अहोम राजवंश के दफन टीले चराइदेव मोइदम, जिन्हें राजवंशी कब्रिस्तान भी कहा जाता है, को इस वर्ष यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। आइए जानते हैं चराइदेव मोइदम से जुड़ी कुछ खास बातें और भारत के अन्य यूनेस्को हेरिटेज स्थलों के बारे में।
अहोम राजवंश की समृद्ध विरासत चराइदेव मोइदम

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प्राचीन संरचनाओं के साथ अपने ऐतिहासिक महत्व और अनूठी स्थापत्य शैली के लिए उल्लेखनीय चराइदेव मोइदम भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में स्थित अहोम राजवंशीय शासकों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं। फिलहाल भारत की तरफ से यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में अपनी जगह बनाते हुए चराइदेव मोइदम, सूची में जगह बनाने वाला पूर्वोत्तर का पहला सांस्कृतिक स्थल बन चुका है। गौरतलब है कि चराइदेव मोइदम में मूल रूप से अहोम राजवंशीय शासकों के साथ उनके परिवार जनों की दफन कब्रे हैं, जिन्होंने 13वीं से 19वीं शताब्दी तक असम पर शासन किया था। अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य के लिए महत्वपूर्ण अहोम राजवंश से जुड़े ये टीले अहोम लोगों की वास्तुकला के साथ-साथ उनकी अनुष्ठान प्रथाओं का प्रतिनिधित्व भी करते हैं।
यूनेस्को और वर्ल्ड हेरिटेज साइट
यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन (यूनेस्को) का उद्देश्य है दुनिया भर में मानवता के लिए मूल्यवान मानी जाने वाली सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत की पहचान करना और फिर उनकी सुरक्षा करते हुए उनके संरक्षण को प्रोत्साहित करना। अब तक यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी ने 168 देशों के 1,199 स्थलों को सूची में शामिल किया है, जिनमें भारत के कुल 43 स्थल इस सूची में शामिल हैं। हाल ही में पूर्वोत्तर भारत के पहले राज्य असम के चराइदेव में स्थित मोइदम को यूनेस्को की सूची में 43वां स्थान मिला है। चराइदेव मोइदम की विशेषता है उनके विशिष्ट गुंबद, गुंबद के आकार और उनकी संरचनाएं, जिनका निर्माण मृतक अहोम राजघराने के सम्मान में किया जाता था।
मोइदम यानी मिट्टी का टीला या कब्र

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भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में पटकाई पर्वतमाला की तलहटी में बसा यह स्थान ताई-अहोम का शाही कब्रिस्तान है, जिसके अंदर ईंट, पत्थर तथा मिट्टी से बने विभिन्न आकारों के 90 खोखले तहखाने पाए गए हैं। माना जाता है कि 600 वर्षों तक, ताई-अहोम ने पहाड़ियों, जंगलों और पानी की प्राकृतिक स्थलाकृति को उभारते हुए इन मोइदम का निर्माण किया गया था, जिससे एक पवित्र स्थल का निर्माण हो सके। शाब्दिक अर्थ में मोइदम का अर्थ एक टीला या मिट्टी का टीला होता है, जो अहोम राजघराने और कुलीन वर्ग की कब्र के ऊपर बना होता है। हालांकि असम के चराइदेव के अलावा जोरहाट और डिब्रूगढ़ में भी ऐसे मोइदम पाए गए हैं, जहां अहोम राजघरानों के सदस्यों के अलावा कुलीन वर्ग और सरदार रहा करते थे।
मिश्र संस्कृति से मिलती-जुलती संस्कृति
अपने मृतकों का दाह संस्कार करनेवाले हिन्दुओं के विपरीत अहोम राजाओं और रानियों को इन मोइदम के अंदर दफनाया जाता था। अहोमों की दफनाने से जुड़ी अंतिम संस्कार की पद्धति, ताई लोगों से उत्पन्न हुई थी, जिनमें मोइदम की ऊंचाई आमतौर पर अंदर दफनाए गए व्यक्ति की शक्ति और कद का संकेत देते हुए बनाए जाते थे। माना जाता है कि मृत्यु पश्चात राजा-रानी या अहोम राजवंश के सदस्यों को किसी चीज की कमी न हो इसके लिए मोइदम के कक्षों के अंदर, उनके जरूरत की सभी आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ नौकरों, घोड़ों, मवेशियों और यहां तक कि उनकी पत्नियों को भी उनके साथ दफनाया जाता था। हालांकि प्राचीन मिश्र में भी कुछ इस तरह के दफन संस्कार पाए जाते हैं। मिश्र के राजवंशी परिवार और अहोम राजवंशीय परिवारों के बीच इस समानता को देखते हुए चराइदेव मोइदम को ‘असम के पिरामिड’ भी कहा जाता है। हालांकि एक बहुत बड़े क्षेत्र में फैले इस मोइदम में अभी भी कई कब्रें ऐसी हैं, जिनके बारे में अभी तक शोध नहीं हुए हैं।
अहोम साम्राज्य की शुरुआत और अंत

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पटकाई पर्वत को पार करके असम आए मोंग माओ के राजकुमार सुकफा ने अहोम राजवंश की स्थापना की थी। हालांकि असम पर बर्मी आक्रमण और उसके बाद 1826 में यंडाबू की संधि के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी में मिलने के बाद यह साम्राज्य समाप्त हो गया।
यूनेस्को की लिस्ट में शामिल भारत के 43 स्थल
उत्तर प्रदेश स्थित आगरा का किला
राजस्थान स्थित जयपुर सिटी
महाराष्ट्र स्थित अजंता-एलोरा की गुफाएं
मध्य प्रदेश स्थित सांची के बौद्ध स्तूप
गुजरात स्थित चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान
महाराष्ट्र के मुम्बई स्थित छत्रपति शिवाजी टर्मिनस,
महाराष्ट्र के मुम्बई स्थित एलिफेंटा की गुफाएं
पुराने गोवा के चर्च
उत्तर प्रदेश स्थित फतेहपुर सीकरी
तमिल नाडु स्थित चोल मंदिर
कर्नाटक स्थित हम्पी के स्मारक
कर्नाटक स्थित पत्तदकल के स्मारक
दिल्ली स्थित हुमायूं का मकबरा
असम स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय अभ्यारण्य
राजस्थान के भरतपुर स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
मध्य प्रदेश स्थित खजुराहो के स्मारक और मंदिर
बिहार - बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर,
असम स्थित मानस राष्ट्रीय अभयारण्य
भारतीय पर्वतीय रेल
उत्तराखंड स्थित नंदादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य और फूलों की घाटी
दिल्ली स्थित कुतुब मीनार
मध्य प्रदेश स्थित भीमबेटका के प्रस्तरखंड
उड़ीसा स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर
पश्चिम बंगाल स्थित सुंदरवन राष्ट्रीय अभयारण्य
उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजमहल
मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित धुआंधार
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद स्थित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
कच्छ के रन का धौलवीर (हड़प्पा कालीन एक नगर)
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