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होम / एन्गेज / स्वास्थ्य / फ़िटनेस

अरोमा थेरेपी की खुशबू के सफर में मिलेगा सुकून ही सुकून

प्राची |  सितंबर 15, 2023

बीते कुछ सालों से कई तरह की थेरेपी सेहत को ठीक रखने के लिए की जा रही है। इसी फेहरिस्त में एक नाम अरोमा थेरेपी का भी शामिल है। अरोमा थेरेपी का सीधा मतलब यही है कि खुशबू के साथ इलाज। जी हां, अरोमा थेरेपी की खूबी यही है कि कई सारे खुशबू भरे तेल से कैसे खुद को सेहतमंद रखा जाए। खासतौर पर एसेंशियल ऑयल्स की मदद से आप खुद को ऊर्जावान रख सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि अरोमा थेरेपी कैसे काम करती हैं और इसमें किस तरह के तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

प्राचीन काल से लेकर ट्रेंडिंग समय तक

अरोमा थेरेपी प्राचीन चिकित्सा पद्धति की प्रक्रिया का अहम हिस्सा रही है। अरोमा थेरेपी एक तरह की हीलिंग प्रक्रिया है, जो कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कराई जाती है। अरोमा थेरेपी के कई सारे फायदे हैं, जो कि शरीर को अंदर और बाहर से स्वस्थ रखने में सहायता करता है। इसका सबसे पहला तरीका यह है कि अरोमा थेरेपी के दौरान जरूरी तेल को सुंघाया जाता है। गर्म पानी में तेल की कुछ बूंदे डालकर भाप लेने की सलाह दी जाती है। 

कमरे में रूम में डिफ्यूजर से इलाज

अरोमा थेरेपी का दूसरा तरीका यह है कि एक कमरे में रूम डिफ्यूजर की सहायता से एसेंशियल ऑयल्स की खुशबू को फैला दिया जाता है। इसके बाद मरीज के शरीर में ब्रीद एक्सरसाइज की मदद से तेल को पहुंचाया जाता है। अरोमा थेरेपी का एक और हिस्सा है, मसाज करना। इस थेरेपी में एसेंशियल ऑयल को किसी अन्य तेल जैसे नारियल, तिल या फिर सरसों के तेल में मिलाकर पूरे शरीर की मालिश की जाती है। इसके पीछे की यह है कि एसेंशियल ऑयल काफी गाढ़ा होता है, ऐसे में उसे किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर लगाना ही सही माना जाता है। अरोमा थेरेपी का एक और तरीका यह है कि नहाने के पानी में एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदे डाल दी जाती है और कुछ मिनट बाद इस पानी से स्नान करने लेना चाहिए।

इन ऑयल्स का होता है अरोमाथेरेपी में इस्तेमाल

अरोमा थेरेपी के लिए आपकी जरूरत के हिसाब से ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। अगर कुछ जरूरी ऐसेशियल ऑयल्स की बात करें, तो तुलसी एसेंशियल ऑयल, लौंग ऑयल, जैस्मीन एसेंशियल ऑयल,लैवेंडर एसेंशियल ऑयल, टी ट्री ऑयल, जोजोबा ऑयल, ऑरेंज या लेमन एसेंशियल ऑयल्स आदि का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।

क्यों होता है एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल

अरोमा थेरेपी में एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल सबसे अधिक थकान कम करने, नींद में सुधार, दिमागी परेशानी को दूर करने, चिंता को कम करने के साथ मन को एकाग्र करने के साथ चेहरे और शरीर की त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जाता है। थकान, तनाव और चिंता को दूर करने के लिए लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। लेमन ग्रास के रिफ्रेशिंग फ्रेग्रेंस के कारण यह आयल तनाव और चिंता के लक्षणों को अरोमा थेरेपी के जरिए कम करता है। इसके अलावा रोजमेरी और लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल भी तनाव और थकान को दूर करने के लिए अरोमा थेरेपी में होता है।

अरोमा थेरेपी से फायदे

जानकारों के अनुसार अरोमा थेरेपी के कई सारे लाभ हैं। चिंता की समस्या को दूर करने के अलावा सिरदर्द और मांसपेशियों के दर्द से भी राहत दिलाता है। पीरियड्स और मेनोपॉज की समस्या के दौरान भी महिलाओं को अरोमा थेरेपी में लाभ मिलता है। बाल झड़ने की समस्या, पाचन तंत्र को ठीक करना और यहां तक कि दांत के दर्द से भी राहत मिलती है, हालांकि अरोमा थेरेपी लेने से पहले इससे जुड़े जानकार से अवश्य संपर्क करें।




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