एनीमिया में आम तौर पर हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता है। बच्चों में यह समस्या आम है, आइए जानते हैं, बच्चों के खानपान में क्या शामिल करें, जिससे एनीमिया उन्हें कभी न हो।
एनीमिया से जूझ रहे बच्चों के लिए
मेडिकल टर्म में बात करें तो एनीमिया तब होता है, जब शरीर में रक्त से उसके टिश्यू तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए पर्याप्त हेल्दी रेड ब्लड सेल्स नहीं होती हैं। आम शब्दों में कहें तो एनीमिया में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता है। बच्चों में यह समस्या आम तौर पर पाई जाती है, ऐसे में उनके खान-पान में कुछ बदलाव करके उन्हें आप एनीमिया से बचा सकती हैं।
चुकंदर
यह बात एकदम आम है कि एनीमिया से पीड़ित बच्चों को चुकंदर का सेवन करना चाहिए, ताकि शरीर अधिक आयरन को अब्सॉर्ब कर सके। यह रेड ब्लड सेल्स को रिवाइव करने में मदद करेगा और पूरे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करेगा। इसके अलावा, चुकंदर में बड़ी मात्रा में कॉपर भी होता है, जो बच्चों के शरीर को अधिक आयरन का उत्पादन करने के लिए बढ़ावा देता है, जिससे आयरन की कमी नहीं होती।
खजूर
खजूर बच्चों के स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम है। कम वजन वाले, कम हीमोग्लोबिन (आयरन) और कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों को प्रतिदिन एक मीठा खजूर अवश्य देना चाहिए। इसे कम से कम 2-3 महीने तक जारी रखें। अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है और आप सीधे खजूर बच्चे को नहीं दे सकती हैं, तो खजूर का सिरप भी पीला सकती हैं। आप दूध या दलिये में भी खजूर का सिरप डाल कर बच्चे को दे सकती हैं। खजूर में आयरन और विटामिन-सी अधिक होता है, जो शरीर को अन्य खाद्य पदार्थों से आयरन अब्सॉर्ब करने में मदद करता है।
अनार
अनार में भरपूर मात्रा में आयरन होता है। यह कम हीमोग्लोबिन वाले बच्चों के लिए एक आदर्श स्रोत है। आयरन की मात्रा 100 ग्राम अनार में 0.3 मिलीग्राम होती है। आयरन के साथ-साथ इसमें कई अन्य विटामिन भी होते हैं। अनार कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और कई अन्य विटामिन और खनिजों से भी भरपूर होता है। आप अपने बड़े बच्चे को फ्रूट के तौर पर अनार दे सकती हैं। एकदम छोटे बच्चों के लिए जूस के तौर पर इसका इस्तेमाल बेहतर हो सकता है।
सेब
एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि बच्चे ऐसे भोजन से आयरन को अच्छी तरह से अब्सॉर्ब करते हैं, जिसमें सेब का रस शामिल होता है। सेब के रस को प्राथमिकता देने से आयरन की कमी वाले एनीमिया होने की संभावना कम होती है, इसलिए आज ही अपने बच्चे के खान-पान में इसे शामिल करें।
किशमिश
सूखे फल आपके बच्चे में आयरन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। साथ ही कब्ज को रोकने में भी मदद करते हैं। एक चौथाई कप किशमिश में लगभग 1 मिलीग्राम आयरन होता है। आप अपने बच्चों को सीधे किशमिश खिला सकती हैं। बहुत छोटे बच्चों को दूध या दलिया के साथ पीसकर पीला सकती हैं।
एप्रीकॉट
100 ग्राम सूखे एप्रीकॉट, जिसे खुबानी भी कहते हैं, में लगभग 6 मिलीग्राम आयरन होता है, जो शरीर की दैनिक आयरन की 35प्रतिशत जरूरत को पूरा करता है। इसके अलावा, सूखे खुबानी में बहुत सारा पोटेशियम भी होता है, जो दिल के साथ मसल्स और किडनी के लिए आवश्यक मिनरल्स हैं।
पालक
पालक जैसी गहरी हरी पत्तेदार सब्जी आयरन के लिए आपके सर्वोत्तम सब्जियों के विकल्पों में से है। आधा कप उबले, छाने हुए पालक में लगभग 3 मिलीग्राम आयरन होता है। अपने बच्चे की थाली में पालक की सब्जी शामिल करें। बच्चा बहुत छोटा है, तो पालक का जूस या उबले हुए पालक का पानी भी आप उसे पीला सकती हैं।
मटर के दाने
मटर के दाने प्रोटीन का सोर्स है, जो फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है। अगर आप आमिष भोजन बच्चे की डाइट में शामिल नहीं कर सकती हैं, तो उसे मटर के दानों के साथ बदल दें, क्योंकि मटर आयरन का एक बड़ा स्रोत हैं। आयरन से भरपूर यह विकल्प एनीमिया के लिए बेस्ट है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल
एनीमिया के लक्षण क्या है ?
एनीमिया के कारण पीलापन, कमजोरी, चिड़चिड़ापन और थकान होती है। आमतौर पर पता नहीं चलता कि बच्चे पीले पड़ रहे हैं, क्योंकि यह धीरे-धीरे होता है, जिससे उनकी एकाग्रता और सीखने की क्षमता बिगड़ सकती है। एनीमिया की स्थिति गंभीर होने पर, इसके कारण, सांस की तकलीफ, चक्कर आने और हृदय गति तेज होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
छोटे बच्चों में खून कितना होना चाहिए?
6 से 12 महीने के बच्चे में हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज 11.3 से 14.1 के बीच होती है। 1 से 5 साल के बच्चों में हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज 10.9 से 15.0 के बीच होना चाहिए। 5 से 11 साल के बच्चों में हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज 11.9 से 15.0 के बीच होती है। अगर आपके बच्चे में यह मात्रा है तो आपका बच्चा स्वस्थ है।
सबसे कम हीमोग्लोबिन की किस रेंज को माना गया है ?
बच्चों में डब्ल्यूएचओ द्वारा इसे लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए 11 ग्राम/डीएल से कम के रूप में परिभाषित किया गया है।
क्या समय से पहले पैदा हुए बच्चों में एनीमिया की शिकायत ज्यादा होती है ?
हां, जो बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं, उनमें रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम होती है। इन बच्चों में पूर्ण अवधि वाले बच्चों की तुलना में रेड ब्लड सेल्स कम होता है। इसे समय से पहले एनीमिया कहा जाता है। यह समस्या तब आम होती है, जब मां और बच्चे के ब्लड ग्रुप मेल नहीं खाते। इन बच्चों को आमतौर पर पीलिया (हाइपरबिलिरुबेनेमिया) होता है, जिससे उनकी त्वचा पीली हो सकती है। कुछ बच्चों में एनीमिया संक्रमण या अनुवांशिक (वंशानुगत) विकारों ( हार्मोनल) के कारण भी हो सकता है।
एनीमिया से प्रभावित बच्चे किस तरह की परेशानी झेलते हैं ?
बच्चों में आयरन की कमी से उनका विकास प्रभावित हो सकता है। आयरन एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसकी आपके बच्चे को बढ़ने और ठीक से विकसित होने के लिए जरूरत होती है।
क्या चुकंदर बच्चों के लिए हेल्दी हैं ?
आयरन ,फोलेट, पोटेशियम, विटामिन-सी, जिंक के अलावा कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और तरल पदार्थ से भरपूर चुकंदर बच्चों के लिए काफी हेल्दी होते हैं।
एनीमिया के इलाज में सबसे फायदेमंद क्या होता है?
आयरन और फोलिक एसिड की खुराक सबसे अहम होती है। यह शरीर को रेड ब्लड सेल्स और डीएनए बनाने में मदद करता है, जो आपके शरीर का निर्माण खंड है।
आयरन के स्तर को रातों रात कैसे बढ़ाया जा सकता है ?
आयरन के स्तर को बढ़ाने के लिए मौखिक रूप से आयरन लेना या विटामिन-सी के साथ में आयरन सप्लीमेंट देना अक्सर सबसे तेज तरीका होता है। बच्चों को सप्लीमेंट देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कौन से फल और सब्जियां फायदेमंद हैं ?
आयरन से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थों में मटर, दाल, बीन्स, टोफू और पालक जैसी गहरे हरी पत्तेदार सब्जियां और सूखे मेवे जैसे कि आलूबुखारा और किशमिश और आयरन से भरपूर अनाज और ब्रेड शामिल हैं।