अमरूद की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह सस्ता और सबसे अधिक फायदेमंद है। हालांकि कई बार आपको सफेद के साथ लाल अमरूद भी दिखाई देते होंगे। दोनों के ही अपने अलग फायदे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में अमरूद को गरीबों का सेब कहा जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व महंगे फलों के बराबर या फिर उससे भी अधिक होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि आपके लिए सफेद और लाल अमरूद कैसे सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।
अमरूद में मौजूद पोषक तत्व

ज्ञात हो कि अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, आयरन और पोटेशियम पाया जाता है। हालांकि 100 ग्राम अमरूद में लगभग 68 कैलोरी होती है। 14 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2.6 ग्राम प्रोटीन. 5.4 ग्राम फाइबर, 200 से 250 ग्राम विटामिन सी, 417 ग्राम पोटेशियम होता है। सफेद और लाल अमरूद में कई सारे अंतर है। इसमें सबसे अधिक यह जान लें कि लाल अमरूद अंदर से अधिक मीठा होता है। हालांकि सफेद अमरूद में विटामिन सी लाल अमरूद के मुकाबले अधिक होता है। लाल अमरूद को फल और स्मूदी के तौर पर खाया जाता है और सफेद अमरूद को जूस,सलाद या फिर चटनी के तौर पर खाया जाता है।
सफेद अमरूद के स्वास्थ्य के लिए लाभ

सफेद अमरूद में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो कि रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाता है।सफेद अमरूद में संतरे से भी अधिक विटामिन C होता है। यह शरीर में रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है और संक्रमणों से बचाव करता है।सफेद अमरूद में शुगर की मात्रा कम और फाइबर अधिक होता है, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करता है और पाचन को मजबूत बनाता है।सफेद अमरूद में पोटैशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो रक्तचाप को संतुलित रखती है और हृदय की कार्यक्षमता को सुधारती है।
लाल अमरूद के लिए स्वास्थ्य के लिए लाभ

लाल अमरूद को पिंक गुवा भी कहा जाता है। लाल अमरूद में एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कि हल्का गुलाबी से लेकर गहरा लाल भी होता है। लाल अमरूद में मौजूद लाइकोपीन फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोकता है। लाल अमरूद में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट दोनों ही अधिक मात्रा में होता हो, जो कि दिल की सेहत को अच्छी तरह से रखता है। लाइकोपीन और विटामिन ए त्वचा को चमकदार बनाते हैं और सूरज की यूवी किरण से भी बचाता है। साथ ही बालों की जड़ों को भी मजबूत करता है। कम कैलोरी और अधिक फाइबर के कारण लाल अमरूद वजन घटाने में भी मददगार है। यह लंबे समय तक पेट भरा रखता है, जिससे आप अधिक खाने से बचते हैं।
लाल अमरूद और सफेद अमरूद में से क्या खाएं
आपको लाल अमरूद का सेवन करना है या फिर सफेद अमरूद का, इसके लिए आपको कौन-से विटामिन की अधिक जरूरत है, इसकी जांच करनी होगी और इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि अगर आप इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहती हैं, तो आपके लिए सफेद अमरूद बेहतर पर्याय आपके लिए होगा। दिल की बीमारियों और त्वचा संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वजन घटाने और सौंदर्य के लिए लाल अमरूद उत्तम विकल्प माना जाता है।
अमरूद खाने का सही तरीका

लाल और सफेद अमरूद को खाने का एक खास तरीका होता है। अमरूद के छिलके में सबसे अधिक मात्रा में फाइबर और विटामिन सबसे अधिक होता है। खाली पेट अमरूद को नहीं खाना चाहिए। इससे आपको गैस की समस्या हो सकती हैं। अमरूद का सेवन हमेशा खाना खाने के एक घंटे बाद करना चाहिए। भोजन के बाद एक से 2 घंटे बाद खाना सबसे अच्छा होता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अमरूद के बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए यह पाचन में कठिनाई पैदा कर सकता है। ध्यान दें कि अमरूद या फिर किसी भी फल का जूस बनाकर नहीं पीना चाहिए, हमेशा फल खाना चाहिए। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जानकारों का कहना है कि जिन भी लोगों को पाचन संबंधी समस्या,.एसिडिटी और गैस की समस्या है, उन्हें अमरूद का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
कहां पैदा होते हैं लाल और सफेद अमरूद?
अमरूद की खेती केवल भारत में नहीं होती है, बल्कि भारत सहित एशिया, अफ्रीका, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में भी उगाया जाता है। अमरूद की खेती समुद्र तल से लगभग 1500 मीटर की ऊंचाई तक की जा सकती है। भारत में अमरूद की खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात के अलावा पंजाब और हरियाणा में पाया जाता है।
सफेद अमरूद कहां पैदा होता है?
सफेद अमरूद को गर्म और शुष्क जलवायु पसंद है। यह दोमट मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है। अधिक नमी और लगातार बारिश इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं माना गया है। प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, रायबरेली में अमरूद सबसे अधिक लोकप्रिय है। महाराष्ट्र के नासिक और पुणे क्षेत्र में भी सफेद अमरूद बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। बिहार के भागलपुर और मुजफ्फरपुर जिले में भी इनकी अच्छी पैदावार होती है। लाल अमरूद को फलने के लिए थोड़ी अधिक नमी और हल्की ठंड की आवश्यकता होती है। महाराष्ट्र के सांगली, सातारा, कोल्हापुर में लाल अमरूद की उन्नत किस्में विकसित हुई हैं। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में पिंक पल्प अमरूद का निर्यात अधिक होता है। यह मिट्टी के प्रति बहुत संवेदनशील नहीं होता — काली मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी, और ज्वालामुखीय मिट्टी में भी अच्छी उपज देता है।सूरत और नवसारी में लाल गूदे वाले अमरूद की अच्छी पैदावार होती है। उल्लेखनीय है कि मेक्सिको, प्यूर्टो रिको, ब्राजील, और क्यूबा में अमरूद की खेती सदियों से होती आ रही है। यहाँ लाल अमरूद की किस्में अधिक लोकप्रिय हैं, जिनसे जूस और जैम बनाए जाते हैं। थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, और फिलीपींस में सफेद और गुलाबी दोनों प्रकार के अमरूद उगाए जाते हैं। थाईलैंड का “थाई व्हाइट गुवा” दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
विदित हो कि इसलिए यह कहना उचित होगा कि सेहत के लिए लाल और सफेद दोनों अमरूद उपयोगी हैं, परंतु लाल अमरूद में मौजूद लाइकोपीन और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण वह थोड़ा अधिक फायदेमंद माना जाता है।