भोजन में साबुत मसालों का उपयोग करना आपके सेहत के लिए लाभदायक साबित होता है। लेकिन इसके लिए आपके पास जानकारी होनी चाहिए कि आपको किस मसाले का उपयोग अपने खान-पान में किस तरह के लिए करना चाहिए। भारतीय रसोई में मसालों का उपयोग स्वाद के साथ सेहत भी लेकर आता है। इसी वजह से खान-पान में खड़े मसालों का उपयोग सालों से किया जा रहा है। साबुत मसालों में उनकी पौष्टिकता, तेलीय तत्व और सुगंधित गुण पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। इनका प्रयोग पकाने के दौरान तड़का लगाना, भूनने या धीमी आंच में पकाने में किया जाता है। आइए जानते हैं विस्तार से।
दालचीनी का सेहत के लिए फायदा

दालचीनी मसालों की फेहरिस्त में सबसे सुगंधित मसाला है, जो कि भारतीय रसोई में कई बार और कई तरह से उपयोग किया जाता है। दालचीनी में कई सारे औषधीय गुण होते हैं। इस वजह से यह आयुर्वेद का भी हिस्सा है। टाइप 2 के डायबिटीज के मरीजों के लिए दालचीनी काफी फायदेमंद होती है। यह शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाती है। इसके साथ ही ब्लड शुगर को धीरे-धीरे घटाने में भी मदद करती है। कई सारे अध्ययनों में यह पाया गया है कि नियमित रूप से दालचीनी का इस्तेमाल करने से यह शरीर में शुगर के लेवल को कम करता है। आप दालचीनी का पाउडर बना लें और गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें। यह आपके लिए काफी लाभदायक साबित होगा। दालचीनी आपकी त्वचा को अंदरूनी तौर पर सेहतमंद रखने का भी काम करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी दालचीनी मजबूत करती है। दालचीनी की तासीर गर्म होती है और यह पाचन तंत्र को सक्रिय करती है। दालचीनी की चाय या गर्म पानी में दालचीनी उबालकर पीना फायदेमंद है। यह गैस, अपच और पेट दर्द में भी राहत पहुंचा सकती है।
लौंग का सेहत के लिए फायदा

लौंग से सेहत को कई सारे फायदे होते हैं। सबसे पहले लौंग में युजेनॅाल नामक तत्व होते हैं, जो कि किसी भी तरह के दर्द से राहत देता है। इसके अलावा लौंग पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। गैस, एसिडिटी और अपच में भी राहत देता है। लौंग रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करने का काम करता है, जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है। खांसी और जुकाम में भी लौंग लाभदायक माना गया है। माना गया है कि लौंग की भाप लेने से नाक बंद होती है और खांसी और गले की खराश में भी आराम मिलता है। लौंग में एंटीसेप्टिक और दर्द निवारक गुण होते हैं। यह दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन, और मुंह की दुर्गंध में राहत देता है। लौंग का तेल या साबुत लौंग दांत दर्द में लगाया जाता है।लौंग में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
काली मिर्च का सेहत के लिए फायदा

काली मिर्च का इस्तेमाल भी खाने में काफी अच्छी तरह से करना चाहिए। काली मिर्च को आप एक संपूर्ण औषधि भी कह सकती हैं। इसी वजह से काली मिर्च को मसालों का राजा भी कहा जाता है। इससे गैस,अपच, कब्ज जैसी समस्याओं से खुद को दूर रखा जा सकता है। काली मिर्च में पाइपरीन होता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। इसके साथ ही पाइपरीन मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है और स्मरण शक्ति को बेहतर बनाता है। यह अवसाद (डिप्रेशन) में भी राहत देने में मदद कर सकता है।
इलायची का सेहत के लिए फायदा

इलायची का इस्तेमाल केवल खान-पान में स्वाद और महक को बढ़ाने के लिए नहीं होता है , बल्कि इलायची का सेवन पेट की गैस, अपच, एसिडिटी और मरोड़ को भी कम करता है। यह पाचन एंजाइम को सक्रिय करता है और इससे भूख भी बढ़ती है। इलायची में एक तरह की प्राकृतिक खुशबू भी होती है, जो कि मुंह की दुर्गंध को दूर करती है। इसलिए इसे माउथ फ्रेशनर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। कुछ शोधों के अनुसार, इलायची में मौजूद पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट तत्व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इलायची की तासीर गर्म होती है, जो कि कफ को बाहर निकालने और गले की खराश में भी आराम देने में मदद करती है। इलायची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करने में सहायक हो सकते हैं। इसके साथ ही इलायची का सेवन थकान और कमजोरी को भी दूर करता है। हालांकि इलायची का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। इससे पेट में जलन या फिर एलर्जी की समस्या हो सकती है। इलायची की चाय बनाकर, माउथ फ्रेशनर के तौर पर चबा कर भी इसका सेवन कर सकती हैं।
तेजपत्ता का उपयोग सेहत के लिए

तेजपत्ता एक खुशबूदार पत्ता होता है, जो कि भारतीय रसोई में पुलाव, सब्जी या फिर बिरयानी को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सेहत के लिए तेजपत्ता कई तरह से काम करता है। तेजपत्ता पेट की गैस,अपच और पेट दर्द को दूर करता है और इसके साथ खाना भी जल्दी से पचाने में तेज पत्ता काम करता है। जानकारों का यह भी मानना है कि तेजपत्ता इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए यह फायदेमंद होता है। कुछ रिसर्च के अनुसार, तेजपत्ता का नियमित सेवन अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने और बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को घटाने में मदद कर सकता है। तेजपत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो खांसी, बलगम, और जुकाम में राहत देते हैं। इसका काढ़ा बनाकर पीने से गले की खराश से भी राहत मिलती है। कई अध्ययन में यह भी पाया गया है कि दिल की सेहत के लिए भी इलायची काफी फायदेमंद साबित होती है।
सौंफ का सेहत के लिए फायदा

सौंफ को खाने के बाद खाना पचाने के लिए सेवन किया जाता है। सेहत के लिए सबसे अधिक यह फायदेमंद होता है। सौंफ एक तरह का प्राकृतिक मसाला है, जो खाने के बाद चबाने से सेहत को कई तरह से लाभ देता है। सौंफ में कई सारे पोषक तत्व होते हैं। इससे शरीर को काफी फायदा पहुंचता है। यह पाचन एंजाइम्स को बढ़ाता है जिससे खाना अच्छी तरह पचता है। कई अध्ययन में यह भी पाया गया है कि सौंफ में पोटैशियम होता है, जो कि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और दिल को सेहतमंद भी रखता है। हालांकि आपको इस बात का भी ध्यान देना है कि सौंफ का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। इससे पेट में जलन या फिर एलर्जी हो सकती है। इसके साथ ही यह भी जान लें कि गर्भवती महिलाओं को डॅाक्टर के परामर्श के बाद ही सभी मसालों को उपयोग अपने खाने में करना चाहिए।
जीरा का सेहत के लिए फायदा
भारत की रसोई का सबसे आम मसाला सेहत के लिए सबसे खास है। जीरा पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है। जिससे खाना जल्दी और सही तरीके से पचता है। पेट से जुड़ी समस्या में जीरा सबसे अधिक फायदेमंद होता है। जीरे में आयरन, विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जीरा में इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है, जो कि डायबिटीज के मरीज के लिए लाभकारी हो सकता है। जीरा एक तरह से आयरन का अच्छा जरिया है, जो कि गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है। हालांकि आपको अधिक मात्रा में जीरा का सेवन नहीं करना है। इसका सीमित मात्रा में ही उपयोग करें। आप रात में जीरा भिगोकर उसका पानी सुबह गर्म करके पी लें। इस जीरे के पानी को खाली पेट पीने से भी काफी लाभ होता है।