हमारा जीवन पर्यावरण की देन है। लेकिन हम अपनी जीवनशैली का ध्यान रखने के दौरान पर्यावरण की जीवनशैली को अनदेखा कर देते हैं। हम सभी के लिए यह समझना जरूरी है कि सेहत के लिए पर्यावरण की रक्षा जरूर करनी चाहिए और हम अपनी दिनचर्या में पर्यावरण की रक्षा के लिए कुछ नियमों को गांठ मार लेना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर सेहत के लिए क्यों जरूरी है पर्यावरण की रक्षा करना।
सेहतमंद फेफड़े और दिल की सुरक्षा

इससे हम सभी वाकिफ है कि प्रदूषित हवा में धूल, धुआं, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसे होती हैं, जो सांस के जरिए शरीर में जाती हैं। इसमें अस्थमा के साथ कई सारी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जब हम पेड़ लगाते हैं और वाहनों और फैक्ट्रियों का प्रदूषण कम करते हैं, इससे वायुमंडल शुद्ध होता है और हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलता है, जो कि हमें सीधे फेफड़ों और दिल की सेहत को बेहतर बनाती है। इसलिए हमें जितना हो सके, उतना पेड़ लगाना चाहिए और अपने घर में पौधे लगाने चाहिए।
साफ पानी और सेहतमंद शरीर

जल ही जीवन है, यह बात आपने कई बात सुनी होगी। लेकिन हमारे जीवन के लिए जल ही संजीवनी है। इसलिए हमें संजीवनी की रक्षा करनी चाहिए। पानी अगर साफ न हो, तो इससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं। जब हम पर्यावरण की रक्षा करते हैं, तो हम जल की रक्षा करते हैं और प्लास्टिक कचरा नहीं फैलाते हैं। शुद्ध जल पीने से शरीर को डिटॉक्स होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि साफ पानी कई तरह से हमारे शरीर की रक्षा करता है। इसलिए जितना हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, उतना ही साफ पानी हमारे घरों तक पहुंचता है।
मिट्टी की रक्षा मतलब पर्यावरण का ध्यान

जब हम मिट्टी की रक्षा करते हैं, तो इसका मतलब यह होता है कि हम अपने खान-पान का ध्यान रख रहे हैं। जाहिर सी बात है कि हम जो खाते हैं, वह चीजें मिट्टी और जल से ही पैदा होती हैं। खासतौर पर अनाज मिट्टी से ही उत्पन्न होता है। अगर हम मिट्टी में कीटनाशक और रासायनिक खाद मिलाते हैं, तो वह अनाज और सब्जियों में आकर हमारे शरीर में पहुंचती है। इससे लीवर और किडनी प्रभावित होती है। प्राकृतिक खेती हमेशा से हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखती है। इससे हमें पोषणयुक्त भोजन मिलता है और हमारा शरीर सेहतमंद रहता है। इसलिए पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें सस्टेनेबल चीजों को अपनाना चाहिए।
मानसिक शांति के लिए प्रकृति जरूरी

प्रकृति से सुकून मिलता है। इसमें कोई दोराय नहीं है। जब भी हम अकेले होते हैं, तो प्रकृति के करीब जाने का मन करता है। पहाड़ों के बीच पानी के पास नदियां, झीलें और साफ आसमान हमारे मानसिक सेहत को सुकून देता है। अगर हम लगातार शोर, भीड़, ट्रैफिक और कूड़े से भरे माहौल में रहते हैं, तो तनाव, डिप्रेशन और नींद की समस्या होने लगती है। जाहिर-सी बात है कि पर्यावरण की रक्षा कर हम अपने चारों तरफ ऐसी जगह बना सकते हैं, जो मन को शांत करे और चिंता को दूर करें।
पर्यावरण की रक्षा जीवन की रक्षा
जैसा कि इस लेख को लिखने से पहले हमने कहा था कि पर्यावरण की रक्षा करना हमारे जीवन को सुरक्षित करता है। जब हम जंगल काटते हैं और प्रदूषण को फैलाते हैं, तो इससे हम सीधे तौर पर ग्लोबल वार्मिंग की तरफ खुद को आगे बढ़ाते हैं। इससे प्रकृति को नुकसान पहुंचता है और हमारे जीने का जरिया खत्म होने लगता है। अगर हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे, तो पशु-पक्षी और पेड़-पौधे अपना काम करते रहेंगे। हमारे माहौल को प्रदूषण मुक्त रखेंगे। कई सारे रोगों से हमारी रक्षा करेंगे।