सर्दी के मौसम में गुनगुने पानी के इस्तेमाल के एक नहीं बल्कि कई सारे फायदे होते हैं। ठंड के मौसम में इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है। आयुर्वेद में कहना है कि अगर आप सोने से एक या 2 घंटे पहले गर्म पानी से नहाते हैं, तो इससे मानसिक शांति मिलती है और साथ ही शरीर का संतुलन भी बराबर रहता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि रात को गुनगुने पानी से नहाने का क्या फायदा होता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार

बेहतर नींद के लिए रात में नहाना सही माना गया है। कई अध्ययन में यह सामने आया है कि शरीर का तापमान रात को स्वाभाविक तौर पर कम करने के लिए नहाना एक अच्छा पर्याय हो सकता है। गुनगुने पानी से नहाना त्वचा की सतह का तापमान बढ़ाता है। नहाने के 25 से 20 मिनट बाद दिमाग इस बात का संकेत देता है कि नींद का समय है और आप खुद ही सोने की प्रक्रिया में आ जाते हैं, जो कि आपको एक सेहतमंद नींद देता है। रात में सोने की प्रक्रिया उन लोगों के लिए अधिक कारगर है, जो लोग नींद न आने की समस्या के साथ, तनाव या फिर किसी तरह की मानसिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। रात में नहाने का फायदा यह भी माना गया है कि इससे शरीर की मांसपेशियों को काफी आराम मिलता है। शारीरिक मेहनत से शरीर की मांसपेशियां कड़ी हो जाती हैं, गर्म पानी का रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। इसका फायदा यह होता है कि शरीर के दर्द में कमी, मांसपेशियों में लचीलापन, थकान में राहत, पैरों और पीठ में जकड़न की समस्या से भी राहत मिलती है।
मूड बेहतर करने का काम त्वचा पर असर

जानकारों के अनुसार गुनगुने पानी का स्पर्श शरीर की नर्वस सिस्टम पर सीधे असर डालता है। यह पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम को सक्रिय करता है जो “rest and relax” मोड कहलाता है। अगर आप रात में गुनगुने पानी से नहा कर सोती हैं, तो इससे दिमाग शांत रहता है। चिंता और बेचैनी कम होती है और साथ ही मूड भी बेहतर रहता है। इसके साथ ही आपकी त्वचा भी बेहतर तरीके से काम करती है। ठंड में त्वचा का अधिकांश हिस्सा गंदगी से भरा होता है। ऐसे में गुनगुने पानी का स्नान आपकी त्वचा के रोमछिद्र को खोलता है और जमी हुई गंदगी और तेल को हटाता है। त्वचा में रक्त संचार को भी बढ़ाता है। इसके साथ यदि नहाने के बाद हल्का मॉइश्चराइज़र लगा लिया जाए, तो स्किन पूरी रात हाइड्रेटेड रहती है।
सर्दी और जुकाम में राहत

गुनगुने पानी का असर सर्दी और जुकाम में भी होता है। ठंड में नाक बंद, गले में बलगम और साइनस की समस्या आम है। ऐसे में गुनगुना पानी नाक के मार्ग को खोलता है। बलगम को ढीला करता है और साइनस के प्रेशर को कम भी करता है। साथ ही सांस लेना भी आसान करता है। अगर आप सोने से पहले गर्म पानी की भाप लेते हैं, तो यह काफी असर करता है। शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को भी यह बेहतर करता है। शरीर को गर्म रखता है। साथ ही ठंड में हाथ-पैर ठंडे नहीं पड़ते हैं। नसों में भी आराम देता है और शरीर को आक्सीजन औऱ पोषक तत्व बेहतर मिलता है।
ठंड में गुनगुना पानी पीने का फायदा

ठंड का मौसम शरीर में कई तरह की समस्या को लेकर आता है। ऐसे में गुनगुना पानी पीना सिर्फ आरामदायक ही नहीं, बल्कि शरीर के कुल सेहत के लिए एक औषधि की तरह काम करता है। गुनगुना पानी पाचन शक्ति को बढ़ाता है। पेट में हुई अपच, गैस,एसिडिटी और कब्ज की समस्या को ठीक करने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार गर्म पानी “अग्नि” यानी पाचन अग्नि को प्रज्वलित करता है, जिससे भोजन ठीक से पचता है और पोषक तत्व शरीर को अच्छे से मिलते हैं। इसके साथ ही गुनगुने पानी का सेवन शरीर को तापमान को भी बढ़ाता है, ठंड में शरीर को गर्म रखता है। कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए भी गुनगुना पानी एक अच्छा पर्याय बन गया है। इसके साथ ही कई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से मेटाबॅालिज्म तेज होता है। इससे पेट भरा-भरा लगता है। ज्यादा खाने की आदत कम होती है।
सर्दी और खांसी में राहत

सर्दी और खांसी में भी गुनगुना पानी राहत देता है। ठंड में गला बैठने की समस्या के दौरान गर्म पानी अच्छी तरह से काम करता है। ठंड के वायरस से लड़ने में भी मदद करता है। यह भी माना गया है कि त्वचा में नमी को बढ़ाता है। चेहरे को भी प्राकृतिक तौर पर ग्लो लाने में मदद करता है। बालों तक रक्त प्रवाह बढ़ने से उनका झड़ना भी कम होता है। ध्यान दें कि सुबह खाली पेट गुनगुना पानी एक गिलास पीना चाहिए। रात को सोने से 1 घंटा पहले

गुनगुना पानी पी सकती हैं। इसके अलावा दिन भर हल्का गर्म पानी पी लेना चाहिए।
गर्म पानी पीने से जुड़ी सावधानी
जानकारों के अनुसार उबलते हुए या बहुत ज़्यादा गरम पानी पीना गले, भोजन नली और पेट को जला सकता है। इससे छाले, जलन और लंबे समय में गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं। खाने के बाद बहुत गर्म पानी पीने से पाचन enzymes कमजोर हो जाते हैं। खाना सही से पच नहीं पाता और एसिडिटी हो सकती है। खाने का सेवन करने के 30 मिनट बाद गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ लो बीपी की भी समस्या हो सकती है। दिल की बीमारी वाले लोग बहुत ज्यादा गर्म पानी एक साथ न पिएं। मध्यम तापमान वाला पानी इस्तेमाल करें। बार-बार पानी उबाल कर नहीं पीना चाहिए। एक बार में बहुत ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। इससे शरीर का तापमान अचानक बढ़ता है और चक्कर या कमजोरी आ सकती है।कई बार अधिक गर्म पानी पीने से दांतों की समस्या भी पैदा हो सकती हैं। इन सावधानियों के साथ गर्म पानी पीना ठंड में शरीर के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है।
गुनगुने पानी से नहाने से जुड़ी सावधानियां
ज्यादा गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए। लंबे समय तक गर्म पानी में नहाने से त्वचा की प्राकृतिक तेल समाप्त हो जाते हैं। चेहरे की त्वचा शरीर की बाकी त्वचा से ज्यादा संवेदनशील होती है। बहुत गर्म पानी से झुर्रियाँ जल्दी आना, त्वचा ढीली पड़ना, सूखापन जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। सर्दी में त्वचा पहले ही रूखी होती है, गर्म पानी इसे और सुखा देता है। तापमान का अचानक बदलाव शरीर पर झटका डाल सकता है। बाल धोने के लिए गर्म पावी का उपयोग न करें। बहुत गर्म पानी से बच्चों को नहलाने से बचें।