यह आम बात हो गई है कि हम अपनी रोजमर्रा के जीवन में सेहत को अनदेखा कर देते हैं। व्यस्त दिनचर्या, असंतुलित खान-पान, स्क्रीन टाइम का बढ़ता चलन हमारी सेहत पर किसी न किसी तरह से बुरा असर डालता है। ऐसे में जरूरी है कि सेहत की पाठशाला बना लें। इसके जरिए आप अपने पूरे परिवार की सेहत के लिए ऐसा नियम बना सकती हैं, जिसके जरिए आप अपने साथ अपने पूरे परिवार का ध्यान रख सकती हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
घर के किचन से करें सेहत की पाठशाला की शुरुआत

बुर्जुगों का कहना है कि हम जैसा खाते हैं, वैसा ही हमारा शरीर बनता है। यह कहावत एक दम सही है। अगर आप अपने घर में संतुलित और पौष्टिक भोजन करती हैं, तो पूरे परिवार की सेहत नींव मजबूत होती है। आपको अपने किचन यानी कि खान-पान में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जो कि आपके सेहत के लिए सकारात्मक नतीजा लेकर आएं। इसके लिए आप किसी एक्सपर्ट की सहायता ले सकती हैं। आप खुद से पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाना चाहिए। आपको सप्ताह में एक दिन डिटॉक्स डे रखें। इस दिन आपको हल्का और घरेलू बना भोजन खाना चाहिए। बच्चों को 2 साल की उम्र से फल और सब्जियों की तरफ आकर्षित करना चाहिए। इसकी अहमियत स्टोरी के जरिए बतानी चाहिए।
दैनिक गतिविधियों की बनाएं क्लास

आपको अपनी दैनिक गतिविधियों की क्लास बनानी चाहिए। आपको शरीर की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। आपको इस पर फोकस करना होगा कि शरीर केवल वजन कम करने या फिर बॉडी बनाने के लिए नहीं होता है। शरीर की सही देखभाल आपको सभी प्रकार के रोगों से दूर रख सकती है। मन शांत रखना और भरपूर नींद लेना आपकी सेहत के लिए सकारात्मक साबित होता है। इसके लिए आपको हर दिन कोशिश करें कि कम से कम 30 मिनट की कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। आप इसमें अपने परिवार को भी शामिल कर सकती हैं। अपने परिवार के साथ वॉक पर जा सकती हैं। डांस और योग को अपने परिवार के दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। आउटडोर खेल की तरफ बच्चों के साथ जाना चाहिए। बच्चों के साथ खेलना भी आपकी सेहत को सकारात्मकता की तरफ लेकर जाता है।
मानसिक सेहत का पॉजिटिव अलार्म

अगर आपका मन सही होगा, तो इससे आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी। इसलिए मानसिक शांति पर भी आपका पूरा ध्यान होना चाहिए। तनाव, चिंता और गुस्सा परिवार के माहौल को प्रभावित करता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप अपने परिवार में ओपन कम्युनिकेशन को बढ़ावा देना चाहिए। इसके जरिए हर कोई अपनी बात को खुल कर रखने में यकीन रखेगा और अपने मन की बात बोल पाता है। इसके अलावा, सप्ताह में नो फोन डे या फिर नो स्क्रीन आवर का दिन चुन सकती हैं। मेडिटेशन, प्राणायाम या फिर मन को शांत करने वाली गतिविधियों को अपनाना चाहिए।
अनुशासन से लाएं अपने जीवन में रोशनी

ध्यान दें कि अनुशासन का मतलब खुद को बांधना नहीं होता है, बल्कि खुद को आजाद करना है, ऐसी चीजों से जो आपकी सेहत को नकारात्मकता के बंधन से बांधती हैं। सेहतमंद जीवन का एक बड़ा रहस्य नियमित दिनचर्या है। इसके लिए समय पर सोना, उठना, खाना और ब्रेक लेना शरीर के अंदर की घड़ी को संतुलित रखता है। इसके लिए जरूरी है कि सभी का एक निर्धारित समय होना चाहिए। आपके सोने और जागने का समय तय करना जरूरी है। सोने से एक घंटे पहले मोबाइल का उपयोग बंद कर देना चाहिए। पूरे परिवार के साथ खाना खाएं और खाने के समय फोन का इस्तेमाल न करें।
सेहतमंद रहने की हैबिट्स है जरूरी
सही सेहत सही आदत से आती है। इसके लिए आपको सुबह उठने के साथ एक से 2 गिलास गुनगुना पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। खाना चबाकर खाना चाहिए। खाने में किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। जब भी आप बाहर से घर पर आते हैं, तो हाथ को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। टीवी या मोबाइल देखने के दौरान खाना या फिर किसी और चीजों को नहीं खाना चाहिए।