सर्दी के मौसम में कई तरह की सब्जी और फल बाजार में मौजूद होते हैं, जिनका सेवन हमारे शरीर के लिए सबसे अधिक फायदेमंद माना जाता है। इसी दौरान आपको सिंघाड़ा भी दिखाई देगा। सिंघाड़ा को वाॅटर चेस्टनर भी कहा जाता है। यह पानी में उगने वाला फल होता है, जो कि अपने कुरकुरे स्वाद और पौष्टिक गुणों के लिए अधिक लोकप्रिय है। भारत में सिंघाड़ा खास तौर पर सर्दियों में आसानी से मिल जाता है। इसे कच्चा, उबला हुआ या सुखाकर आटे के रूप में कई तरह से खाया जाता है। उल्लेखनीय है कि सिंघाड़ा न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें कई तरह के विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन जरिया माना जाता है। आइए जानते हैं विस्तार से।
शरीर को मिलती है ऊर्जा

सिंघाड़ा के आटे के सेवन से शरीर को कई तरह की ऊर्जा मिलती है। इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो कि शरीर को कई तरह से ऊर्जा प्रदान करता है। सर्दियों में हमारे शरीर को सामान्य से अधिक ऊर्जा चाहिए होती है, क्योंकि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा कैलोरी खर्च होती है। इसलिए सर्दी में सिंघाड़ा खाना इसलिए भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि यह शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और साथ ही पूरे दिन हमें सक्रिय रखने में भी मदद करता है। सिंघाड़ा खासतौर पर बच्चों, बुर्जुग और शरीर से अधिक श्रम करने वाले लोगों के लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प माना गया है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

सर्दियों के मौसम में कई तरह के वायरस,बैक्टीरिया और फ्लू का खतरा सबसे अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान हमारे शरीर को सबसे अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता की जरूरत पड़ती है, ताकि हम अपने शरीर को मजबूत बना सकें। सिंघाड़ा में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं।ये शरीर को संक्रमणों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं और मौसम बदलने पर होने वाली परेशानियों जैसे सर्दी, खांसी और बुखार से प्राकृतिक रूप से सुरक्षा देते हैं।
पाचन शक्ति में होगा सुधार

सिंघाड़ा का सेवन पाचन शक्ति में भी सुधार करता है। सर्दियों में अक्सर लोग गर्म और भारी भोजन ज्यादा खाते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। सिंघाड़ा में अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो कि पाचन को बेहतर बनाने में अधिक भूमिका निभाता है। यह एक तरह से शरीर में पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत देता है। कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। यह भी जान लें कि सिंघाड़ा तासीर में ठंडा होने के बाद भी पाचन को नुकसान नहीं पहुंचाता है, बल्कि यह पेट को हल्का और साफ रखने में भी मदद करता है।
वजन को नियंत्रित रखने में सहायता

सिंघाड़ा का सेवन वजन को नियंत्रित रखने में भी सहायता प्रदान करता है, जो लोग अपने वजन बढ़ने से परेशान हैं, उनके लिए भी सिंघाड़ा एक बहुत ही अच्छा विकल्प बन जाता है। इसमें कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है और साथ ही पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है। सिंघाड़ा का सेवन करने से अनावश्यक खाने की इच्छा कम होने लगती है। इस वजह से वजन नियंत्रित रहता है। जानकारों का कहना है कि अगर आप अपने वजन को नियंत्रित करने का काम करती हैं, तो सिंघाड़ा एक तरह से स्नैक्स का एक अच्छा पर्याय साबित हो सकता है।
दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
सिंघाड़ा का आटा दिल की सेहत के लिए भी अधिक फायदेमंद होता है। सिंघाड़ा में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। साथ ही पोटेशियम धमनियों को भी रिलैक्स करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और दिल पर प्रभाव कम पड़ता है। सिंघाड़ा में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, जिससे दिल के रोगों का खतरा भी कम होता है। साथ ही यह दिल को सेहतमंद रखने में भी कारगर तरीके से काम करता है।
थायराइड और त्वचा के लिए फायदेमंद

सिंघाड़ा में आयोडीन का एक अच्छा स्रोत पाया जाता है। सर्दियों में थायराइड की समस्या बढ़ जाती है। इस वजह से सिंघाड़ा का सेवन थायराइड हार्मोन को संतुलित रखने में मददगार होता है। दूसरी तरफ सर्दियों के मौसम में त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है, सिंघाड़ा में पाए जाने वाला विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को अंदर से पोषण देता है। यह त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और साथ ही झुर्रियों को भी कम करता है और त्वचा को प्राकृतिक तरीके से ग्लो भी देता है। कई अध्ययन में यह भी कहा गया है कि सिंघाड़े के आटे का फेस पैक त्वचा में कसावट लाने और दाग-धब्बे कम करने के लिए भी जाना जाता है।
खून की कमी और किडनी के लिए फायदेमंद
कई अध्ययन में यह भी कहा गया है कि सिंघाड़ा आयरन और मिनरल्स का एक अच्छा जरिया होता है। जो भी लोग एनीमिया या फिर खून की कमी से परेशान है, उनके लिए सिंघाड़ा मददगार साबित हो सकता है। यह शरीर में एक तरह से हीमोग्लोबिन बढ़ाने में काफी मददगार होता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है और खून को स्वस्थ बनाता है। सर्दियों में जब शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, तब आयरन-युक्त भोजन लेना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सिंघाड़ा शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें पोटेशियम की अधिकता किडनी को स्वस्थ रखने में सहायक होती है। यह शरीर में सोडियम का संतुलन बनाए रखता है और किडनी पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालता है।
शरीर को हाइड्रेट रखें और हड्डियों को मजबूत करना
सर्दियों में प्यास कम लगती है, ऐसे में शरीर को हाइड्रेशन की जरूरत हमेशा रहती है। सिंघाड़ा में पानी की मात्रा लगभग 70 से 75 प्रतिशत होती है, जो कि शरीर को हाइड्रेट रखने में बड़ी भूमिका निभाता है। यह भी है कि सिंघाड़ा का सेवन त्वचा, मांसपेशियों और अंगों को सही तरीके से काम करने के लिए भी जरूरी माना गया है। जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि सिंघाड़ा में कैल्शियम,मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे कई सारे तत्व पाए जाते हैं, जो कि हड्डियों को मजबूत बनाता है। सर्दियों में शरीर में कई बार जकड़न की समस्या होती है, ऐसे में सिंघाड़ा हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और कैल्शियम की कमी को भी पूरा करता है।