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होम / एन्गेज / स्वास्थ्य / न्यूट्रिशन

ठंड के मौसम में डायट में हो कुछ हेल्दी बदलाव

टीम Her Circle |  नवंबर 24, 2025

भारत में खासतौर से मौसम के बदलने के साथ ही भोजन हमेशा से ऋतुओं की लय से जुड़ा रहा है। जैसे ठंड के समय लोग बाजरा, गुड़, घी और जड़ वाली सब्जियों से खाना बनाना शुरू कर देते हैं, जो आराम और गर्मी प्रदान करती हैं। मौसम के अनुसार भोजन करने से शरीर संतुलित रहता है, पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। आइए जानें विस्तार से। 

गरमाहट मिलेगी शरीर को 

भारत में सर्दियों के मौसम का खाना कभी किसी एक व्यंजन या सामग्री तक सीमित नहीं होता। यह खाने का एक संपूर्ण दृष्टिकोण है, जो स्वास्थ्य, स्वाद और संस्कृति को जोड़ता है। उत्तर में, आपको रसोई में सरसों के पत्ते और शलजम दिखाई दे सकते हैं, जबकि दक्षिण में रागी, दाल और धीमी आंच पर पकाए गए स्टू का चलन है। हर घर में खाने के जरिए मेज पर गर्माहट लाने का अपना तरीका होता है, जो दिल को सुकून देता है। सर्दियों में शरीर की भूख बदल जाती है, और पारंपरिक शीतकालीन भोजन शक्ति और सुरक्षा की इस ज़रूरत को पूरा करता है। अदरक, हल्दी और जीरा जैसे गरम मसाले रक्त संचार और पाचन में सुधार करते हैं। गुड़ और घी शरीर को गर्म और ऊर्जावान रखते हैं, जबकि विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे आंवला, खांसी और जुकाम के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।

मौसमी सर्दियों के खाद्य पदार्थ खाने के लाभ

मौसम के अनुसार भोजन करना न केवल परंपरा का, बल्कि स्वास्थ्य का भी एक अभिन्न अंग है। मौसमी खाद्य पदार्थों में वे पोषक तत्व होते हैं, जिसकी जरूरत पूरे शरीर में रहती है। साथ ही गाजर, पालक, मेथी और चुकंदर जैसी सर्दियों की उपज प्राकृतिक विटामिन और खनिजों से भरपूर होती है, जो ताकत बढ़ाते हैं। इसके खास लाभ की बात करें, तो पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों के माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और धीरे-धीरे पचने वाले होते हैं, जो मैग्नीशियम युक्त अनाज से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना लेते हैं और शरीर को ठंडे तापमान को अधिक कुशलता से प्रबंधित करने में मदद करते हैं और मौसमी उपज को स्थानीय होने के कारण भोजन को टिकाऊ बना कर रखते हैं। 

सूप होते हैं अच्छे 

गरमागरम सूप ठंड के मौसम में जितने स्वादिष्ट लगते हैं, उतने ही पौष्टिक भी होते हैं। जी हां, ये आपकी इंटेस्टाइन के लेयर्स के लिए भी बेहद पौष्टिक होते हैं। साथ ही इसको पीने से आपको हाइड्रेशन और जरूरी मिनरल्स मिल जाते हैं और इसमें जो कोलेजन भी होता है, वो इंटेस्टाइन की सुरक्षा करता है। गौरतलब है कि एक कप वेजिटेबल सूप आपके पाचन तंत्र को शांत कर सकता है, खासकर जब आपको सर्दियों में एसिडिटी या पेट फूलने की समस्या हो।

सर्दियों के खाद्य पदार्थ हैं खास 

जी हां, इस बात का ध्यान आपको जरूर रखना चाहिए कि ठंड में पचने वाले अनाज और स्वस्थ वसा के माध्यम से गरमाहट देते हैं। ऐसे में फाइबर युक्त बाजरा और दालों के माध्यम से स्थिर ऊर्जा बनाए रखना भी बेहद जरूरी होता है। साथ ही ताजी सब्जियों और जड़ी-बूटियों से प्राप्त एंटीऑक्सीडेंट के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करते हैं और ये मसालों के साथ पाचन में सहायता करते हैं, जो इंटेस्टाइन को संतुलित रखते हैं। साथ ही यह अच्छे वसा और हाइड्रेशन के माध्यम से त्वचा और बालों को रुखेपन से बचाते हैं और बाजरे की खिचड़ी, रोटी के साथ साग, या रागी दलिया का एक कटोरा जैसे साधारण भोजन इस मौसम में थकान और पोषण के बीच अंतर ला सकते हैं। 

लहसुन से अच्छा कुछ नहीं 

ठंड का सबसे अच्छा दोस्त है लहसुन। लहसुन न केवल सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, बल्कि यह इंटेस्टाइन के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। लहसुन में प्रीबायोटिक्स होते हैं, साथ ही इसमें शक्तिशाली जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण भी होते हैं। कच्चा या हल्का पका हुआ लहसुन अपने आहार में शामिल करने से पाचन एंजाइम उत्तेजित होते हैं, लैक्टोबैसिलस जैसे स्वस्थ इंटेस्टाइन बैक्टीरिया को विकसित करने में मदद मिलती है और हानिकारक रोगाणुओं से बचाव होता है।

कुछ और बातों का खास ख्याल रखें 

इस बात का आपको ख्याल रखना है कि आपको अपने शरीर को अच्छे से हाइड्रेटेड करके रखना है, क्योंकि आपको यह पता नहीं चलेगा, लेकिन सर्दियों में कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। पाचन में सहायता के लिए भोजन के बाद गर्म पानी पिएं। साथ ही गर्म हर्बल चाय पीना भी अच्छा होता है। आपको इस बात का भी ख्याल रखना है कि आपको ज्यादा खाने से बचना है, क्योंकि ज्यादा मात्रा में खाना खाने से पाचन धीमा हो सकता है। इसके बजाय, कम मात्रा में और संतुलित मात्रा में खाना चुनना अच्छा होता है। वहीं मानसिक तनाव पेट के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, इसलिए आपको मानसिक तनाव से राहत देने वाली गतिविधियों, जैसे योग, ध्यान और श्वास व्यायाम को बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए। साथ ही संतरा, आंवला और अमरूद जैसे मौसमी फलों को शामल करें, जिसमें विटामिन-सी और फाइबर होता है, जो पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और समग्र पाचन में मदद करता है।

 

जड़ों वाली सब्जियां 

सर्दियों में जड़ वाली सब्जियों की बात करें, तो गाजर, शकरकंद, चुकंदर, शलजम और मूली का अच्छा संग्रह मिलता है, जिनमें घुलनशील फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो अच्छे पाचन के लिए जरूरी है। फाइबर न केवल लार्ज इंटेस्टाइन संबंधी रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता है, साथ ही यह आपकी इंटेस्टाइन में रहने वाले अच्छे बैक्टीरिया को पोषण भी प्रदान करता है और आपको फैटी एसिड (एससीएफए) का उत्पादन प्रदान करता है, जो सूजन को कम करता है और लार्ज इंटेस्टाइन के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

फर्मेंटेड फूड 

फर्मेन्टेड खाद्य पदार्थ आपके पेट में लाभकारी बैक्टीरिया पहुंचाने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक हैं। खासकर सर्दियों के महीनों में, ये रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और फ्लू व सर्दी-ज़ुकाम जैसे मौसमी संक्रमणों से लड़ने में भी मदद कर सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने आहार में दही, केफिर, किमची, सॉकरक्राट, कोम्बुचा, कांजी, और इडली या डोसा जैसे विकल्प शामिल करें। इनमें प्रोबायोटिक्स (जीवित बैक्टीरिया) होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं और पोषक तत्वों के अब्सॉर्प्शन को भी बढ़ाते हैं।

 

 

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