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होम / एन्गेज / स्वास्थ्य / न्यूट्रिशन

गर्मी के मौसम में मिट्टी के बर्तन में पानी पीने के फायदे अनेक

टीम Her Circle |  अप्रैल 29, 2025

गर्मी के मौसम में मिट्टी के बर्तन की मांग बढ़ जाती है, खासतौर पर पीने के पानी को लेकर मटके का उपयोग अधिक होता है। बाजार में मिट्टी के ग्लास के साथ मिट्टी की पानी की बोतल भी मिला करती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि गर्मी के मौसम में ही नहीं बल्कि आप साल के 12 महीने मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल पानी पीने के साथ अपने खान-पान में भी कर सकती हैं। मिट्टी के मटके में पानी पीने से न केवल आपको स्वाद मिलता है, बल्कि ताजगी भी मिलती है और यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। आइए जानते हैं विस्तार से इससे जुड़े अन्य फायदों के बारे में भी जानते हैं।

मिलेगा हमेशा ठंडा पानी 

गर्मी के मौसम में मटका का पानी ठंडा रहता है। मिट्टी के मटके में पानी रखने से पानी का तापमान ठंडा रहता है, जो कि आपको गर्मी में राहत देता है। फ्रिज की तुलना में मटके का पानी सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता है, क्योंकि मिट्टी की संरचना में पानी को ठंडा रखने की क्षमता होती है। गर्मी के मौसम में यह ठंडा पानी शरीर को ताजगी और आराम देता है, जिससे प्यास बुझाने का अनुभव बेहतर होता है।

मिट्टी के मटके में पानी के सेहतमंद फायदे

मिट्टी के मटके में पानी रखने से उसमें प्राकृतिक खनिजों का समावेश होता है। मिट्टी के मटके की दीवारें पानी को शुद्ध करती हैं और इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य आवश्यक खनिज तत्वों को घोल देती हैं। यह खनिज तत्व शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और हड्डियों, दांतों और अन्य शारीरिक कार्यों के लिए लाभकारी होते हैं। इससे पानी स्वच्छ और प्राकृतिक रहता है, जिससे पीने में स्वास्थ्य जोखिम कम हो जाते हैं।

पेट के लिए फायदेमंद

मिट्टी के बर्तन में पानी पीना पेट के लिए फायदेमंद रहता है। यह एक तरह से मिट्टी के मटके में रखा पानी पीने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। साथ ही यह पानी शरीर में पीएच(ph) बैलेंस बनाए भी रखता है और आंतों की सफाई में भी मदद करता है। प्राकृतिक तौर से ठंडा और शुद्ध पानी पीने से पेट में आराम भी मिलता है और इससे पाचन क्रिया भी सही रहती है। इतना ही नहीं मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से शरीर का तापमान भी नियंत्रण में रहता है। अक्सर अधिक गर्मी के कारण शरीर को अंदरूनी तौर पर नुकसान भी होता है। मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से शरीर अधिक गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों से भी बचाव मिलता है।

मिट्टी का पानी पीने से हाइड्रेशन में सहायता

जानकारों के अनुसार मिट्टी का पानी शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेट करता है। यह पानी शरीर को न केवल ताजगी देता है, बल्कि शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है, जिससे थकावट, सिरदर्द और बेचैनी जैसी समस्याएं कम होती हैं।

इंफेक्शन से भी होता है बचाव

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस तरह मिट्टी को चोट पर लगाने से ताजे घाव को राहत मिलती है, ठीक इसी तरह मिट्टी के बर्तन में पानी रखने से उसमें प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण आते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं। यह पानी शरीर को बाहरी बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षित रखता है, जिससे स्वास्थ्य की रक्षा होती है।

मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से पहले सावधानियां 

मिट्टी के बर्तन को पानी पीने के लिए इस्तेमाल करने से पहले आपको कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना होता है। मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से पहले उसका सही तरीका आपको पता होना चाहिए। सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना है कि मिट्टी का बर्तन साफ होना चाहिए। मिट्टी के बर्तन की दीवारों पर गंदगी या बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, जो पानी को पूरी तरह से प्रदूषित कर देते हैं। मिट्टी का बर्तन धोने से पहले साबुन को अधिक मात्रा में इस्तेमाल न करें। केवल हल्का-सा साबुन इस्तेमाल करें या फिर केवल गर्म पानी का उपयोग करें। आपको मिट्टी का बर्तन धोने के लिए अधिक रसायन या क्लोरीन वाले साबुन से बचें। इससे मिट्टी के बर्तन को नुकसान पहुंच सकता है और पानी के स्वाद को प्रभावित कर सकते हैं।

बर्तन की गुणवत्ता पर ध्यान

आपको मिट्टी के बर्तन की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना है। हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले मिट्टी के बर्तन का चयन करें। कभी-कभी सस्ते बर्तनों में रंग या रसायन का उपयोग किया जाता है, जो पानी को हानिकारक बना सकते हैं। आपको मिट्टी का बर्तन इस्तेमाल करने से पहले यह भी ध्यान देना है कि बर्तन के बाहरी और आंतरिक सतह पर कोई दरार या टूट-फूट न हो, ताकि वह पानी को सुरक्षित रख सके। 

पानी रखने का तरीका

यह भी जरूरी है कि मिट्टी के बर्तन को हमेशा सूखा रखें जब उसमें पानी न रखा हो। अगर बर्तन में पानी लंबे समय तक नहीं रखा जा रहा है, तो उसे ठीक से सुखा लें। इससे आपके पानी में बैक्टीरिया न पनपें। यह जान लें कि बर्तन में पानी अधिक समय तक रहने से फंगस का विकास हो सकता है, जिससे पानी में गंदगी और बदबू आ सकती है। आपको यह भी ध्यान रखना है कि अत्यधिक गर्म पानी मिट्टी के बर्तन में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे बर्तन की संरचना प्रभावित हो सकती है। आपको मिट्टी के बर्तन में सामान्य या फिर ठंडा पानी ही डालना है। पानी को अधिक समय के लिए बर्तन में न रखें। इससे पानी में बैक्टीरिया आ सकते हैं। हमेशा बर्तन को नए पानी से भरना चाहिए। यदि आपने बर्तन में पानी भर लिया है, तो उसे हर दिन बदलना चाहिए। हमेशा पानी बदलने से पानी ताजा और शुद्ध रहता है। यदि आपने बर्तन में पानी भर लिया है, तो उसे रोज़ बदलें। पानी में खनिज तत्वों की अधिकता से पानी का स्वाद बदल सकता है और यह लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद सेहत के लिए अच्छा नहीं रहता।

मिट्टी के बर्तन की उपयुक्तता 

मिट्टी के बर्तन में पानी पीने से पहले यह सुनिश्चित करें कि बर्तन कच्ची मिट्टी से बना हो और उसमें वजन अधिक हो, ताकि वह आसानी से स्थिर रहे और टूटने का खतरा कम हो। ध्यान दें कि मिट्टी के नाजुक और हल्के बर्तन जल्दी टूट सकते हैं। इसलिए ऐसे बर्तनों का उपयोग न करें जो कमजोर रहता है। आपको कभी-भी बर्तन को गीला नहीं रखना है। सूरज की रोशनी में सुखाना है। अगर इन नियमों के साथ मिट्टी के बर्तन का पानी पीने के लिए उपयोग करती हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए वरदान साबित होगा।

मिट्टी के बर्तन खरीदते समय सावधानी

सिर्फ कच्ची मिट्टी से बने बर्तन खरीदें, क्योंकि बर्तनों में कोई भी रंगीन पेंट या रासायनिक कोटिंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। मिट्टी के बर्तन अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी से बने होने चाहिए। अगर बर्तन बहुत हल्के होते हैं या उनमें दरारें हों, तो उनका उपयोग लंबे समय तक करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। बिना रंग और डिजाइन वाले बर्तन को खरीदें, क्योंकि यह रंग पानी के साथ मिलकर हानिकारक हो जाते हैं। बर्तन का आकार और डिजाइन आपके उपयोग के अनुसार उपयुक्त होना चाहिए। छोटे बर्तन में अधिक पानी नहीं रखा जा सकता, जबकि बड़े बर्तनों में अधिक पानी का संग्रहण किया जा सकता है। मिट्टी के बर्तन विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे पानी के मटके, गिलास, प्याले, चूड़े और अन्य। इनका उपयोग अलग-अलग उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि पानी पीने के लिए, खाना पकाने के लिए या सजावट के लिए।

 

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