अगर घर की दाल और सब्जी में हींग का तड़का न हो, तो दाल का स्वाद फीका लगता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि खाने में हींग आपके शरीर की सेहत के लिए सबसे कारगर दवा भी मानी गई है। आयुर्वेद में कई ऐसी दवाइयां हैं, जहां चुटकी भर हींग का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। हींग एक तरफ, जहां पेट की सेहत के लिए सबसे अच्छा उपचार माना जाता है, वहीं इसका अधिक सेवन आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से।
हींग पारंपरिक मसाला

हींग को किचन का सबसे पसंदीदा पारंपरिक मसाला माना गया है, जो भारतीय रसोई में स्वाद बढ़ाने के साथ अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। हींग को खासतौर पर दाल, सब्जी में डाला जाता है। खासतौर पर खाने की ऐसी चीजों में इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पाचन पर असर न पड़े। चुटकी भर हींग का इस्तेमाल चने की दाल, पनीर की सब्जी, भजिया और वड़ा जैसी डिश में किया जाता है। इससे पाचन क्रिया सही रहती है। हींग का सबसे अधिक असर पाचन तंत्र पर होता है। हींग में मौजूद एंटी-स्पास्मोडिक और एंटी-फ्लैटुलेंस गुण पेट में गैस और कब्ज से राहत दिलाता है। इसलिए खाने में हींग का इस्तेमाल करने से यह आसानी से पचता है, पेट हल्का महसूस होता है। इसके अलावा, हींग का इस्तेमाल आंतों की मांसपेशियों को भी आराम देता है। आर्युवेद में इस पूरी तरह से पाचन की दवा माना गया है।
पीरियड्स के दर्द में राहत देता हींग

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में काफी दर्द होता है और ब्लोटिंग की भी समस्या रहती है। पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द और ऐंठन चार दिन तक बना रहता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि इस दौरान महिलाओं को हींग का गर्म पानी बनाकर पीना चाहिए। जानकारों के अनुसार हींग यूटरस में जमा हुए ब्लड क्लॉट्स को निकालने में भी सहायक होता है। इसके सेवन से हार्मोन को संतुलित रखने में भी सहायता मिलती है। इसलिए नानी और दादी भी पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द के लिए एक चुटकी हींग को गुनगुने पानी के साथ पीने की सलाह देती रही हैं। यह भी माना गया है कि सांस की समस्या में भी हींग लाभकारी होता है। हींग में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके साथ यह कफ को पतला करती है, जिससे फेफड़ों से बलगम बाहर निकलने में मदद मिलती है। खांसी जैसी समस्याओं में हींग को पानी या शहद के साथ दिया जाता है। आयुर्वेद में माना गया है कि यह प्राकृतिक रूप से सांस की नलियों (ट्यूब्स) को भी साफ करने में सहायक होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी हींग करता है काम

हींग में एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मदद करते हैं।यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और सामान्य संक्रमण जैसे सर्दी-खांसी से बचाता है। आयुर्वेद में यह भी माना गया है कि यह पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर "गट हेल्थ" को सुधारता है, जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। हींग को लेकर यह भी जानकारी सामने आयी है कि इससे खून का संचार बेहतर होता है और हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। हींग को लेकर आयुर्वेद में साफ तौर पर कहा गया है कि यह स्वस्थ शरीर के लिए मजबूत पाचन और इम्यूनिटी को बढ़ावा देता है और हींग में यह गुण पाया जाता है।
हींग के अधिक सेवन से सेहत को नुकसान

किसी भी चीज का अधिक सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। हींग का सीमित मात्रा में सेवन फायदेमंद होता है। अगर इसका अधिक सेवन किया जाए, तो यह सेहत पर विपरीत असर डाल सकता है। हींग का जरूरत से अधिक सेवन करना आपके पेट के लिए समस्या बन सकता है। जानकारों के अनुसार हींग पाचन को सुधारती जरूर है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने पर यह आंतों (इंटेस्टाइन्स) को ट्रिगर कर सकती है। अगर आपने हींग का अधिक सेवन कर लिया,तो इससे पेट में जलन, ऐंठन, गैस और दस्त (डायरिया) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक अधिक सेवन करने पर पाचन तंत्र की प्राकृतिक क्रिया प्रभावित हो सकती है।
हींग के अधिक सेवन से एलर्जी की समस्या

कई लोगों को हींग के जरूरत से अधिक सेवन से त्वचा पर एलर्जी की समस्या हो सकती है। हींग के कारण त्वचा पर खुजली, रेड मार्क के साथ सूजन और जलन की परेशानी हो सकती है। अगर हींग के सेवन के बाद आपको यह लक्षण दिखाई देते हैं, तो इसके लिए तुरंत आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कई रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि हींग में खून को थीन करने वाले तत्व भी होते हैं, जिससे रक्तचाप कम हो सकता है। यह भी सलाह अक्सर दी जाती है कि जिन लोगों को पहले से ही लो ब्लड प्रेशर है, उन्हें हींग का अधिक सेवन करने से चक्कर या कमजोरी महसूस हो सकती है। इतना ही नहीं गर्भावस्था में हींग का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। जानकारों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को हींग का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। यह माना गया है कि यूटेरियन कॉन्ट्रेक्शनहींग के कारण आ सकता है। जिससे समय से पहले प्रसव पीड़ा हो सकती है। गर्भावस्था के शुरुआती महीने में हींग के सेवन से सबसे अधिक खतरनाक साबित हो सकती है। उल्लेखनीय है कि अधिक मात्रा में हींग का सेवन कुछ मामलों में सिरदर्द, चक्कर और मानसिक बेचैनी का कारण बन सकता है।
हींग का सेवन सही तरीके से करने का तरीका

भारतीय रसोई में हींग को सबसे ज्यादा दालों, सब्जियों और कढ़ी आदि में तड़का लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे घी या तेल में जीरा और राई के साथ भूनकर उपयोग किया जाता है। एक चुटकी हींग ही काफी होती है और इससे स्वाद भी बढ़ाता है और पाचन भी सुधरता है। पाचन सुधारने के लिए हींग को गुनगुने पानी में घोलकर पीना गैस और अपच से राहत देता है। एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी हींग मिलाकर खाने के बाद सेवन करें। आप चाहें तो इसमें नींबू का रस या काला नमक भी मिला सकते हैं। सिरदर्द और पेट दर्द में भी हींग का लेप लगाया जा सकता है। हींग को पानी या गुलाब जल में घोलकर उसका लेप बना सकते हैं। पेट में गैस होने पर या फिर पेट में दर्द होने पर इसे नाभि के चारों तरफ लगाया जा सकता है। सिरदर्द में इसे माथे पर लगाया जाता है। हींग वाला काढ़ा भी बनाया जा सकता है। एक कप पानी में अदरक, तुलसी, काली मिर्च और एक चुटकी हींग डालकर काढ़ा बना सकती हैं। यह काढ़ा कफ, खांसी और गले की खराश में उपयोगी होता है। इसे दिन में एक से 2 बार पी सकती हैं। हींग को थोड़ा सा शुद्ध घी या शहद में मिलाकर चाटने से पेट संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। यह तरीका खासकर बच्चों के पेट दर्द या गैस में कारगर माना जाता है।