महिलाओं में एक सबसे आम समस्या आयरन की कमी मानी जाती है। इस कमी को दवाई से पूरा किया जा सकता है। लेकिन आप अपने डाइट पर ध्यान देकर आयरन की कमी को दूर कर सकती हैं। आयरन यानी लोह शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने वाला पोषक तत्व है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी और एकाग्रता की समस्या बढ़ जाती है। भारत में हर दूसरी महिला और किशोरी में आयरन की कमी देखी जाती है,लेकिन इसका सबसे असरदार इलाज है संतुलित भारतीय आहार। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं डायटीशियन अमिता तांबेकर से।
आयरन की कमी के प्रमुख कारण

अमिता कहती हैं कि आहार में आयरन-समृद्ध खाद्य पदार्थों की कमी (हरी सब्जियां, दालें, मिलेट्स) के कारण होते हैं। .भोजन के साथ चाय-कॉफी या दूध लेने से अवशोषण कम होना।
विटामिन-सी की कमी भी आयरन का उपयोग घटाता है।.महिलाओं में मासिक धर्म या प्रसव से रक्त-हानि(ब्लड लॉस) भी आयरन की कमी को जन्म देता है। विटामिन B12, फोलेट या प्रोटीन की कमी भी आयरन की परेशानी को जन्म देती है।
आयरन की कमी को दूर करने के लिए क्या खाएं

अमिता का कहना है कि आयरन की कमी को खाने की सेहतमंद थाली से दूर किया जा सकता है। बाजरा, ज्वार, राजगिरा, रागी , व्रत का चावल या समां चावल – ये परंपरागत अनाज न केवल लोह से भरपूर हैं, बल्कि इनके साथ विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स और फाइबर भी मिलता है। दालें और अंकुरित अनाज:भी सेहत के लिए फायदेमंद है। मूंग, मसूर, चना, राजमा, छोले, इन्हें अंकुरित करने से आयरन की उपलब्धता और बढ़ जाती है। सबसे खास हरी पत्तेदार सब्जियां आयरन की कमी को घटाती हैं। पालक, मेथी, सरसों, चवली के पत्ते , सरगना के पत्ते और सींग, अम्बाडी की सब्जी और मूली के पत्ते नियमित रूप से शामिल करें। इन्हें नींबू के रस या टमाटर के साथ लें, ताकि विटामिन-सी आयरन का अब्सॉर्ब कर सके। कद्दू के बीज, तिल, बादाम, खरबूजे के बीज , सिंगदाना को छोटे स्नैक के रूप में भी शामिल करें। हलीम के बीज को पानी में भिगोकर, फूलने के बाद उसे निम्बू पानी के साथ ले सकते हैं। लिवर, रेड मीट, सारडाइन मछली, चिकन में “हीम आयरन” होता है जो शरीर में जल्दी अब्सॉर्ब होता है।
हर लाल चीज आयरन से भरपूर नहीं होती

ध्यान रखें कि हर लाल चीज आयरन बीट या अनार आयरन रिच होते है , ये भ्रामक मान्यता है, इन दोनों में आयरन की क्वांटिटी ऊपर लिखे हुए स्त्रोत से काफी कम है। अमीता ने आगे कहा कि आयरन के लिए खाने के साथ नींबू, संतरा, अमरूद, टमाटर, शिमला मिर्च – विटामिन C अवशोषण बढ़ाता है। इसलिए इनका सेवन करना चाहिए। हालांकि आपको इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि भोजन के साथ चाय, कॉफी या दूध का सेवन न करें। इनमें मौजूद टैनिन और कैल्शियम आयरन का अवशोषण घटाते हैं। आपको इस बात की गांठ बांध कर रखनी है कि थाली में रोज़ “हरी चीज़ें” और “मिलेट्स” की जगह तय करें।बच्चों और किशोरों के लिए रोज़ अंकुरित दाल रखें। आप नाश्ते में बच्चों को यह दे सकती हैं। इन सबके बीच गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक की सलाह से अतिरिक्त आयरन सप्लीमेंट लेना चाहिए।
प्रोटीन का ख्याल

आयरन के साथ महिलाओं को प्रोटीन का भी ध्यान अच्छी तरह से रखना चाहिए। हीमोग्लोबिन ये एक शरीर का प्रोटीन है , तो उसे बढ़ने केलिए आयरन के साथ साथ खानेमे प्रोटीन का सही मात्रा में होना भी उतनाही जरुरी है इसका ध्यान रख। सिर्फ आयरन रिच फ़ूड हीमोग्लोबिन नहीं बढ़ा सकता। आपको यह बात स्वीकार करनी चाहिए कि थाली में रंग जितने ज्यादा होते हैं, आपके शरीर को उतनी अधिक ताकत मिलती है। लोह से भरपूर भोजन सिर्फ हीमोग्लोबिन नहीं बढ़ाता — बल्कि ऊर्जा, ध्यान और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।महिलाओं में ज़्यादा पीरियड्स, आंतों में ब्लीडिंग, या बवासीर जैसी समस्याओं का इलाज करवानी चाहिए, ये आयरन की कमी का कारण बन सकती हैं।
आयरन की कमी क्यों होती है शरीर में
अगर रोज़ के खाने में आयरन से भरपूर चीज़ें (जैसे हरी सब्जियाँ, दालें, सूखे मेवे, मांस आदि) शामिल नहीं हैं। शरीर में धीरे-धीरे आयरन का स्तर घटने लगता है। गर्भावस्था में खासतौर पर आयरन की दवा शुरू की जाती है, ताकि अगर आहार में पर्याप्त मात्रा में आयरन नहीं है, तो इससे कोई परेशानी न हो। क्योंकि गर्भवती महिला के शरीर को बच्चे के लिए भी खून बनाना पड़ता है। इसलिए आयरन की जरूरत गर्भवती महिला के शरीर में बढ़ जाती है।
बच्चों के लिए रखें सबसे अधिक ध्यान
कभी-कभी हम आयरन खाते हैं, लेकिन शरीर उसे अवशोषित नहीं कर पाता, जैसे:चाय, कॉफी या दूध के साथ आयरन लेना। यह भी ध्यान रखें कि बच्चों और किशोरों में शरीर तेजी से बढ़ता है, इसलिए उन्हें ज्यादा आयरन चाहिए होता है। अगर उतनी मात्रा में भोजन में आयरन नहीं मिलता है, तो कमी हो जाती है। इसलिए बच्चों की डायट में आयरन का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक, और प्रोसेस्ड चीज़ों में आयरन नहीं होता और ये शरीर की पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता भी घटा देते हैं। आयरन के संकेत भी हमें पहचानने चाहिए। अगर बार-बार थकान या कमोजीर आती है, चक्कर आना, चेहरा या होंठ पीले लगना,सांस का फूलना, बाल झड़ना या नाखून टूटना या फिर किसी चीज में ध्यान न लगना, यह बताते हैं कि आपके शरीर में आयरन की कमी है। इसके लिए इन संकतों को अनदेखा न करें और तुरंत अपने डॅाक्टर से संपर्क करें।