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5 सेहतमंद चीजों को मिलाकर अपनी रोटी को बनाएं पोष्टिक

टीम Her Circle |  December 01, 2025

सेहत का रास्ता पेट से होकर गुजरता है। खासतौर पर यह बहुत मायने रखता है कि आप किस तरह की रोटी का सेवन करती हैं। यह भी है कि खाने में रोटी न हो, तो खाने को अधूरा माना जाता है। रोटी हमारे खान-पान की परंपरा का ऐसा हिस्सा है, जो कि हर किसी के साथ फिट बैठ जाता है। रोटी के साथ दाल, रोटी के साथ सब्जी, रोटी के साथ अचार, रोटी के साथ चटनी और रोटी के साथ रायता तक खाया जाता है। रोटी शरीर को आवश्यक विटामिन, मिनरल्स, और फाइबर भी भरपूर मात्रा में देता है। ऐसे में आप अपनी रोटी में क्या मिलाते हैं, यह बहुत मायने रखता है। आइए जानते हैं विस्तार से।

गेहूं के आटे में मिलाएं चने का आटा

चना प्रोटीन का एक बेहतरीन और आसानी से मिलने वाला स्रोत है। अगर आप अपने गेहूं के आटे में 20–25% चने का आटा मिलाते हैं, तो आपकी रोटी ज्यादा पौष्टिक बन जाती है। मिली जानकारी के अनुसार चने के आटे में उच्च प्रोटीन होता है। उच्च प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है। चने का आटा होने से यह आपके पाचन को सुधारता है और साथ ही कब्ज की समस्या भी कम हो जाती है। जानकारों का यह भी कहना है कि चने का आटा और गेहूं का आटा एक साथ मिलाने पर मधुमेह रोगियों के लिए भी यह बेहद लाभदायक होता है। साथ ही रोटी और चने के आटे को एक साथ मिलाने पर पेट भी लंबे समय के लिए भरा हुआ रहता है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम होती है। आप इसके लिए 2 कप गेहूं के आटे में आधा कप चने का आटा मिलाएं।

गेहूं के आटे में मिलाएं जौ का आटा 

जौ को आयुर्वेद में शीतल और पाचन के लिए उत्तम माना गया है। जौ का आटा आपकी रोटी को हल्का बनाता है और गर्मियों के मौसम में शरीर में ठंडक बनाए रखता है। जौ के आटे में बीटा-ग्लूकन फाइबर होता है, जो कि शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्राल को कम करता है। भोजन के बाद शुगर स्पाइक्स को रोकने का भी काम जौ का आटा करता है। जौ का आटा वजन घटाने में भी सहायक होता है। इसमें कौलोरी कम और फाइबर अधिक होता है। साथ ही जौ की रोटी कब्ज और गैस की समस्या में भी राहत देती है। आपको गेहूं के आटे में 10 से 15 प्रतिशत जौ का आटा मिलाना चाहिए।

मेथी पाउडर या फिर सूखी मेथी को गेहूं के आटे के साथ मिलाना

मेथी दाना और कसूरी मेथी दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर हैं। अगर रोटी के आटे में मेथी पाउडर या बारीक की हुई सूखी मेथी मिला दी जाए, तो रोटी का स्वाद और गुण दोनों बढ़ जाते हैं। मेथी में मौजूद घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता है। साथ गैस, अपच और कब्ज की समस्या में भी उपयोगी होता है। मेथी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन और दर्द को कम करता है। मेथी शरीर में ऊर्जा को भी बढ़ाता है। आपको एक किलो मेथी के आटे में 2 से 3 चम्मच मेथी पाउडर या 4 से 5 चम्मच कसूरी मेथी को मिलाना चाहिए।

गेहूं के आटे में मिलाएं अलसी का पाउडर

अलसी शरीर को काफी बड़े स्तर पर पोषण देता है। अलसी छोटे-छोटे दानों में बड़ी शक्ति छुपाए रखती है। यह पाचन, दिल और और त्वचा सभी के लिए काफी फायदेमंद होता है। आप अलसी को हल्का-सा भूनकर उसका पाउडर बना लें और इसे भी आपको आटे में मिलाना है। मिली जानकारी के अनुसार ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। साथ ही फाइबर रिच होने के साथ यह पेट को भी साफ रखता है और वजन को कम करने में मदद करता है। अलसी का सेवन त्वचा को ग्लोइंग और बालों को भी मजबूत बनाता है। आपको यह ध्यान रखना है कि एक किलो गेहूं के आटे में 3 से 4 चम्मच अलसी पाउडर मिलाना चाहिए। 

गेहूं के आटे में सोयाबीन का आटा मिलाने का फायदा

सोयाबीन को दुनिया का सबसे प्रोटीन-समृद्ध पौधा माना जाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी डायट में प्रोटीन की कमी रहती है। सोयाबीन दिमाग और शरीर दोनों को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही यह कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होता है। पीरियड्स से संबंधित समस्याओं में भी लाभदायक होता है। दिल की सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। आपको इसके लिए गेहूं के आटे में 10 से 15 प्रतिशत सोया का आटा मिलाना होता है। 

कैसे बनाएं मल्टीग्रेन आटा

आप कई सारे आटे को मिलाकर मल्टी-ग्रेन आटा भी बना सकती हैं। आप अपने स्वाद के अनुसार मिलाकर आटा तैयार कर सकती हैं। इसे बनाने के लिए 700 ग्राम गेहूं का आटा, 150 ग्राम चने का आटा, 80 ग्राम जौ का आटा, 50 ग्राम सोया का आटा, 20 से 30 ग्राम अलसी पाउडर, और 10 से 15 ग्राम मेथी को मिलाकर भी आटा तैयार कर सकती हैं। 

रोटी बनाने के लिए जरूरी टिप्स

यदि आपको डायबिटीज है, तो मल्टीग्रेन आटा आपके लिए सबसे अच्छा है। यह ध्यान रखें कि अगर आप अपने आटे में अलसी मिला रही हैं, तो इसे कच्चा न मिलाएं। आपको अलसी को भूनकर इसका पाउडर बना लेना है। सोया को भी आपको आटे में अधिक नहीं मिलाना है। इससे रोटी सख्त बन सकती है। आप अपनी रोटी में अजवाइन को मिला सकती हैं, इससे आपका पाचन बेहतर रहेगा। 

सेहत के लिए रोटी बनाते वक्त अपनाएं जरूरी टिप्स



रोटी बनाते समय आपको यह ध्यान रखना है कि लंबे समय तक रखे हुए आटे से रोटी न मिलाएं। लंबे समय तक रखा हुआ आटा खट्टा पड़ सकता है। इससे रोटी का स्वाद और पोषण दोनों प्रभावित होता है। कोशिश करें कि आटा गूंथकर 15 से 20 मिनट जरूर ढककर रख दें, इससे रोटी नरम बनती है। रोटी बनाने के लिए हमेशा गुनगुना पानी इस्तेमाल करें। इसे रोटी मुलायम बनती है। आटा आसानी से मिक्स होता है। पाचन में भी मदद मिलती है। अगर आप रोटी के आटे में घी या तेल डालते हैं, तो एक या दो बूंद ही इस्तेमाल करें। रोटी के लिए तवा अच्छी तरह से गर्म होना चाहिए। बहुत ठंडे तवे पर रोटी कड़ी और सूखी बनती है। ज्यादा गर्म तवे पर रोटी जल्दी जलती है। रोटी को अधिक सेंकना भी नहीं चाहिए। ज्यादा सेंकी हुई रोटी पाचन पर असर डालती है। शरीर में गैस बनाती है। मोटी रोटी से पाचन की समस्या हो सकती है। पतली और समान गोलाई वाली रोटी सेहतमंद रहती है। रोटी के साथ कच्ची सब्जियां जरूर खाएं। यह पाचन को सुधारता है। जितनी भूख हो, उससे एक रोटी कम ही खाएं।

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