अक्सर यह कहा जाता है कि जीभ की सेहत से आपके शरीर की अंदरूनी सेहत का नाता रहता है। हम रोज दांत की सफाई करते हैं, लेकिन कई बार जीभ को साफ करना भूल जाते हैं। जीभ में एक सतह ऐसी रहती है जहां पर भोजन की कोशिकाएं जमा हो जाती हैं। अगर यह लंबे समय तक जमा रहती है, तो इसका असर आपकी सेहत पर साफ तौर पर दिखाई देगा। यह जमा पदार्थ न केवल मुंह की बदबू का कारण बन सकती है, बल्कि आपके संपूर्ण सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। आइए जानते हैं विस्तार से।
क्या होता है नुकसान

जीभ साफ न करने के एक नहीं अनेक नुकसान है। इससे यह सबसे पहले होता है कि आपके मुंह से दुर्गंध पैदा करती है, जो कि आपकी मुंह की सेहत को भारी नुकसान पहुंचाती है। जीभ पर मौजूद कीटाणु आगे बढ़कर दांतों, मसूड़ों और अन्य हिस्सों में संक्रमण, प्लाक निर्माण और दांत की समस्याओं का कारण बन सकता है। जीभ की कोटिंग के कारण आपके स्वाद को पहचानने पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए अगर आप जीभ को नियमित रूप से साफ नहीं करती हैं, तो आपके दांत बिल्कुल स्वस्थ रखें , लेकिन आपके ओरल हेल्थ को इससे काफी नुकसान होता है। अध्ययन में भी यह सामने आया है कि जीभ साफ करने से आप दांतों की बहुत अच्छी तरह से सफाई करने का निर्देश भी देते हैं, इससे आपकी ओरल हेल्थ काफी अच्छी रहती है। इसलिए यदि आपको सुबह उठते ही या किसी समय आपके मुंह से बदबू आती है, तो जीभ साफ करने से इस समस्या में काफी राहत मिल सकती है।
जीभ के स्वास्थ्य में सुधार

ध्यान दें कि जीभ पर जमा कोटिंग अक्सर सफेद,पीला या धब्बेदार होती है। नियमित सफाई से यह कोटिंग कम होती है और जीभ का रंग अधिक स्वस्थ, गुलाबी और साफ दिखने लगता है। साफ जीभ इस बात का संकेत भी देती है कि जीभ की सतह पर कम बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया हैं। इससे मुंह की ताजगी भी बनी रहती है और अंदरूनी तौर पर आपकी सेहत भी अच्छी रहती है। यह भी है कि जब जीभ की सतह को कोटिंग से मुक्त किया जाता है, तो स्वाद की संवेदनशीलता भी लौट आती है। आप भोजन के स्वाद यानी कि मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा आदि को पहले से तीव्रता से महसूस कर सकती हैं। इस मामले में कई लोगों ने यह भी अनुभव किया है कि जिन चीजों का स्वाद पहले सामान्य या फीका लगता था, उन्हें स्वाद तेज से आने लगता है।
दांत और मसूड़ों की सुरक्षा

जानकारों का मानना है कि जब जीभ पर मौजूद जीवाणु और प्लाक दूर हो जाते हैं, तो वो जीवाणु आगे दांतों और मसूड़ों पर जाकर नहीं बैठते हैं। इससे यह भी होता है कि दांतों के खराब होने के हालात से नहीं गुजरते हैं और मसूड़े भी सुरक्षित रहते हैं। अगर आप इस तरह से अपनी जीभ और दांत की सफाई पर पूरा ध्यान देती हैं, जो कि आपकी ओरल हेल्थ को सही करता है।
पाचन शक्ति पर होता है असर
अगर आपकी ओरल हेल्थ सही नहीं होती है, तो इससे आपकी पाचन शक्ति पर अधिक असर होता है। आयुर्वेद और कुछ अन्य किए गए अध्ययनों में यह सामने आया है कि जीभ की सफाई का असर पाचन शक्ति को भी बेहतर बनाता है। एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि जीभ साफ करने वालों में कब्ज जैसी समस्याओं में सुधार होता है। इसका मतलब यह होता है कि जीभ की सफाई आपके पाचन शक्ति को बढ़ाता है। जानकारों का मानना है कि जीभ की सफाई से कई बड़े रोगों से खुद को दूर रखा जा सकता है।
आइए जानते हैं जीभ साफ करने का सही तरीका

जीभ साफ करने के लिए सबसे पहले जीभ खुरचनी यानी कि स्टेनलेस स्टील, तांबे का इस्तेमाल कर सकती हैं। कई लोग टूथब्रश का उपयोग भी किया जाता है, जीभ साफ करने के लिए। क्योंकि खुरचनी अधिक प्रभावी माना जाता है। जीभ साफ करने के लिए जीभ को जितना हो सके, बाहर निकालें। इससे काफी सतह तक सफाई होती है। शुरुआत में मध्य से आगे की ओर साफ करना बेहतर हो सकता है अगर गले में अड़चन होती है। धीरे-धीरे आप थोड़ा पीछे तक कर सकते हैं। आपको जीभ को हल्की दबाव के साथ, एक सिरे से दूसरे सिरे तक जीभ खुरचनी को आगे लाएं और फिर से इसे धोना और दोहराना है। इसके बाद जीभ को पानी से अच्छी तरह कुल्ला करें ताकि निकाली गई सामग्री बाहर जाए। इसके बाद जीभ खुरचनी को भी साफ कर लें। आमतौर पर सुबह एक बार करना पर्याप्त है। लेकिन यदि आप चाहें, तो दिन में दो बार भी कर सकते हैं।
जीभ को साफ करने के लिए सावधानियां और सीमाएं

जीभ को साफ करने के दौरान आपको सावधानी और सीमाओं का भी ध्यान रखना है। यह ध्यान दें कि अगर आप जीभ की सफाई के दौरान अत्यधिक दबाव डालती हैं, तो जीभ की सतह पर चोट लग सकती है। यदि आपके पास मुंह में जख्म, घाव या अल्सर हों, तो पहले डॅाक्टर या दंत चिकित्सक की सलाह लें। खुरचनी से जीभ के पीछे तक स्क्रैप करना कभी-कभी गले में अड़चन को बढ़ा सकता है। आपको शुरुआत में थोड़ा आगे से शुरू करें। उपयोग किए गए खुरचनी को नियमित साफ और समय-समय पर बदलना चाहिए, ताकि उसमें जीवाणु न पनपें। यदि आपकी हृदय-वाल्व संबंधी समस्या हो (heart valve problems) या अन्य संवेदनशील स्वास्थ्य स्थिति हो, तो अत्यधिक कठोर स्क्रैपिंग से बचें क्योंकि संभावित रूप से सूक्ष्म चीजों से जीवाणु प्रवेश कर सकते हैं।
कैसे जोड़े जीभ सफाई को रूटीन में
जीभ सफाई को रूटीन में जोड़ना भी काफी जरूरी है। जीभ सफाई के लिए यह नियम बनाना चाहिए कि पहले ब्रश और फिर जीभ सफाई करना। सुबह उठते ही खाली पेट जीभ साफ करना बेहतर है क्योंकि रातभर जमा पदार्थ अधिक होता है। यदि गले में अड़चन होती है, तो शुरुआत में हल्के तरह से जीभ की सफाई करें। सेहतमंद जीवनशैली के लिए उचित पानी, संतुलित आहार, ध्रूमपान से परहेज करें। इससे आप ओरल हेल्थ को काफी अच्छी तरह से सेहतमंद रख पायेंगी। आपको नियमित दांत की जांच करानी चाहिए। यदि जीभ पर किसी तरह का घाव या फिर धब्बा है, तो दंत चिकित्सक को जरूर दिखाएं।