बारिश के मौसम में सब्जियों के जरिए आप अपनी सेहत को प्रोटीन और पोषण दे सकती हैं। इससे सभी वाकिफ हैं कि बारिश के मौसम में खान-पान का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। इसमें सबसे जरूरी है कि सेहतमंद सब्जियों का सेवन किया जाए। सब्जियों में खास तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली और ऊर्जा देने वाली सब्जियों का सेवन जरूरी माना गया है। आइए विस्तार से जानते हैं ऐसी सब्जियों के बारे में।
बारिश में लौकी का सेवन क्यों जरूरी

जानकारों के अनुसार बारिश के मौसम में लौकी का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लौकी में पानी अधिक मात्रा में होता है, जो कि शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। साथ ही लौकी के जरिए पाचन में भी सुधार होता है। लौकी के एक नहीं कई सारे फायदे हैं। लौकी में विटामिन-बी, विटामिन-सी और पोटेशियम के साथ फास्फोरस होता है, जो कि पाचन और दिल की सेहत को ठीक रखने में मदद करता है। यह भी माना गया है कि लौकी में डिटॉक्सिफाइंग और एंटी बिलियस गुण होते हैं,जो कि पित्त हटाने के साथ फेफड़े, जुकाम जैसी मानसूनी बीमारियों से आपकी रक्षा भी करता है। बारिश के मौसम में लौकी को कई तरह से उपयोग कर सकते हैं। आप लौकी की सब्जी बना सकती हैं। साथ ही लौकी की दाल का भी सेवन कर सकती हैं। लौकी का रायता और जूस भी बनाया जा सकता है। हालांकि आपको यह भी ध्यान रखना है कि यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है या फिर आप कोई दवाई ले रही हैं, तो लौकी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
बारिश के मौसम में करेला का सेवन करने का फायदा

इसमें कोई दो राय नहीं है कि करेला कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इस वजह से करेला को आयुर्वेद में औषधि भी माना जाता है। करेला एक तरह से पाचन तंत्र को मजबूत करता है और इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और इससे त्वचा भी सेहतमंद रहती है। यह भी माना गया है कि करेला से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, वजन कम करने और लीवर को सेहतमंद रखने में भी सहायता मिलती है। यह भी माना गया है कि करेला का सेवन करने से फाइबर भी शरीर को अधिक मिलता है। करेला में विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कि शरीर में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। करेला से सब्जी के साथ करेला का जूस भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा, आप अपने स्वाद को बढ़ाने के लिए भरवा करेला भी बना सकती हैं।
बारिश में पलवल(परवल) का सेवन क्यों करना चाहिए

पलवल(परवल) में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन होते हैं, जो कि शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसलिए बारिश के मौसम में पलवल(परवल) का सेवन कई कारणों से फायदेमंद होता है। बारिश के मौसम में पलवल(परवल) का सेवन करने से पाचन क्रिया बेहतर रहती है। यह कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है। पलवल(परवल) में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो कि शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। खासकर उमस के समय में। पलवल(परवल) में पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने और दिल की सेहत को बनाए रखने में मदद करता है। पलवल(परवल) में कैलोरी कम होती है और फाइबर अधिक होता है। यह भी माना गया है कि परवल का नियमित सेवन करने से आप मौसम में एनर्जी से भरपूर रह सकती हैं। पेट की अन्य समस्याओं से भी पलवल(परवल) राहत दिला सकता है। यह सब्जी डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को डिटॉक्स कर सकती है। इसका नियमित सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत हो सकती है और स्किन हेल्थ बूस्टर हो सकती है।
बारिश में टिंडा के सेवन करने के फायदे

बारिश में टिंडा का सेवन सबसे अधिक किया जाता है। टिंडा का सेवन करने से पाचन में मदद मिलती है और वजन भी नियंत्रित रहता है। टिंडा में हाइड्रेशन और हाई फाइबर होता है। इसी के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर को सेहतमंद रखने में मदद करता है। टिंडा में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो कि पाचन को सुधारता है। बाकी की सब्जियों की तरह टिंडा भी दिल की सेहत को ठीक रखता है। टिंडा में विटामिन-ई भी होता है, जो कि त्वचा की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। टिंडा को सब्जी बनाकर, सूप में डालकर या जूस बनाकर इसे पी सकती हैं। टिंडा की तासीर ठंडी होती है, इसलिए बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। यदि आपको कोई सेहत से जुड़ी समस्या है, तो टिंडा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर है। टिंडा को अलग-अलग राज्यों में अलग नामों से बुलाया जाता है। इसे भारतीय गोल लौकी, सेब लौकी और भारतीय बेबी कद्दू भी कहा जाता है।
बारिश में सहजन खाने का फायदा

बारिश के मौसम में सहजन खाने के एक नहीं कई सारे फायदे हैं। सहजन को सबसे शक्तिशाली सब्जी माना जाता है। मानसून में कई तरह के वायरल इंफेक्शन में यह मदद करता है। सहजन में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रक्षा क्षमता को बढ़ाता है। यह फाइबर से भरपूर होता है, जो कब्ज और अपच जैसी मानसूनी समस्याओं में सहायक है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कि जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत पहुंचाते हैं। सहजन में डायबिटीज में भी लाभकारी है, क्योंकि यह शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। मानसून में बाल झड़ने और त्वचा संक्रमण की समस्या होती है। सहजन में विटामिन-ए और सी के साथ जिंक भी मिलता है, जो इन समस्याओं को कम करता है। सहजन का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है। सहजन की सब्जी को आलू और चने के साथ पकाई जाती है। सहजन का सूप भी बनाया जा सकता है, जो कि बहुत पौष्टिक होता है। सांभर में भी सहजन का इस्तेमाल किया जाता है। आपको यह ध्यान रखना है कि सहजन की फलियों को अच्छी तरह से धोकर इसका उपयोग करना है। अधिक मात्रा में इसे नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे पेट फूलने और दस्त की समस्या हो सकती है।