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home / engage / रिलेशनशिप्स / फ़ैमिली ऐंड फ्रेंड्स

जानें कब रिश्ते में हैं फिर से कुछ बदलाव की जरूरत

टीम Her Circle |  December 21, 2025

किसी भी रिश्ते की बुनियाद इस बात पर टिकी होती है कि एक दूसरे को लेकर आपसी समझ कितनी है। जिस रिश्ते में एक दूसरे को समझने की समझदारी न हो और एक दूसरे पर यकीन न हो और मैं ही सही हूं वाली और खुद को ही महत्व देने वाली सोच होती है, उस रिश्ते में या तो बदलाव की जरूरी है या फिर उस रिश्ते में एक-दूसरे को स्पेस देने की जरूरत होती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कब आप पहचान सकती हैं कि आपको रिश्ते में बदलाव की जरूरत है।

बात-बात पर बहस होना

रिश्ते में बदलाव तब भी अहम हो जाता है जब आप बात-बात पर एक दूसरे से बहस करने लगते हैं। बहस करना इस बात का अलार्म होता है कि आप एक- दूसरे को सुन नहीं रहे हैं और केवल अपनी बात को सही करने और खुद को सही बताने की राह पर बिना ब्रेक के आगे बढ़ रहे हैं। अगर आपके रिश्ते में हर बात जरूरी बात में बहस वाला मामला आ जाता है, तो मान लें कि इस रिश्ते में बदलाव की जरूरत है।

जरूरी मुद्दों पर बात नहीं होना

कई बार यह भी होता है कि किसी के साथ रिश्ते के दौरान सारी बातों के बीच जरूरी बात नहीं होती है। जरूरी बातों पर बात करने के दौरान जब आप एक दूसरे को अनदेखा करने लगती हैं, तो समझ लें कि रिश्ते को संभालने के लिए जिस बात की जरूरत है, अगर वही बात नहीं हो रही है, तो रिश्ते में बदलाव की जरूरत है।

माफी और माफ करने का जारी सिलसिला

अगर आपके रिश्ते में हर बात और बहस माफी मांगने के सिलसिले से शुरू होती है और माफ करने के सिलसिले पर आकर खत्म होती है, तो समझ लें कि आपके रिश्ते में बदलाव की जरूरत है। आप दोनों को यह बैठकर सोचना चाहिए कि क्यों आखिर हर बार आपको माफी मांगने या फिर माफ करने के पड़ाव से अपने रिश्ते को गुजारना पड़ रहा है।

एक दूसरे को इग्नोर करना

अगर आपको ऐसा लगे कि आपका पार्टनर आपको इग्नोर कर रहा है और आप भी उसे इग्नोर कर रही हैं, तो यह भी एक तरीका है पहचानने का कि आप एक दूसरे को रिश्ते में इग्नोर कर रही हैं। अगर आप हर छोटी-बड़ी बात के दौरान एक दूसरे से टकराव नहीं चाहती हैं, तो समझ लें कि आप एख दूसरे को इग्नोर कर रही हैं। 

सिर्फ मैं ही सही हूं 

अक्सर एक रिश्ते को खाई में ढकलने का काम यह सोच भी करती है कि सिर्फ मैं ही सही हूं। जी हां, अगर आप सामने वाले व्यक्ति की बात पूरी नहीं सुनती हैं और उसकी तकलीफ और परेशानी को अनदेखा कर सिर्फ यही सोचती हैं कि मैं ही सही हूं, तो यह सोच भी आपके रिश्ते में इस बात का सबूत है कि बदलाव इस रिश्ते की जरूरत है। 

 

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