शकरकंद सर्दी के मौसम का पोषणयुक्त फल या सब्जी आप मान सकती हैं। फल के रूप में इसका सेवन भी कर सकते हैं और इसकी सब्जी भी बनाई जाती है। खासतौर पर बच्चों के लिए यह पोषण का भंडार है। सर्दियों के मौसम में मिलने वाला यह कंद मूल अपनी मिठास के कारण सबसे अधिक लोकप्रिय है। इससे आसान क्या होगा कि आपने शकरकंद को उबालने और यह आपके लिए सेवन के लिए बिल्कुल तैयार है। आमतौर पर इसे भूनकर, उबालकर या फिर चाट में मिलाकर खाया जाता है। शकरकंद में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी6, फाइबर, पोटैशियम, मैग्रीशियम के साथ और भी कई सारे विटामिन पाए जाते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
पाचन तंत्र और आंखों के लिए लाभकारी

जानकारों के अनुसार शकरकंद में पाया जाने वाला घुलनशील और अघुलनशील फाइबर पाचन क्षमता को बेहतर बनाने में खास भूमिका निभाता है। इससे भोजन आसानी से पचता है। साथ ही कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। इसके साथ ही शकरकंद में मौजूद स्टार्च अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है साथ ही आंतों को भी सेहतमंद रखता है और गैस के साथ एसिडिटी में भी राहत मिलता है। इसके साथ आंखों के लिए शकरकंद बेहद लाभकारी होता है। यह माना गया है कि शकरकंद खासतौर से बीटा-कैरोटीन का एक बेहतरीन जरिया है। साथ ही शरीर विटामिन ए में बदल देता है। विटामिन ए हमारी रेटिना को स्वस्थ रखने में मदद करता है और आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटी ऑक्सी डेट्स आंखों को फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से भी बचाता है। इससे मोतियाबिंद का भी खतरा कम हो जाता है।
इम्यूनिटी और मधुमेह के लिए भी काफी उपयोगी

शकरकंद में मौजूद विटामिन A और विटामिन C प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह ऱरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में आवश्यक भूमिका निभाता है। विटामिन ए शरीर की कोशिकाओं को रोगाणुओं से लड़ने में क्षमता प्रदान करता है और शकरकंद में मौजूद विटामिन सी शरीर को संक्रमणों से बचाने में, घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करने में भी काफी सहायता प्रदान करता है। साथ ही मौसमी बीमारियों से भी काफी राहत देता है। यह भी जान लें कि मधुमेह रोगियों के लिए भी शकरकंद सेहतमंद होता है। भले ही शकरकंद में प्राकृतिक मिठास होती है, लेकिन इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है। इसका अर्थ है कि यह रक्त में शर्करा के स्तर को तेजी से नहीं बढ़ाता। शकरकंद में मौजूद फाइबर कार्बोहाइड्रेट्स के अवशोषण को धीमा करता है। इसके साथ ही शकरकंद का सेवन शरीर में ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखने का काम करता है। हालांकि मधुमेह के रोगियों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए या फिर डॉक्टर की सलाह पर।
दिल की सेहत और वजन को नियंत्रित करना

शकरकंद दिल की सेहत और वजन के लिए भी लाभकारी तरीके से काम करता है। शकरकंद में पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो कि दिल की सेहत को मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह भी जान लें कि पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करता है। मैग्नीशियम दिल से संबंधित समस्याओं को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, शकरकंद के एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम करते हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम घटता है। की अध्ययन में यह भी पाया गया है कि अगर आप वजन को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही हैं, तो उनके लिए शकरकंद एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है। इसमें कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है। साथ ही शकरकंद के सेवन से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है और यह आपको जंक फूड खाने से या फिर अधिक खाना खाने से भी रोकता है। अगर आपको मीठा खाने का मन कर रहा है. तो शकरकंदी आपके मीठा खाने की इच्छा को भी संतुष्ट करती है। जानकारों का कहना है कि आप अगर उबले या फिर भुने हुए शकरकंद को सुबह या फिर शाम के नाश्ते में शामिल करती हैं, तो इससे आपको वजन घटाने में सहायता मिलती है।
बच्चों के लिए शकरकंदी खाने के फायदे विस्तार से

शकरकंदी बच्चों की बढ़ती उम्र के लिए एक पौष्टिक और सुरक्षित पदार्थ है। यह ढेर सारे विटामिन से भरपूर होता है। इसलिए बच्चों के खाने में इसे शामिल करना काफी लाभदायक होता है। जानकारों के अनुसार शकरकंद में मौजूद कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स बच्चे को भरपूर ऊर्जा देता है। यह शरीर को धीरे-धीरे ऊर्जा देता है, जिससे बच्चा थकान महसूस किए बिना खेल और पढ़ाई पर ध्यान दे पाता है। इसमें मौजूद विटामिन A, C, मैंगनीज और पोटेशियम हड्डियों, मांसपेशियों और ऊतकों के विकास को मजबूत बनाते हैं। यह माना गया है कि बढ़ते हुए बच्चों के लिए शकरकंद सबसे ज्यादा जरूरी है। यह भी जान लें कि शकरकंद में एंथोसायनिन, बी-विटामिन्स और विशेष एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि शकरकंद में मौजूद फाइबर बच्चों के पाचन को बेहतर बनाता है। कब्ज, गैस या पेट फूलने जैसी आम समस्याओं में राहत देता है। शकरकंद आसानी से पच जाता है, इसलिए यह छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित माना जाता है। यह भूख बढ़ाने में भी सहायक है क्योंकि यह पेट को हल्का और आरामदायक रखता है।
मौसमी बीमारियां और शकरकंद

बच्चों में अक्सर मौसमी बीमारियां जल्दी असर करती हैं, ऐसे में शकरकंद बहुत अधिक फायदा करता है। विटामिन ए और विटामिन सी बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसके साथ शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और संक्रमणों से लड़ने की शक्ति देता है। सर्दी-जुकाम, खांसी, वायरल फीवर में भी यह शरीर को पोषण देकर रिकवरी तेज करता है। इसके नियमित सेवन से बच्चे बार-बार बीमार पड़ने से सुरक्षित रहते हैं। बच्चों की त्वचा और बालों को भी शकरकंद पोषण देता है। इससे बच्चों की स्किन एलर्जी, रैशेज या फिर रूखे बालों से होने वाली परेशानी से बच जाते हैं। हालांकि हर उम्र के बच्चे को शकरकंद अलग-अलग तरीके से दिया जाता है। 6 से 8 महीने के बच्चे को उबला हुआ या फिर मैश किया हुआ शकरकंद देना चाहिए। 1 से 3 साल के बच्चे को मैश्ड शकरकंद, शकरकंद का हल्का दलिया, छोटे-छोटे भुने शकरकंद के टुकड़े और 4 से 10 साल के बच्चे के पराठे , चाट या फिर पैनकेक के जरिए शकरकंद दिया जा सकता है।