कहते हैं जान है, तो जहान है। इस वैलेंटाइन सप्ताह में आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि आपको खुद को प्यार करने की भी जरूरत है। खासतौर पर सेल्फ केयर के जरिए। दिलचस्प यह है कि आप सेल्फ केयर के थेरेपी का सहारा ले सकती हैं। सेल्फ केयर का सबसे पहला पड़ाव है, खुद के लिए समय निकालने का। खान-पान सबसे जरूरी माना गया है। इसके साथ योग और एक्सरसाइज भी सेल्फ केयर की फेहरिस्त का मजबूत हिस्सा है। लेकिन इन सबके बीच सबसे जरूरी थेरेपी भी काम आती है। थेरेपी की खूबी यह है कि आप अपनी दिलचस्पी के हिसाब से सेल्फ केयर का रास्ता अपना सकती हैं। आइए जानते हैं इस पर क्या है एक्सपर्ट की राय।
क्या है सेल्फ केयर का मतलब

सेल्फ केयर का मतलब सीधा और आसान है, खुद की देखभाल करना। इस सेल्फ केयर में शारीरिक,मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर खुद को स्वस्थ रखना। एक फैसला खुद के लिए करना है कि आपके लिए सबसे जरूरी आप खुद हैं। सेल्फ केयर करने से आप अपने आप को खुश रखते हैं और साथ ही खुद के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को हर दिन बेहतर बनाती हैं। सेल्फ केयर करने के लिए सबसे पहले आपको खुद को समय देना और खुद के लिए समय निकालना जरूरी समझना होगा। जानकारों का भी कहना है कि दूसरों का ध्यान रखने से पहले आपको खुद का ध्यान रखने के बारे में विचार करना चाहिए साथ ही इसे लेकर हर दिन कदम उठाना चाहिए।
खुद को समझना

सेल्फ केयर में सबसे पहले आपको खुद को समझना जरूरी है। अक्सर हम हर दिन की एक्सरसाइज, जिम या फिर योग को अपने जीवन में शामिल करते हैं, जो कि सेल्फ केयर का अच्छा जरिया मानी गई है। साथ ही हमारे खाने की थाली में पोषण कितना है, इस पर भी जरूरी ध्यान रखती हैं। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि हर जिन जिम जाना या फिर योग करना हमारे लिए केवल रूटीन का हिस्सा बनकर रह जाता है, जहां पर हमारी दिलचस्पी कम होती है। केवल इस बात पर फोकस होता है, कि हमें कितना वजन कम करना है या फिर हमने आज कितना प्रोटीन खाया है। इस रूटीन के साथ अगर आप अपनी हॉबी पर काम करती हैं, तो यह सेल्फ केयर थेरेपी की तरफ आपका पहला और बड़ा कदम माना जाएगा।
अपने हॉबी पर काम करना

सेल्फ केयर थेरेपी में सबसे जरूरी है कि आपको अपनी हॉबी के जरिए आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। अगर आपको डांस का शौक है, तो आप डांस को थेरेपी के तौर पर कर सकती हैं। हर दिन समय मिलने पर आप घर पर डांस कर सकती हैं या फिर आप किसी क्लासेस को ज्वाइन कर सकती हैं। अगर आपकी दिलचस्पी संगीत में है, तो आप हर दिन 1 या 2 घंटे अपने पसंद के गाने सुन सकती हैं, या फिर आप संगीत सीख कर भी इसे अपनी सेल्फ केयर थेरेपी का हिस्सा बना सकती हैं। अगर आपको आर्ट का शौक है, तो कई ऐसे क्लासेस हैं, जहां पर आर्ट थेरेपी पर काम किया जाता है। विदित हो कि आपको खुद की दिलचस्पी को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से जोड़ना है। संगीत के जरिए आप अपने मानसिक तनाव को कम कर सकती हैं। नृत्य आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है।
बनाएं सेल्फ केयर का रूटीन

आपको हर दिन अपने हॉबी पर काम करना सेल्फ केयर रूटीन की तरफ आगे लेकर जाता है। आपको अपने सेल्फ केयर रूटीन में हॉबी की थेरेपी को शामिल करना है। 7 से 8 घंटे की नींद, योग और एक्सरसाइज के साथ पोषण से भरपूर खान-पान और इसके बाद अपने काम के बाद आपको खुद की सेल्फ केयर थेरेपी के लिए केवल एक से 2 घंटे का समय निकालना है, जो कि आपके मानसिक तनाव को कम करने का काम करती है। हर दिन के तनाव से दूर रहने के लिए खुद को रिलैक्स करने के लिए आपके लिए सेल्फ केयर थेरेपी रामबाण तरीके से काम करती है।
एक्सपर्ट की राय

पेरेंटिंग काउंसलर और चाइल्ड साइकोलोजिस्ट रिद्धी दोशी बताती हैं कि संगीत, कला और डांस तनाव को दूर करने और मूड को बेहतर बनाने में सहायता करता है। हॉबी पर काम करना आपके हर दिन के तनाव को कम करने में बड़ी भूमिका निभाता है।रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न होने से और उस पर ध्यान देने से मन की एकाग्रता में भी सुधार होता है। रचनात्मक काम आत्मविश्वास और उपलब्धि की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह सारी गतिविधियां मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती हैं, जो कि मानसिक कल्याण में समर्थन भी देते हैं।जाहिर सी बात है कि जो भी चीज आपको करने में खुशी देती है, वह एक तरह से आपके लिए थेरेपी का काम करती है।