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होम / एन्गेज / स्वास्थ्य / मानसिक स्वास्थ्य

जानिए वर्टिगो के लक्षण और उपाय

टीम Her Circle |  जुलाई 02, 2024

वर्टिगो को सामान्य भाषा में तेजी से चक्कर आना कहते है। यह एक ऐसी स्थिति है जब आप वास्तव में स्थिर होते हुए भी आपको लगता है कि सबकुछ घूम रहा है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

क्या है वर्टिगो

वर्टिगो को सामान्य भाषा में तेजी से चक्कर आना कहते है। यह एक ऐसी स्थिति है जब आप वास्तव में स्थिर होते हुए भी आपको लगता है कि सबकुछ घूम रहा है। ऐसी स्थिति में सिर हिलाने पर आपको असंतुलन या फिर बिगड़े हुए मूवमेंट का एहसास होता है। इस स्थिति में चक्कर के साथ सनसनी जैसा भी महसूस होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब आपके आंतरिक कान में कोई समस्या होती है, लेकिन यदि आपके मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली कोई स्थिति है, जैसे ट्यूमर या स्ट्रोक, तो स्थिति गंभीर ही हैं। वर्टिगो अटैक कुछ सेकेंड्स से लेकर कुछ दिनों तक चल सकता है। अगर स्थिति गंभीर हो तो यह कुछ महीने तक भी चल सकता है। वहीं वर्टिगो को पूरी तरह से ठीक करने के लिए जरूरी है कि  इस बीमारी की समय से पहले पहचान कर ली जाए और प्रभावी उपचार विकल्पों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाए। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़े लक्षण और उपचार को

वर्टिगो के लक्षण

- चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना।

- कानों में घंटियां बजना 

- बहुत ज्यादा पसीना आना।

- दिनभर कमजोरी का एहसास होना।

- तेज आवाज से सिरदर्द शुरु हो जाना।

- चलते वक्त बैलेंस न बना पाना।

- कम सुनाई देना।

- मितली या उलटी का एहसास होना 

- शुष्क मुंह, जम्हाई, धुंधली दृष्टि

- स्पष्ट रूप से बोलने में कठिनाई

- आपके चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नता 

वर्टिगो से बचाव 

खुद को सुरक्षित करें 

वर्टिगो के बचाव की सबसे पहली और अहम् बात ये हैं कि जैसे ही आपको वर्टिगो चक्कर आने के संकेत और लक्षण महसूस होने लगें तो चोट से बचने के लिए सावधानी बरतें। कहीं सुरक्षित जगह पर बैठ जाएं, क्योंकि चक्कर आने से आपके लड़खड़ाने या गिरने की संभावना बढ़ सकती है। इससे आपको गंभीर चोट लग सकती है। चक्कर आने पर एकदम से खड़े न हो। ड्राइविंग कर रहे हैं, तो रुक जाए वरना आप खुद के साथ दूसरों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।

इन फलों का जूस है फायदेमंद

फलों में जो विटामिन होता है, वह वर्टिगो की समस्या में भी बेहद कारगर है। जैसे आप नींबू, अनानास( पाइन एप्पल), गाजर, संतरा और अदरक आदि का जूस दिन में एक बार पी सकती हैं।

गाजर, अनानास( पाइन एप्पल) और संतरा शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं। चक्कर आने के लक्षणों को कम करते हैं। नींबू में जी मिचलाने की समस्या को कम करने वाले तत्व होते हैं, जिससे उल्टी नहीं होती है। सिर्फ अदरक भी बहुत फायदेमंद है।एक रिपोर्ट के अनुसार वर्टिगो के प्रभाव को कम करने के लिए लोगों को अदरक वाली चाय पीना चाहिए। अगर आप चाय नहीं पीती है, या फिर आप जल्द से जल्द से आराम पाना चाहती हैं तो दो बड़े चम्मच अदरक का रस निकालें। इसे एक कप पानी में मिलाएं। चाहें तो शहद भी स्वाद के लिए थोड़ा सा मिला सकते हैं। इस जूस को कुछ दिन पीने से चक्कर या वर्टिगो की समस्या दूर हो जाएगी। वैसे जानकार बताते है कि दिमाग में बेहतर ब्लड फ्लो  के लिए सेब सिरका के जूस के साथ शहद का इस्तेमाल भी  लाभदायक होता है। इस फलों के जूस के साथ-साथ भरपूर मात्रा में पानी भी पिएं। दिन में लगभग 8 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए।

खाने में शामिल करें ये चीजें 

आप जो भी खाएं, उसमें पोषक तत्व भरपूर हो, ताकि शरीर में आयरन, खून, हीमोग्लोबिन आदि की कमी न हो। हेल्दी खान-पान से शरीर और दिमाग सही तरीके से काम करते हैं। इसमें सबसे पहला नाम बादाम का आता है। जानकारी के अनुसार  बादाम खाने से भी लोगों को वर्टिगो की समस्या में आराम मिलता है। बादाम में 26 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ई, विटामिन-बी और फाइबर होते हैं। वर्टिगो के इलाज में धनिया भी बेहद गुणकारी माना जाता है। आप धनिया को हल्का भूनकर मिश्री के साथ खा सकती हैं। इसके अलावा, हरी पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। 

एसेंशियल ऑयल भी देता है राहत

एसेंशियल ऑयल कई समस्याओं के लिए सबसे सरल और सबसे प्रभावी उपचारों में से एक हैं। यह मतली, सिरदर्द और चक्कर सहित वर्टिगो के लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकता है। तुरंत राहत पाने के लिए आप डिफ्यूजर में पुदीना, अदरक, नींबू और लैवेंडर तेल का उपयोग कर सकती हैं।

योगासन को जोड़ें लाइफस्टाइल में 

वर्टिगो गर्दन, कंधे में दर्द, रीढ़ की हड्डी से ब्रेन तक ब्लड का सप्लाई का कम होना या फिर तनाव जैसी समस्याओं के कारण होता है। इस समस्या को आप कुछ योगासनों के द्वारा आसानी से सही कर सकते हैं। उष्ट्रासन, शंमुखी मुद्रा,भुजंगसान, गर्दनशंमुखी मुद्रा और मरकट आसन इनमें से प्रमुख हैं। 

इन खाद्य पदार्थों से बनाएं दूरी 

कैफीन, चॉकलेट और पनीर से परहेज जरूरी है। दरअसल, कॉफी और चॉकलेट में मौजूद कैफीन रक्त वाहिकाओं ( ब्लड वेसेल्स) को कसते हैं और आंतरिक कान में रक्त के प्रवाह को कम करता है। यह एक उत्तेजक भी है, जो लक्षणों को बदतर बना सकता है। पनीर में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो आपके शरीर में अधिक तरल पदार्थ जमा करने का कारण बनता है।

अच्छी आदतों को करें शामिल 

खान पान में सावधानी के साथ-साथ अच्छी आदतों को भी शामिल करें। एक्सरसाइज के अलावा 

नींद की कमी वर्टिगो का एक कारण है। इसलिए अच्छी नींद लें और आपकी ज्यादातर समस्याएं दूर हो जाएंगी। इसके साथ ही शराब और सिगरेट से खुद को दूर रखें और चिंता से भी कई बार चिंता कई बिमारियों को बढ़ा देती है।

सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल 

वर्टिगो कितने समय तक रहता है?

वर्टिगो का दौरा कुछ सेकंड से लेकर घंटों तक रह सकता है। यदि आपको गंभीर चक्कर आता है, तो यह कई दिनों या महीनों तक बना रह सकता है।

क्या किसी खास उम्र में यह परेशानी ज्यादा होती है ?

वर्टिगो डिसऑर्डर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन बुजुर्गों में इस बीमारी को खासतौर पर देखा गया है। करीब 30 प्रतिशत 60 साल से ज्यादा उम्र वाले इस बीमारी की चपेट में हैं। 85 साल से ज्यादा 50 प्रतिशत लोग वर्टिगो की समस्या से परेशान हैं। इसका सही इलाज न होने पर समस्या बढ़ सकती है।

क्या वर्टिगो डिसऑर्डर से पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती है ?

रिसर्च की मानें तो पुरुषों की तुलना में महिलाएं दो से तीन गुना ज्यादा वर्टिगो से प्रभावित होती हैं, इसके पीछे की ठोस वजह अब तक सामने नहीं आ पायी है, लेकिन डॉक्टर्स  इसके पीछे हार्मोनल उतार-चढ़ाव  को जिम्मेदार बताते हैं। कुछ महिलाएं पीरियड्स से पहले वर्टिगो की समस्या फील करती हैं। यह माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। शरीर में ब्लड सप्लाई कम होने से ब्लड प्रेशर नीचे आ जाता है और वर्टिगो का अटैक हो सकता है।

वर्टिगो में क्या खाना चाहिए ?

 हरी पत्तेदार सब्जियां, विटामिन बी3, नियासिन, पोटैशियम, व्हाइट ब्रेड की जगह साबुत अनाज से बनी रोटी खाएं और सब्जियों का जूस आदि खाएं-पिएं

कौन-सी एक्सरसाइज  वर्टिगो में मदद करेगी  और इसे करने का तरीका क्या है ?

इप्ले मैन्युवर की तकनीक से कई लोग इस बीमारी को कम कर सकते हैं। यह एक्सरसाइज वर्टिगो के लिए एक्सपर्ट फायदेमंद बताते हैं। इसमें  सिर को 45 डिग्री दाईं ओर मोड़ें। अपना सिर हिलाए बिना बाईं ओर करवट लेकर लेट जाएं। चक्कर आने तक प्रतीक्षा करें, फिर 30 सेकंड और प्रतीक्षा करें। यदि आपको चक्कर नहीं आ रहे हैं, तो 30 सेकंड के लिए रुकें।

 

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