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होम / एन्गेज / स्वास्थ्य / न्यूट्रिशन

पीरियड्स इरेग्युलर होने पर अपनी डाइट में करें ये बदलाव, जानें एक्सपर्ट की राय

टीम Her Circle |  फ़रवरी 10, 2025

इरेग्युलर पीरियड्स एक ऐसी समस्या है, जिसे आप चाहकर भी नजरअंदाज नहीं कर सकतीं। ये संकेत हैं कि आपके शरीर में कुछ गड़बड़ियां हैं, जिनका निदान समय रहते आपको कर लेना चाहिए। आइए जानते हैं इससे छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी डाइट में किस तरह का बदलाव करना चाहिए। 

इरेग्युलर पीरियड्स और एक्सपर्ट की राय

इरेग्युलर पीरियड्स के बारे में डॉक्टर सोनम विश्वकर्मा कहती हैं, “इरेग्युलर पीरियड्स के कई कारण हैं, जिनमें हार्मोनल इम्बैलेंस और एस्ट्रोजन प्रमुख हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक हारमोन्स के बदलने से शरीर में न सिर्फ कई न सिर्फ कई तरह के बदलाव आते हैं, बल्कि पीरियड्स इश्यू भी होते हैं। विशेष रूप से पेट में दर्द, ऐंठन और ब्लोटिंग की परेशानियों के साथ मूड स्विंग आम बात हो जाती है। आम तौर पर पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है, फिर भी यदि आपके पीरियड्स 25 से 35 दिनों के बीच आते हैं, तो उन्हें इरेग्युलर पीरियड्स नहीं कहा जा सकता। इसके अलावा सिर्फ एक या दो माह के लिए पीरियड्स में हुई देरी को भी इरेग्युलर पीरियड्स की कैटगरी में नहीं गिना जा सकता। यदि लगातार 3 से 4 महीने तक यह समस्या बनी रहती है, तो इसे आप इरेग्युलर पीरियड्स कह सकती हैं। हालांकि कुछ मेडिसिन के साथ डाइट में बदलाव करके आप इससे छुटकारा पा सकती हैं।” 

आजमाएं दालचीनी-अजवाइन और पोषक सीड्स

यदि लगातार आपके पीरियड्स इरेग्युलर हो रहे हैं तो आप कोशिश करें कि पीरियड्स के 14 दिन पहले से ही  अपनी डाइट में दूध के साथ पंपकिन सीड्स और फ्लैक्स सीड्स शामिल कर लें। इसके अलावा जब आपको पीरियड्स आ जाएं, तो अगले 15 दिनों तक सफेद तिल और सनफ्लावर सीड्स खाएं। इसके साथ ही आप अपनी सुबह-शाम की चाय या कॉफी में एक चुटकी दालचीनी उबालकर भी पी सकती हैं। दालचीनी से आपके पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन नियमित हो जाता है, जिससे पीरियड्स समय से आते हैं। यदि आप चाय-कॉफी नहीं पीती हैं, तो आप इसे पानी के साथ उबालकर भी पी सकती हैं। इससे न सिर्फ इरेग्युलर पीरियड्स की समस्या दूर होगी, बल्कि आप तरोताजा भी महसूस करेंगी। दालचीनी के अलावा आप अजवाइन का पानी भी पी सकती हैं। गौरतलब है कि अजवाइन में एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो इरेग्युलर पीरियड्स से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ पीरियड्स दर्द से भी छुटकारा दिलाते हैं। यह आपके शरीर में एस्ट्रोजन की समस्या को भी दूर करते हैं। 

बीटरूट, अनानास और पपीता भी है कारगर

पीरियड्स के दौरान आम तौर पर महिलाओं को ब्लोटिंग की समस्या होती है, और यदि पीरियड्स देर से आए तो ब्लोटिंग के साथ और भी कई परेशानियां शुरू हो जाती हैं। ऐसे में बीटरूट जूस या कच्चा बीटरूट आपकी परेशानियों को कम कर सकता है। आयरन के साथ फॉलिक एसिड, फाइबर और कैल्शियम से भरपूर बीटरूट न सिर्फ आपके पीरियड्स को रेग्युलर करता है, बल्कि पीरियड्स के दौरान होनेवाली सूजन को भी दूर करता है। इसके अलावा बीटरूट आपके शरीर में वॉटर रिटेंशन की प्रॉब्लम को भी कम करता है। बीटरूट के बाद अगला नंबर आता है अनानास और पपीते का। यदि आप अपने पीरियड्स डेट से कुछ दिन पहले पपीता और अनानास खाना शुरू करती हैं, तो आपकी यह प्रॉब्लम चुटकियों में खत्म हो सकती हैं। दरअसल पपीते में मौजूद कैरोटीन जहां यूट्रस के फंक्शन में आ रही परेशानियों को दूर करता है, वहीं अनानास आपके शरीर में मौजूद लाल और सफेद सेल्स का निर्माण करता है, जिससे आपके पीरियड्स रेग्युलर हो जाते हैं। दरअसल ब्रोमेलैन एंजाइमों से भरपूर अनानास यूट्रस और सेल्स के अलावा पीरियड्स के दौरान बननेवाले ब्लड क्लॉट और सूजन को भी कम करता है। 

अदरक और अजमोद के पानी के साथ पिएं हर्बल टी

इरेग्युलर पीरियड्स के लिए अजमोद के पानी के साथ हर्बल टी भी काफी फायदेमंद है। पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने के लिए अजमोद वर्षों से काफी प्रसिद्ध जड़ी-बूटी के तौर पर जाना जाता रहा है। देखने में धनिया की तरह दिखनेवाले इस दवाई में स्वास्थ्य के गुण छुपे हुए हैं। अजमोद में मौजूद मिरिस्टिसिन और एपिओल एस्ट्रोजन, इरेग्युलर पीरियड्स की परेशानियों से छुटकारा दिलाने के साथ दर्द और ऐंठन से भी राहत पहुंचाते हैं। अजमोद के पानी और चाय के अलावा आप हर्बल टी भी ले सकती हैं। यदि आपके पीरियड्स लगातार इरेग्युलर हैं, तो आप पीरियड्स की डेट से एक सप्ताह पहले एक चम्मच अजवाइन, एक चम्मच जीरा और 5 ग्राम गुड़ लेकर एक गिलास पानी में उबालकर पी लें। आप देखेंगी कि आपके पीरियड्स अगले महीने से ही रेग्युलर हो गए हैं। इन सबके अलावा आप एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अदरक को भी चाय या काढ़े के रूप में उबालकर पी सकती हैं। इसके लिए आप अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा लेकर उसे किस लें और एक गिलास पानी में उबालकर एक कप तक कर लें। अब उसमें एक छोटी चम्मच शहद डालकर उसे चाय की तरह पी लें। आप देखेंगी इससे न सिर्फ आपके पीरियड्स रेग्युलर हो जाएंगे, बल्कि आपकी इम्युनिटी भी स्ट्रॉन्ग हो जाएगी। 

हेल्दी यूट्रस के लिए खाएं ओमेगा-3 फूड्स

इरेग्युलर पीरियड्स से छुटकारा पाने के लिए ओमेगा-3 भरपूर फूड्स भी अपनी डाइट में शामिल करना अच्छा उपाय है। बादाम, अखरोट, मछली जैसे ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स ब्लड सर्कुलेशन को दुरुस्त करते हुए एंटी एजिंग के लिए भी प्रभावशाली है। दरअसल यूट्रस के ब्लड वेसल्स काफी छोटे होते हैं, जिनके खराब होने की संभावना काफी होती है। इसके अलावा स्मोकिंग, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापा इन ब्लड वेसल्स को काफी प्रभावित करता है, जिससे हार्मोंस और ब्लड सर्कुलेशन ब्लॉक होने लगता है और इसका असर आपके पीरियड्स पर पड़ता है। ऐसे में ओमेगा-3 से भरपूर ये फूड्स न सिर्फ इन परेशानियों को कम करते हैं, बल्कि आपके अंदर डोपामाइन को भी बढ़ाते हैं, जिससे मूड स्विंग्स से राहत मिलती है। यह पीरियड्स में होनेवाली दर्द और ऐंठन से भी आपको राहत दिलाते हैं। 

प्रोटीन से करीबी बनाकर, व्हाइट चीजों से रहें दूर

रेग्युलर पीरियड्स के लिए आपके शरीर को जितनी जरूरत ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स की है, उतनी ही जरूरत प्रोटीन की भी है। बादाम, अखरोट, मूंगफली, पनीर, अंडे, सोया चिप्स, हम्मस और सार्डिन जैसे प्रोटीन से भरपूर फूड्स आपके हार्मोंनल बैलेंस के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि जितने आपके हार्मोंस बैलेंस रहेंगे, उतने ही आपके पीरियड्स रेग्युलर होंगे। इसके अलावा प्रोटीन आपकी फर्टिलिटी को भी हेल्दी रखते हैं। हालांकि प्रोटीन के साथ ये भी जरूरी है कि आप ऐसी चीजों से दूर रहें जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। विशेष रूप से यदि आपके पीरियड्स इरेग्युलर हैं, तो मैदा, चीनी, आलू, ब्रेड, पास्ता, चावल और अधिक नमक आपके स्वास्थ्य के लिए बने ही नहीं हैं। दरअसल ये सारी सफेद चीजें शरीर में जाकर इंसुलिन सर्ज बनाती हैं, जिससे फैट बढ़ने लगता है और आपके पीरियड्स इरेग्युलर होने लगते हैं। ध्यान रखिए आपके शरीर में जमा एडिशनल फैट ओवेल्युएशन के साथ आपके पीरियड्स को भी प्रभावित करते हैं और आपके पीरियड्स इरेग्युलर हो जाते हैं। और आगे चलकर यही इरेग्युलर पीरियड्स आपकी प्रेग्नेंसी में भी बाधक बनते हैं। 

इरेग्युलर पीरियड्स के कारण

इरेग्युलर पीरियड्स कई वजहों से हो सकता है, जिनमें खराब लाइफस्टाइल, हार्मोनल इम्बैलेंस और फिजिकल इश्यूज शामिल हैं, लेकिन तनाव और चिंता, अनहेल्दी खानपान, कम सोना, मोटापा, थायरॉइड, पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस), एंडोमेट्रियोसिस, प्रेग्नेंसी, शुरुआती पेरी मेनोपॉज और अधिक दवाइयों का सेवन इसका प्रमुख कारण हैं। ऐसे में यदि आपके पीरियड्स लगातार इरेग्युलर हैं, तो खान-पान में बदलाव के साथ आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से भी सलाह लेनी चाहिए।

 

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