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होम / एन्गेज / रिलेशनशिप्स / पेट्स

पेट्स का प्यार जब छिन जाए तो कैसे करें इस स्थिति का सामना

प्रिया श्रीवास्तव |  नवंबर 13, 2022

आप बहुत थक कर घर लौटी हों, दरवाज़े पर भागते हुए कोई आता है और आपको ख़ूब पुचकारता है. आपकी सारी थकान वहीं ख़त्म हो जाती है. इतना प्यार तो कोई अपना ही कर सकता है या फिर कोई ऐसा ही कर सकता है, जो आपके बेहद क़रीब है. माफ़ कीजिएगा, वर्तमान दौर में इंसानों से ऐसी उम्मीद रखना बेबुनियाद है, क्योंकि इन दिनों सोशल मीडिया के साथ, हम इस क़दर होते हैं कि हमें फ़ेस टू फ़ेस की फ़ीलिंग का एहसास ही नहीं. ऐसे में वह आपके घर का एक पालतू जानवर ही होता है, जो आपका न सिर्फ़ ख़्याल रखता है, बल्कि आपको बेहद प्यार देता है. साथ ही उसे सोशल मीडिया जैसा कंपैनियनशिप नहीं चाहिए, बल्कि बस आपका प्यार चाहिए. पालतू जानवरों का साथ ही आपको उनके और क़रीब ले जाता है, लेकिन अचानक जब वह आपसे बिछड़ जाता है तो उनके बग़ैर आपकी ज़िंदगी में बेहद ख़ालीपन आ जाता है. ऐसे में आख़िर अपने पेट्स के जाने के बाद, आप किस तरह इस स्थिति से उबरें, आइए इसके बारे में विस्तार से जानें. 

किरण ग्वालानी, कंसल्टिंग साइकोलॉजिस्ट हैं और उनका इस क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है. वह इस विषय पर विस्तार से बातचीत करती हुई बताती हैं, "एक पालतू जानवर घर में किसी बच्चे सदस्य की तरह ही होता है, इसलिए आपका जो जुड़ाव किसी बच्चे से होता है, वहीं जुड़ाव उस पेट से भी हो जाता है. यह जुड़ाव बहुत ही स्वाभाविक है. इंसानों को जो प्यार पेट्स से मिलता है, वह अन्कंडिशनल होता है. पेट्स या पालतू जानवर ही होते हैं, जो आपके बुरे और अच्छे समय में यानी दोनों वक़्त साथ होते हैं. 

ऐसे में उनका दूर जाना 

किरण आगे कहती हैं कि ज़ाहिर है कि आप जब उनसे इमोशनल रूप से बहुत ज़्यादा जुड़ जाती हैं तो उनका जाना पूरे परिवार के लिए एक बड़ी क्षति की तरह होता है. ख़ासतौर से जो पेट्स या पालतू जानवर की देखभाल करते हैं, उन्हें इस स्थिति से उबरने में काफ़ी समय जाता है. केयरगिवर वह व्यक्ति होता है, जो अपने घर के पेट्स की सभी बुनियादी ज़रूरतों का ख़्याल रखता है. साथ ही, वह पेट्स के साथ एक कॉन्सटेंट रिश्ता भी क़ायम करता है. हालांकि यह, सच है कि दुःख जेंडर न्यूट्रल है. लेकिन अगर घर की महिला उसकी केयरगिवर है तो इसकी संभावना अधिक है कि उसको यह दुःख अपने बच्चे को खोने जैसा महसूस होगा. इस दुःख में वे महिलाएं कम से कम एक या दो महीने तक रह सकती हैं. और यह भी हो सकता है कि इस परिस्थिति में उन्हें पूरा एक साल लग जाए. दरअसल, इस नुक़सान की प्रक्रिया और अभिव्यक्ति एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग ही होगी. उदाहरण के रूप में देखें तो अगर घर की महिला ही उस पेट का ध्यान रखती थी तो इस दुःख में पूरे परिवार को उस महिला को सपोर्ट करना चाहिए और उनके दुःख को समझना चाहिए. 

यह एक आसान वक़्त नहीं होता है, लेकिन हां, कोशिश ज़रूर की जानी चाहिए कि आपके पेट को जाने के बाद, आप अपने मानसिक संतुलन को न खोएं और कुछ तरीक़े अपना कर, इससे उबरने की कोशिश करें, क्योंकि लम्बे समय तक दुःख में रहना आपकी सेहत को ख़राब कर सकता है. किरण इस दुुख से उबरने के कुछ तरीक़े बता रही हैं…
बात करेंगी तो हल्का होगा मन 

अगर आप ख़ुश नहीं है और आप अपनी फ़ीलिंग दर्शाना चाहती हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. वह कहती हैं कि हो सकता है कि वास्तविक जीवन में आप काफ़ी स्ट्रॉन्ग वुमन हों, लेकिन इस दुःख की घड़ी में अगर आपकी आंखों में आंसू आ जाएं या फिर आप किसी अपने के सामने कमज़ोर पड़ रही हैं तो इस बात पर शर्मिंदगी महसूस करने की जरूरत नहीं है. यह बेहद ज़रूरी है कि आप अपनी भावनाओं के बारे में किसी से बात करें.  अपने मन की बात कहें.
अपने पेट्स की यादों को बनाएं ख़ास
पालतू जानवर के जीवन को यादगार बनाने के लिए आप किसी तरह का कोई काम भी उनके नाम पर कर सकती  हैं. उदाहरण के लिए, आप एक पौधा लगा सकती हैं. जैसे-जैसे वह पौधा बड़ा होगा, आप अपने प्यारे पालतू जानवर की यादों को ज़िंदा रख सकती हैं.   

अपनी सेहत को रखना होगा अच्छा 

आपको ख़ुद को हर समय शोक में डूबा ना रखें, आपको अपने स्वास्थ्य का बेहद ख़्याल रखना ही होगा. कोई फ़िज़िकल ऐक्टिविटी, ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ या फिर मेडिटेशन जैसी गतिविधियों में ख़ुद को शामिल करना होगा. आपको ख़ुद को तनाव मुक्त रखने का प्रयास करना ही होगा.
रूटीन बनाएं 

अगर आपके पास दो या एक से अधिक पालतू जानवर हैं तो कृपया इस बात का ख़ास ख़्याल रखें कि आप जो पेट्स अब आपके साथ  हैं, उनके साथ और वक़्त गुजारें, उनकी दिनचर्या को व्यस्थित रखें. उनके रूटीन को ख़राब न करें, अगर आप  उनपर ध्यान देना बंद कर देंगी तो जो ज़िंदा हैं, उनकी सेहत बिगड़ जाएगी. अत: उनकी अनदेखी बिल्कुल न करें.

दोस्तों से  बातचीत करें 

कई बार आप अपने मन की बात दोस्तों से कहने में हिचकिचाते हैं, लेकिन दोस्तों से इस वक़्त खुल कर बातचीत करें. इससे आपका मन हल्का होगा. उनसे अगर आपको मदद की ज़रूरत है तो खुल कर मदद मांग लें. इस बात को याद रखें, जो अब आपके साथ नहीं हैं और जो आपके साथ हैं वे दोनों ही आपको ख़ुश ही देखना चाहेंगे हमेशा. 

 

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