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होम / एन्गेज / स्वास्थ्य / न्यूट्रिशन

काढ़े जो सेहत के लिए हैं बेस्ट

टीम Her Circle |  जुलाई 23, 2024

आयुर्वेद का नुस्खा काढ़ा है। यही वजह है कि हर तरह की बीमारी के लिए काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। खास बात है कि आप हर मौसम में काढ़े को पी सकती हैं। काढ़ा कितना कारगर है, यह बात हमें कोविड के वक्त ने ही समझा दिया था तो काढ़े को हमेशा अपनी आदत में शामिल कर हम कई तरह की बीमारियों से खुद को दूर रह सकते हैं। 

अदरक का काढ़ा 

अदरक सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं, बल्कि सेहत को भी बढ़ाता है। इसे खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं और गठिया के दर्द से राहत भी मिलती है। इसके साथ ही अदरक से टेंशन और शारीरिक कमजोरी दूर होती है और याददाश्त की समस्या ठीक होती है। इसके अलावा, इसमें मजबूत सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं। आहार में अदरक का सेवन बढ़ाने से सूजन से निपटा जा सकता है और आपकी इम्यून पॉवर मजबूत  रह सकती है। आइए बनाने की विधि। 

सामग्री 

अदरक- 1 इंच ताजा

काली मिर्च के कुछ टुकड़े

अजवाइन के बीज- एक या दो चुटकी 

गुड़ - 1-2 टुकड़े

दालचीनी- 3-4 छोटे टुकड़े

लौंग - 5-6 टुकड़े 

बड़ी इलायची- 1 -2 टुकड़े

बनाने की विधि 

चाय बनाने के बर्तन  में 2 गिलास पानी लें और इसे गैस पर उबलने के लिए रख दें। इसमें कद्दूकस किया हुआ अदरक और अन्य सामग्री मिलाएं। मिश्रण को 7 से 10 मिनट तक उबलने दें जब तक कि पानी काला न हो जाए। पेय को कप में छान लें और गरमागरम परोसें। याद रखें कि ऊपर बताई गई सामग्री की मात्रा दो छोटे कप काढ़ा तैयार करने के लिए है। बड़ी मात्रा में तैयार करने के लिए अधिक सामग्री लें। 

अशोक छाल का काढ़ा 

अशोक महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याओं जैसे अनियमित और दर्दनाक मासिक धर्म को प्रबंधित करने में मदद करता है। पेट दर्द और ऐंठन से राहत पाने के लिए इसके काढ़े को पिया जा सकता है। 

सामग्री 

पानी -एक गिलास 

अशोक के पेड़ की चाल - एक चम्मच या आधा चम्मच 

बनाने की विधि 

काढ़ा तैयार करने के लिए 1 गिलास पानी लें। इसमें एक चम्मच अशोक के पेड़ की छाल का पाउडर और आधा चम्मच मिलाएं। इस मिश्रण को एक चौथाई होने तक उबालें। करीब 10 लीटर पानी से इसी तरह काढ़ा तैयार करें।

त्रिफला काढ़ा

त्रिफला अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह काढ़ा पाचन में सुधार करने, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और अच्छे हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करता है। 

सामग्री

त्रिफला पाउडर (आंवला, हरीतकी और बिभीतकी का मिश्रण) - 1 चम्मच

 शहद-1 चम्मच  

पानी - 2 कप

बनाने की विधि 

पानी उबालें और त्रिफला पाउडर डालें।10-15 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं काढ़ा को एक कप में छान लें। शहद डालें और अच्छी तरह मिलाएं। इस काढ़े का सेवन सुबह खाली पेट करें।

मुलेठी का काढ़ा

शोध में पाया गया कि मुलेठी अल्सर के उपचार को सक्रिय करती है। मुलेठी के फायदों में अवसाद की समस्या से पीड़ित लोगों को राहत दिलाना भी शामिल है। अपने दैनिक आहार में मुलेठी की जड़ को शामिल करने से तनाव हार्मोन को नियंत्रित करने, अवसाद, चिंता और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।

सामग्री 

मुलेठी जड़ -1 टुकड़ा,

अदरक-1 चम्मच कसा हुआ

चाय की पत्ती- 2 छोटे चम्मच 

पानी-2 कप 

गुड़ - स्वादानुसार

बनाने की विधि 

एक बड़े पैन में पानी उबालें.इसमें मुलेठी की जड़ का टुकड़ा और अदरक मिलाएं। इसे 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। चाय की पत्तियां डालें और फिर से 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। स्वादानुसार गुड़ मिला लें। इसे एक मिनट तक उबालें और काढ़े को छान लें।

अश्वगंधा का काढ़ा 

अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है, जो आपको सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। इसके साथ ही यह अच्छी नींद को भी लाने में कारगर है। 

सामग्री 

अश्वगंधा पाउडर -1 चम्मच 

गुड़- 1 चम्मच

पानी -2 कप पानी

इलायची पाउडर- एक चुटकी

बनाने की विधि 

पहले पानी को गैस मैं रखकर उबालें और उसमें अश्वगंधा पाउडर मिलाएं। 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। काढ़ा को एक कप में छान लें। गुड़ और इलायची पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं ।इस काढ़े को सुबह या सोने से पहले पिएं।

तुलसी काढ़ा

तुलसी इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। यह श्वसन प्रणाली (रिस्पेट्री सिस्टम) को मजबूत करने, पाचन में सुधार करने में भी मदद करता है।

सामग्री

ताजी तुलसी की पत्तियां-10-12

अदरक का टुकड़ा-1 इंच 

शहद-1 चम्मच

पानी- 2 कप

बनाने की विधि 

तुलसी के पत्ते और अदरक को एक साथ पीस लें।पानी उबालें और कुचला हुआ मिश्रण डालें। 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं। काढ़ा को एक कप में छान लें। शहद डालें और अच्छी तरह मिलाएं। इस काढ़े को गर्म होने पर ही पिएं। 

अजवाइन का काढ़ा 

अजवाइन में औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, फाइबर, आयोडीन और  मैंगनीज जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और पाचन के लिए भी फायदेमंद है।

सामग्री 

पानी-दो कप

अजवाइन- दो चम्मच  

बनाने की विधि 

इस काढ़े को बनाने के लिए पानी में 1-2 चम्मच अजवाइन डालकर उबाल लें।  जब पानी आधा रह जाए तो छान लें और गुनगुना होने पर पी लें।

दालीचीनी का काढ़ा 

दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक और सूजनरोधी गुण होते हैं। सर्दी जुकाम के साथ -साथ यह पाचन में भी कारगर है। 

सामग्री  

दालचीनी पाउडर-एक चम्मच  

पानी-एक गिलास

अदरक का- एक टुकड़ा 

बनाने की विधि 

काढ़ा बनाने के लिए आपको एक चम्मच दालचीनी का पाउडर या दालचीनी की छड़ी लेनी है। अब एक पैन में एक गिलास पानी, और 1 टुकड़ा अदरक डालें। इसे तब तक उबालें, जब तक पानी जलकर आधा न रह जाए। उसके बाद इस काढ़े को छानकर एक कप में निकाल लें।

गिलोय का काढ़ा 

आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार, गिलोय में ऐसे औषधीय गुण होते हैं, जो खांसी-जुकाम या मौसमी बुखार को कम करने में मदद करते हैं। 

सामग्री 

गिलोय के पत्ते डंठल – 7-8

तुलसी पत्ते – 4-5

दालचीनी – 2 इंच का टुकड़ा

अदरक – 1 इंच टुकड़ा

काली मिर्च – 8-10

अजवाइन – 1 टी स्पून

बनाने की विधि 

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले गिलोय के पत्ते और डंठल को लेकर उन्हें साफ पानी से धोएं। इसके बाद अदरक और काली मिर्च को कूट लें। अब एक पतीली में 2 कप पानी डालें और उसे मीडियम आंच पर गर्म करने के लिए रख दें। अब पानी में गिलोय के पत्ते और डंठल डाल दें।  कुछ सेकंड बाद इसमें तुलसी पत्ते, अजवाइन, कुटा हुआ अदरक, काली मिर्च और दालचीनी डाल दें। इसके बाद पानी को उबलने दें। अब गैस की फ्लेम को तेज कर दें और पानी में एक उबाल आने दें। जब पानी उबलने लगे तो फ्लेम को धीमी कर दें और काढ़े को 15 से 20 मिनट तक धीमी आंच पर ही उबालें। जब 2 कप पानी एक कप रह जाए, तो गैस बंद कर दें। इम्यूनिटी बढ़ाने वाला गिलोय का काढ़ा बनकर तैयार हो गया है। इसे एक सर्विग कप या गिलास में छन्नी की मदद से छान लें।  सिर्फ 5 मिनट में हेल्दी गिलोय का काढ़ा बनकर तैयार हो जाता है। 

सबसे ज्यादा पूछे जानेवाले सवाल 

काढ़ा पीने से क्या कोई साइड इफेक्ट्स भी हो सकता है ?

काढ़ा वास्तव में स्वास्थ्यवर्धक है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। एक दिन में बहुत अधिक काढ़ा पीने से एसिडिटी, सीने में जलन और कब्ज की समस्या हो सकती है। 

एक दिन में कितनी मात्रा में काढ़ा पीना सेहतमंद हो सकता है?

एक दिन में दो कप काढ़ा पिएं। आप अपने काढ़ा को अपनी दैनिक चाय या कॉफी के साथ बदल सकती हैं। बेस्ट रिजल्ट के लिए इस मिश्रण का सेवन सुबह और शाम करें।

बनाने के कितने घंटों के बाद भी काढ़े को पी सकती हैं ?

काढ़े का तुरंत इस्तेमाल करना सबसे अच्छा होता है। ज्यादातर मामलों में, जड़ी-बूटियों से बनी इस दवा का इस्तेमाल बनाने के समय ही कर लेना चाहिए। अगर आप इसे तुरंत नहीं पीते हैं, तो काढ़ा 24 घंटे तक रखा जा सकता है, लेकिन यह उतना प्रभावी नहीं होता है।

 

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