है। 

उमा,पंजाबी थियेटर की पहली महिला आर्टिस्ट

image courtsey : @timesofindia.com

उमा पंजाबी थियेटर की पहली महिला आर्टिस्ट रही हैं। यह जानने के लिए दिलचस्प बात है कि 7 जून 1939 को प्रीत नगर में मंचित नाटक 'राजकुमारी लतिका' में अभिनय करने वाली पहली पंजाबी महिला आर्टिस्ट थीं, इन्हें उनके पिता गुरबख्श सिंह ने लिखा और निर्देशित किया था।

lead photo courtsey :@the tribune, Nadira Babbar

 

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