img
हेल्प
settings about us
  • follow us
  • follow us
write to us:
Hercircle.in@ril.com
terms of use | privacy policy � 2021 herCircle

  • होम
  • कनेक्ट
  • एक्स्क्लूसिव
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प

search

search
all
communities
people
articles
videos
experts
courses
masterclasses
DIY
Job
notifications
img
Priority notifications
view more notifications
ArticleImage
होम / एन्गेज / थीम / स्पॉटलाइट

हादसे के बाद इन महिलाओं ने पहचानी 'सेल्फ लव' की कीमत, किया खुद से प्यार

प्राची |  जनवरी 09, 2025

'सेल्फ लव' यानी की खुद से प्यार की परिभाषा उन महिलाओं से सीखनी चाहिए,जो किसी हादसे से बाहर आकर फिर से नए सिरे से जिंदगी शुरू करती हैं। खुद को सेलिब्रेट करना और खुद के जीवन के हर दिन में रंगोंली के रंग भरना आसान नहीं होता है। खासकर उस वक्त, जब आप अपने जीवन के सबसे बड़े हादसे के साथ एक लंबा वक्त बिता चुके हैं। आज हम ऐसी महिलाओं के जीवन से रूबरू होंगे, जो कि अपने जीवन को शून्य से फिर से शीर्ष की तरफ ले जाने में सफल हुई हैं। ऐसी महिलाएं जो कि सकारात्मकता, विश्वास और प्यार के सदाबहार रंगों से अपने जीवन को भरती हुई आयी हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।

जीवन में रंग भरने का फैसला

मुंबई के जेएलेस बेवी महिला ग्रुप की की सदस्य जिगना सरैया बताती हैं कि मेरे पति का गुजर जाना मेरे जीवन का सबसे बड़ा हादसा था। मेरी पूरी दुनिया ही पलट दी।इस बुरे वक्त में मेरे घरवालों ने सपोर्ट किया और मुझे हताश नहीं होने दिया। मैेंने भी खुद की जिंदगी में आगे बढ़कर खुद के जीवन में रंग भरने का फैसला लिया। मैंने एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर कार्यरत हुई। नौकरी के कारण मैं अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रही थी। मैं डिप्रेशन में जा रही थी। लेकिन उस वक्त मुझे यह अहसास हुआ कि नहीं, मैं खुद के साथ गलत नहीं कर सकती हूं। मुझे सकारात्मक रहना है। मुझे मुस्कुराना है। कुछ साल काम करने के बाद मैंने बैंक काम छोड़ दिया। इसके बाद मैंने खुद की कला में यकीन दिखाया और मैंने अपने बच्चों और दोस्तों के खास दिन पर केक बनाना शुरू किया। कोरोना वायरस के समय मेरे खाने के गुण को मैंने और पॅालिस किया और आडर लेना शुरू किया। इस तरह मेरी जिंदगी के एक हादसे से बाहर आने के दौरान मुझे समझ आया कि सेल्फ लव से बड़ी सकारात्मक ऊर्जा कोई दूसरी नहीं है।

सेल्फ लव की पॅालिसी 

हेमा गणाचारी अपने अनुभव को साझा करते हुए कहती हैं कि सात साल की उम्र में अचानक से मैं बाथरूम जाने के लिए उठी, लेकिन मैं चल नहीं पा रही थी।मैंने अपने पिताजी को बताया। उन्हें लगा मैं बहाना कर रही हूं। उन्होंने जैसे मुझे खड़ा किया, मैं गिर गई। फिर स्पेशलिस्ट को बुलाया और बताया कि पोलियो हुआ है। यह सुनकर मैं और माता-पिता काफी परेशान हुए। मैंने खुद में हौसला बनाए रखा। मैंने फिजियोथेरेपी करवाई। टारगेट के साथ मैंने अपने पैरों पर काम किया। छह महीने के अंदर मैं खड़ी हुई और इसी तरह लगातार कोशिश करते हुए हार नहीं माना और चलना शुरू किया। मैं फिर से अपने पैरौं पर खड़े होकर स्कूल गई। मैंने अपना ग्रेजुएशन पुूरा किया और नौकरी की। मेरी शादी भी हुई और फिर बेटी का जन्म हुआ। डॅाक्टर ने कहा था कि बच्चा आपरेशन से ही होगा। ऑपरेशन के दौरान के बाद मैं मेरे दोनों हाथ ऊपर लेकर नहीं जा पाती थी। पहले मुझे चलने में मुश्किल थाऔर फिर हाथ भी काम करना बंद हो गया था। मैंने साहस नहीं छोड़ा। इसके बाद कुछ साल बाद मुझे पता चला कि स्पाइन टीबी हो गया है। मैंने फिर भी खुद के जीवन को हारने नहीं दिया। 2 साल दर्दनाक इलाज करवाया, मुझे चलने में भी मुश्किल होती थी। मेरा इलाज बहुत महंगा था। लेकिन मैंने हमेशा हिम्मत के साथ खुद को हर पड़ाव पर आगे बढ़ाया।मैंने खुद को जीवन के हर पडाव पर साबित करते हुए सेल्फ लव की पॉलिसी को अपनाया है। 

खुद के जीवन में सेल्फ लव की कीमत

मोनिका मोरे कहती हैं कि साल 2014 में कॅालेज जाने के दौरान ट्रैन हादसे में मैंने अपने हाथ गंवा दिए। ट्रेन हादसे में हाथ गंवाने के बाद मेरी जिंदगी में अंधकार छा गया था। लेकिन इस दौरान मैंने खुद को हौसला दिया और कहा कि हार मानकर मैं अपने जीवन के साथ अन्याय नहीं कर सकती। मैंने उन लोगों से सेल्फ लव की परिभाषा सीखी, जो मेरी ही तरह किसी हादसे का शिकार हुए थे। उन सभी को मैंने अपनी प्रेरणा बनाया और कृत्रिम हाथ के साथ 6 साल बिताने के बाद मुझे अंगदान के जरिए एक पुरुष का हाथ मिला। इस बीच मेरे पिताजी का निधन हो गया। परिवार की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आ गई। लेकिन मैंने खुद के जीवन में सेल्फ लव की कीमत को समझा और नौकरी करते हुए मैं अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाल रही हूं। 

सेल्फ लव के लिए सेल्फ गिल्ट से निकलना जरूरी 

काउंसलर श्वेता खंडकर कहती हैं कि किसी भी आघता का सामना करने के लिए एक सुरक्षित जगह होना चाहिए। जहां पर महिलाएं अपने किसी खास व्यक्ति से अपनी भावनाओं को बांटना चाहिए। जो कि उनके लिए एक सुरक्षित जगह होगी। हादसे के बाद महिलाओं को सेल्फ लव करने के लिए खुद की भावनाओं को बताना होगा। दूसरी जरूरी चीज है, जो भी हादसा भी हुआ है, वो उसकी गलती नहीं थी, वो केवल एक हादसा था।महिलाओं को यह समझना होगा कि हादसे से बढ़कर मेरे जीवन में सेल्फ लव है। जहां पर खुद को सिर्फ पीड़ित नहीं समझना है। सेल्फ लव की तरफ बढ़ने की लिए खुद को अपनाना। खुद की ताकत को समझना चाहिए। अपना फोकस सेल्फ लव की तरफ होना चाहिए। महिलाओं को समझना होगा कि सेल्फ लव की तरफ बढ़ने के लिए सेल्फ गिल्ट को हटाना होगा। यह समझना होगा कि मेरी कोई गलती नहीं है। 




शेयर करें
img
लिंक कॉपी किया!
edit
reply
होम
हेल्प
वीडियोज़
कनेक्ट
गोल्स
  • © herCircle

  • फॉलो अस
  • कनेक्ट
  • एन्गेज
  • ग्रो
  • गोल्स
  • हेल्प
  • हमें जानिए
  • सेटिंग्स
  • इस्तेमाल करने की शर्तें
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • कनेक्ट:
  • email हमें लिखें
    Hercircle.in@ril.com

  • वीमेंस कलेक्टिव

  • © 2020 her circle