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home / engage / स्वास्थ्य / फ़िटनेस

कोरियाई जीवनशैली को ऐसे अपनाएं, सेहत बनाएं

टीम Her Circle |  December 12, 2025

कोरियन जीवनशैली आजकल पूर्ण रूप से चर्चे में है और लोग इन्हें काफी पसंद इसलिए भी कर रहे हैं, क्योंकि उनका अप्रोच पूर्ण रूप से होलिस्टिक अप्रोच है। आइए जानें विस्तार से। 

शानदार जीवनशीली 

कोरियाई जीवनशैली की बात करें, तो इंटेस्टाइन के लिए बहुत अच्छा है। जो हम किमची की बात करते हैं, वह संतुलित आहार, ताजी सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन पर मुख्य रूप से निर्भर करता है। अगर हम मात्रा नियंत्रण और हाइड्रेशन के जरिए स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। नियमित शारीरिक गतिविधि (चलना, मार्शल आर्ट), मजबूत सामाजिक संबंध, तनाव प्रबंधन (ध्यान, प्रकृति) और अच्छी नींद के साथ, यह साड़ी दृष्टिकोण दीर्घायु, पुरानी बीमारियों के कम जोखिम, बेहतर प्रतिरक्षा और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, जो सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि अंदरूनी सुरक्षा पर भी ध्यान देते हैं। 

खान-पान की आदतें

अगर हम उनके खान-पान की बात करें, तो किमची, गोचुजांग और डोनजांग प्रोबायोटिक्स प्रदान करते हैं, जो इंटेस्टाइन के स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और संपूर्ण खाद्य पदार्थों पर जोर देते हैं, साथ ही उनके खान-पान में चीनी और वैसे फैट, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्हें नहीं खाते-पीते हैं और वसा को भी सीमित करते हैं। गौरतलब यह भी है कि छोटे-छोटे परोसे जाने वाले व्यंजन (बानचान) विविध पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जो संतुलित खान-पान का एक तरीका होता है। अगर हम सही तरीके से भोजन को नियंत्रण करने की बात करें, तो भोजन का स्वाद लेना पाचन और वजन दोनों के प्रबंधन में सहायक होता है। अगर हम हाइड्रेशन की बात करें, तो यहां सभी पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं और हर्बल टी का अधिक इस्तेमाल करते हैं। 

शारीरिक गतिविधि 



कोरियन लाइफस्टाइल में बहुत अधिक चलना भी शामिल हैं। बहुत अधिक तेज चलना, लंबी पैदल यात्रा या पारंपरिक नृत्य (गंगगंगसुल्लाए) जैसी नियमित गतिविधियां इनके दैनिक जीवन का हिस्सा हैं, न कि केवल जिम में बिताया जाने वाला समय। साथ ही ध्यान, वन स्नान (शिनरिन-योकु) और अरोमाथेरेपी जैसी पद्धतियां कोर्टिसोल के स्तर को कम करती हैं। वहीं जो इनका जिमजिलबांग होता है, जो कि कोरियाई स्नानघर होता है, वहां सामूहिक विश्राम भी लिया जाता है। साथ ही यह भी जान लें कि पारंपरिक कोरियाई चिकित्सा संतुलन के लिए जड़ी-बूटियों और एक्यूपंक्चर का उपयोग करती है। इन सबके साथ सोने पर यानी कि सही तरीके से नींद लेने को भी यह बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और यह भी जान लें कि त्वचा की देखभाल का मतलब इनके लिए सिर्फ कॉस्मेटिक नहीं होता है, बल्कि आंतरिक संतुलन और समग्र स्वास्थ्य का सूचक माना जाता है। साथ ही साथ यह मजबूत सामाजिक बंधन सुख और कल्याण में योगदान भी करता है। 

क्या है कोरियाई चिकित्सा 

कोरियाई चिकित्सा में, स्वास्थ्य को संतुलन के रूप में परिभाषित किया जाता है, न कि रोग की अनुपस्थिति के रूप में। स्वास्थ्य के लिए कोरियाई शब्द, जियोन-गांग केवल रोगमुक्त होने के विचार से कहीं अधिक व्यापक है। यह पूर्ण रूप से आपके भावनात्मक, शारीरिक और पर्यावरणीय आधार पर फिट रहने की स्थिति को महत्वपूर्ण मानता है।

हर्बल जिंदगी है बेस्ट 

कोरियाई लाइफस्टाइल शानदार होती है और इसकी वजह यह भी है कि हर्बल चीजों पर यह ज्यादा विश्वास करते हैं। जैसे, जिनसेंग, एंजेलिका जड़ और मुलेठी जैसी सामग्री पाचन में सहायता, प्रतिरक्षा को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने के लिए उपयोग की जाती हैं। साथ ही साथ यह फ्लेक्सिबिलिटी को बरकरार रखता है। 

ओरल चिकित्सा 

कोरिया में, मौखिक स्वच्छता को शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही महत्व दिया जाता है। 3-3-3 नियम, जो दिन में तीन बार, खाने के तीन मिनट के भीतर, हर बार तीन मिनट तक ब्रश करने को प्रोत्साहित करता है, एक सांस्कृतिक मानक बन गया है अब जाकर, जबकि कोरियाई लाइफस्टाइल में यह लंबे समय से हो रहा है। क्योंकि वे मानते हैं कि अच्छा मौखिक स्वास्थ्य न केवल ताजगी, बल्कि सांस और साफ दांतों में योगदान देता है, बल्कि हृदय रोग और सूजन संबंधी स्थितियों में भी सहित प्रणालीगत समस्याओं की रोकथाम में भी योगदान देता है। 

क्या चीजें न करें शामिल

अगर हम ऐसी चीजें, जिन्हें कोरियाई लाइफस्टाइल के अनुसार नहीं रखना है, उसकी बात करें, तो मीठे ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड स्नैक्स, रिफाइंड आटा और ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट्स खाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। साथ ही साथ रेगुलर वॉकिंग और के-पॉप स्टाइल वर्कआउट का भी ध्यान रखना चाहिए। वहीं कम समय के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को भी तवज्जो देना सही होता है और साथ में ज्यादा से प्रोटीन और हाइड्रेशन का इस्तेमाल करना भी अच्छा रहता है। उनके डायट में मुख्य रूप से दिन में कम से कम 8 गिलास पानी या दो लीटर पानी पीना शामिल है, साथ ही साथ छह घंटे की अच्छी, आरामदायक नींद लेना भी शामिल हैं, साथ ही साथ अपने खाने के साथ न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स लेना भी है। यही नहीं आपको 10-14 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के बारे में भी सोचना चाहिए। और साथ ही साथ हफ्ते में कम से कम चार बार हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करें। वहीं सोने से 4 घंटे पहले जल्दी डिनर करें। इसके साथ ही साथ यह डायट प्लान कॉफी, कैफीन वाले ड्रिंक्स और शराब के साथ-साथ प्रोसेस्ड फूड और चीनी के सेवन को भी सीमित करता है। इसमें कार्ब्स कम होते हैं और यह शरीर को कीटोसिस की स्थिति में ले जाता है, जो शरीर में कीटोन के हाई लेवल वाली एक मेटाबॉलिक स्थिति है। इस स्थिति के दौरान, शरीर ग्लूकोज के बजाय एनर्जी के लिए फैट का इस्तेमाल करता है और आपका वजन कम होने लगता है।

कैसे शुरू करें डायट 

इसको शुरू करने के लिए आपको बहुत मेहनत नहीं करनी है, बल्कि अपने दिन की शुरुआत प्रोटीन के पूरे सोर्स जैसे अंडे, प्रोटीन पाउडर वाली स्मूदी या फलों और नट्स के साथ एक कटोरी ग्रीक योगर्ट से करें। यह आपको पेट भरा हुआ महसूस कराने, एनर्जी लेवल बढ़ाने और फैट बर्न करते समय मांसपेशियों को कमजोर होने से बचाने में मदद कर सकता है। वहीं लंच में आपको फर्मेंटेड फूड्स की एक सर्विंग शामिल करें, जैसे सब्जियों के साथ एक कटोरी रायता बहुत फायदेमंद होगा। फर्मेंटेड फूड्स कोरियन डायट रूटीन का एक अहम हिस्सा हैं, क्योंकि वे डाइजेशन और पेट की सेहत को बेहतर बनाते हैं। इसके अलावा, खाने में फैट का एक हेल्दी सोर्स भी शामिल होता है। सलाद ड्रेसिंग के लिए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, मुट्ठी भर नट्स या एवोकाडो टोस्ट बीच के स्नैक के तौर पर खाया जाता है। ये फूड्स आपको पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं और फैट बर्न करने में मदद करते हैं। वहीं मांसपेशियों को बनाए रखने और क्रेविंग को दूर रखने के लिए स्नैक्स में भी प्रोटीन शामिल होना चाहिए। खाने के बीच में स्नैक के तौर पर मुट्ठी भर नट्स, ग्रिल्ड चिकन का एक छोटा टुकड़ा या उबले अंडे खाएं। यह आपको तेज भूख लगने पर अंट-शंट खाने से बचाता है। साथ ही पूरे दिन एनर्जी का एक लगातार सोर्स देता है और सबसे आखिरी लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको धीरे-धीरे खाना और अपने खाने का मजे लेकर खाना है। न तो हड़बड़ी में और न ही चलते-फिरते खाना खाना है। आपको एक और जरूरी आदत लगानी होगी कि धीरे-धीरे चबाने के लिए समय निकालें, हर निवाले का स्वाद लें और जब आपका शरीर बताए कि पेट भर गया है, तो उसके सिग्नल को सुनें। यह तरीका डाइजेशन को बेहतर बनाता है और आपको ज्यादा खाने से बचाता है।


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