सहजन को 'मोरिंगा' और 'ड्रमस्टिक' भी कहा जाता है। सहजन के सेहत के लिए कई सारे फायदे हैं। खासतौर पर दक्षिण एशिया में प्राचीन काल से उपयोग किया जाता है। प्राचीन काल में इसे एक तरह से चमत्कारी पेड़ भी कहा जाता था। इसकी वजह यह है कि सहजन के पत्ते,फल, फूल और बीज भी औषधीय से भरपूर माना गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि सहजन के सेहत के लिए कौन-से फायदे हैं।
पोषण से भरपूर सहजन आखिर क्यों

सहजन में विटामिन का भंडार होता है। माना गया है कि सहजन में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन बी अधिक मात्रा में होता है। सहजन मिनरल्स से भरपूर होता है। सहजन में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम और जिंक पाया जाता है। इसकी वजह से हड्डियां और दांत मजबूत रहते हैं। खून की कमी दूर करने के साथ दिल को भी स्वस्थ रखता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।सहजन के पत्तों में मटर और पालक की तुलना में ज्यादा प्रोटीन होता है। इसमें सभी 9 जरूरी अमीनो एसिड्स भी पाए जाते हैं, जो शरीर खुद नहीं बना सकता। सहजन के पत्ते और फल दोनों में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है, कब्ज से राहत देता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है। इसके पोषक तत्व न सिर्फ शरीर को ऊर्जा और पोषण देते हैं, बल्कि सूजन, संक्रमण, बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स से लड़ने में भी मदद करते हैं। सहजन एक पोषण से भरपूर सब्जी है, क्योंकि एक ही समय पर विटामिन्स और पोषण देता है। यह न सिर्फ बीमारियों से बचाता है, बल्कि शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ, ऊर्जावान और संतुलित बनाता है।
सहजन खाने का फायदा विस्तार से

सहजन के पत्तों में विटामिन ए, सी और ई के अलावा कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए यह शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व प्रदान करता है जो स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैं।कई शोध बताते हैं कि सहजन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक है। यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी होता है क्योंकि यह इंसुलिन के प्रभाव को बेहतर बनाता है। सहजन में विटामिन ए और सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा की चमक बढ़ाते हैं, मुंहासे कम करते हैं और झुर्रियों को रोकते हैं। साथ ही, सहजन का तेल बालों को मजबूत, घना और चमकदार बनाता है।
सहजन अधिक मात्रा में खाने के नुकसान

कहते हैं कि किसी भी चीज का अधिक सेवन सेहत को नुकसान तक लेकर जा सकता है। सहजन में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसे जरूरत से ज्यादा खाया जाए, तो यह पेट दर्द, गैस, दस्त के अलावा पेट में ऐंठन की समस्या भी दे सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि धीरे-धीरे इसे सीमित मात्रा में धीरे-धीरे डायट में शामिल करना चाहिए। दूसरी तरफ गर्भवती महिलाओं को भी सावधानी से इसका सेवन करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि सहजन की जड़ और छाल में ऐसे तत्व होते हैं, जो कि गर्भवती महिला के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इससे रक्तचाप और ब्लड शुगर पर भी अत्यधिक असर पड़ता है। अगर आप पहले से डायबिटीज या हाइपरटेंशन की दवाएं ले रही हैं, तो सहजन के साथ दवाएं मिलकर रक्तचाप या शुगर को बहुत ज्यादा गिरा सकती है। इसलिए दवाओं के साथ सहजन का सेवन करने से पहले डॉक्टर की जरूर सलाह लेनी चाहिए। हालांकि कभी ऐसा हुआ नहीं है, लेकिन सहजन से एलर्जी सी भी हो सकती है। इससे कुछ लोगों को स्किन रैश, खुजली, सूजन और गले में जलन की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए इसका सेवन पहली बार सीमित मात्रा में करना चाहिए। छोटे बच्चों को सहजन देने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होता है, खासकर यदि आप उन्हें पाउडर या कैप्सूल के रूप में दे रहे हों। कुछ स्टडी बताती हैं कि सहजन का अत्यधिक सेवन थायराइड हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, खासकर यदि आप हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित हैं।
कैसे करें खाने में सहजन को शामिल

सहजन को खाने में कई तरह से इस्तेमाल करना चाहिए। सहजन की पत्तियों से सब्जी बनाई जा सकती है। इसके लिए जाता सहजन की पत्तियों को धोकर छोटे टुकड़े काट लें। प्याज, टमाटर, हल्दी, जीरा और धनिया पाउडर जैसी सामान्य मसालों के साथ हल्का भूनकर सब्जी तैयार करें। इसे रोटी या चावल के साथ खाएं। पत्तों को दाल या सूप में भी डाल सकते हैं। आप यह भी कर सकती हैं कि ड्रमस्टिक को काटकर उसे सब्जी में डालें या सूप बनाएं। यह स्वाद में हल्का मीठा और पौष्टिक होता है। दक्षिण भारतीय रेसिपी जैसे सांभर में ड्रमस्टिक बहुत पसंद किया जाता है। आप यह भी कर सकती हैं कि बाजार में उपलब्ध सूखे सहजन के पत्तों का पाउडर (मोरिंगा पाउडर) लें। इसे दही, जूस, स्मूदी या दूध में मिलाकर पी सकते हैं। सूप या करी में भी इसे मिला सकते हैं। ध्यान रखें कि पाउडर की मात्रा रोजाना 1-2 चम्मच से ज्यादा न हो। इसके अलावा सहजन के फूलों को सब्जी, पकौड़े या फिर दाल में डालकर खा सकते हैं। इन्हें हल्का भूनकर या उबालकर भी सेवन किया जाता है।
महिलाओं के लिए सहजन का फायदा

महिलाओं के लिए सहजन खाने के काफी फायदे हैं। महिलाएं अक्सर आयरन की कमी से जूझती हैं, खासकर पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान। सहजन में आयरन और विटामिन-सी दोनों होते हैं — आयरन खून बढ़ाता है और विटामिन-सी उसकी अब्सॉर्ब क्षमता बढ़ाता है। यह थकावट, कमजोरी और चक्कर जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। सहजन में कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। ये तत्व महिलाओं की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, खासकर 30 की उम्र के बाद और मेनोपॉज के समय, जब हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। सहजन के तत्व हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करते हैं, जिससे महिलाओं को पीरियड्स की अनियमितता, हार्मोनल एक्ने, मूड स्विंग और थायराइड जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। कुल मिलाकर महिलाओं के लिए सहजन पोषण और शक्ति का एक प्राकृतिक जरिया है।
महिलाओं को सहजन का सेवन किस तरह करना चाहिए
महिलाएं सहजन का उपयोग अपनी उम्र, स्थिति और जरूरत के अनुसार कर सकती हैं। महिलाएं सहजन का उपयोग ताजा हरे पत्ती की सब्जी, पराठा, दाल या सूप में मिलाकर कर सकती हैं। इसे हल्के तेल या फिर मसालों में भी भूनकर खाया जा सकता है। महिलाओं को रोजाना एक छोटी कटोरी का सेवन करना चाहिए। इससे यह होगा कि खून की कमी, हड्डियां कमजोर, थकान, पीरियड्स की अनियमितता और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। सहजन के पाउडर का भी सेवन किया जा सकता है। सुबह खाली पेट गर्म पानी या शहद के साथ इसका सेवन कर सकती हैं। आप इसे दूध, दही, जूस, स्मूदी और सूप में मिलाकर इसका सेवन कर सकती हैं। जानकारों का कहना है कि सहजन के पाउडर का उपयोग वजन घटाने, पीरियड्स के दर्द, थकान के साथ स्किन और बालों की देखभाल के लिए असरदार माना गया है।