आमतौर पर गोल्डन फ्लैक्ससीड के रूप में पहचाने जानेवाले अलसी को फ्लैक्स या लिनसीड के नाम से भी जाना जाता है। बीज, पाउडर और तेल के रूप में खाई जानेवाली अलसी शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का बढ़िया विकल्प है। आइए जानते हैं इसके सेहतमंद फायदे डॉक्टर जागृति से।
हल्के अखरोट जैसे स्वाद वाली अलसी का उपयोग

फाइबर और प्रोटीन से भरपूर अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिग्नान का अच्छा सोर्स है। यह एक प्रकार का पॉलीफेनोल है, जो आपके दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। वैज्ञानिक रूप से लिनम यूसिटाटिसिमम के नाम से पहचाने जानेवाले अलसी के आटे का इस्तेमाल 1000 ईसा पूर्व से ही ब्रेड बनाने के लिए किया जाता रहा है। खाने में हल्के अखरोट जैसे स्वाद वाली अलसी को आप किसी भी चीज में मिलाकर खा सकती हैं। दही, पनीर, दलिया में जहां आप पिसी हुई अलसी छिड़ककर खा सकती हैं, वहीं सलाद में थोड़ा सा कुरकुरापन लाने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। सिर्फ यही नहीं सॉस और सूप के अलावा स्मूदी या प्रोटीन शेक के साथ भी आप इसका सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा यदि आप मफिन, पैनकेक या कोई और बेक्ड सामान बना रही हैं, तो आटे के रूप में अलसी के आटे का इस्तेमाल कर सकती हैं।
शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का बेहतर विकल्प है अलसी
सोयाबीन की तरह ही अलसी में भी प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, ऐसे में यदि आप अंडे से दूर रहती हैं, तो प्रोटीन के लिए इसका सेवन कर सकती हैं। हालांकि इसमें सभी जरूरी अमीनो एसिड नहीं होते, ऐसे में प्रोटीन के लिए सिर्फ अलसी पर निर्भर रहने की बजाय आप भोजन में दालों का सेवन भी कर सकती हैं। गौरतलब है कि फिश की तरह ही इसमें भी ओमेगा-3 के साथ अल्फा लिनोलेनिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो आपके दिल को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करता है। ओमेगा-3 से भरपूर अलसी में एंटीऑक्सीडेंट लिग्नेन भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। लिग्नेन एक प्रकार का फाइटोएस्ट्रोजन है, जो ऑस्टियोपोरोसिस, दिल की बीमारी और स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अलसी के बीजों में अन्य पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों की तुलना में 75 से 800 गुना अधिक लिग्नेन पाए जाते हैं।
फाइबर के साथ केले से अधिक पोटैशियम

फाइबर से भरपूर अलसी वजन कम करने और आपके डाइजेशन को दुरुस्त करने में भी बेहद मददगार है। दरअसल इसमें पाया जानेवाला फाइबर घुलनशील होता है, जो पानी के साथ मिलकर जेल बनाता है और आपके डाइजेशन को धीमा कर देता है। इससे आपको लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास होता है और आपको भूख नहीं लगती। वजन कम करने के साथ-साथ ये न सिर्फ आपका कोलेस्ट्रॉल कम करता है, बल्कि आपके ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है। अलसी की एक खासियत यह है कि इसमें केले से भी अधिक पोटैशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने के साथ-साथ आपके सेल्स और मसल्स के लिए बेहद जरूरी है। अलसी, विटामिन बी1 का भी अच्छा सोर्स है, जो आपके द्वारा खाये जानेवाले भोजन को ऊर्जा में बदलता है।
अलसी खाएं लेकिन सोच-समझकर
आम तौर पर इसका लाभ उठाने के लिए प्रतिदिन लगभग 2 बड़े चम्मच अलसी का सेवन जरूरी है, लेकिन इसे खाना शुरू करते समय, शुरुआत एक चम्मच से करें तो बेहतर है, वर्ना आपको पेट फूलने की शिकायत हो सकती है। स्वास्थ्य का खजाना अलसी यूं तो आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपको किडनी या उससे जुड़ी कोई और समस्या है तो आपको अलसी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है, जो आपके शरीर में पोटैशियम लेवल को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा यदि आप हार्मोन से संबंधित कैंसर का इलाज करवा रही हैं, तब भी आपको अलसी से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि अलसी में फाइटोएस्ट्रोजन होते हैं, जो कैंसर में बेहद हानिकारक होते हैं।
अलसी के अलावा अलसी तेल है इस्तेमाल का सुविधाजनक तरीका

अलसी को अपने आहार में शामिल करते समय आपको इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि आप साबुत अलसी की बजाय पिसी हुई या बारीक पिसी हुई अलसी का सेवन करें, क्योंकि पिसी हुई अलसी मुकाबले साबुत अलसी को पचाना आपके शरीर के लिए कठिन होता है। हालांकि पिसी हुई अलसी के मुकाबले साबुत अलसी के बीजों की शेल्फ लाइफ अधिक होती है। ऐसे में आप चाहें तो साबुत अलसी को फ्रिज में एक साल तक स्टोर करके रख सकती हैं, बशर्ते कि वह एयरटाइट कंटेनर में हो। हालांकि जरूरत पड़ने पर अपने उपयोग अनुसार आप इसे मिक्सर ग्राइंडर में पीसकर इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। वैसे यदि आपको साबुत और पिसी, इन दोनों से परेशानी हो रही हो तो आप अलसी के तेल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन इसमें ग्राउंड फ्लैक्स के सभी गुण नहीं होते और न ही इसकी शेल्फ लाइफ अधिक होती है। फिर भी आपके शरीर में ओमेगा-3 को बढ़ाने का यह एक सुविधाजनक तरीका हो सकता है।