बच्चों के लिए यह बहुत जरूरी है कि उन्हें गुड टच और बैड टच के बीच का अंतर जरूर पता होना चाहिए। खासकर तब जब आप उनके पास मौजूद नहीं होते हैं। आपके लिए बहुत जरूरी है कि आर अपने बच्चों को यह समझाएं कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से कैसे आपको बचना चाहिए। यह जान लें कि 3 से 4 साल की उम्र से ही बच्चों को अच्छे और बुरे टच के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से कि कैसे आप अपने बच्चे को गुड टच और बैड टच के बारे में अलर्ट रहने की सलाह दे सकती हैं।
क्या है गुड टच

गुड टच यानी की अच्छा स्पर्श। कहते हैं प्यार की भाषा नहीं होती है। उसके केवल अच्छे स्पर्श को महसूस किया जा सकता है। गुड टच ठीक इसी तरह का होता है। जब एक बच्चे को उसकी मां स्पर्श करती है, तो उसके ममता भरे स्पर्श में सुकून और प्यार का स्पर्श होता है, जो कि गुड टच में शामिल है। गुड टच का अर्थ यही होता है कि अगर कोई स्पर्श करता है और उस छुअन में सहजता और प्यार महसूस होता है। यानी कि अच्छा महसूस होता है, तो उसे गुड टच कहते हैं। मां, पिता, बहन, भाई, नानी, नाना, दादी और दादा के स्पर्श को आप गुड टच में खानस
क्या है बैड टच?

बुरा स्पर्श इसे ही बैड टच कहते हैं। अगर किसी व्यक्ति के छुने से आपको असहज महसूस होता है, आपको अच्छा महसूस नहीं होता,तो उस स्पर्श से और उस व्यक्ति से दूर रहने में समझदारी है। अगर कोई अनजान व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट को छूता है या फिर आपके शरीर पर हाथ फेरता है, तो यह भी बैड टच की सबसे बड़ी निशानी बन जाता है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति आपके बच्चे को उसके बारे में न बताने के लिए कहता है या फिर अकेले मिलने आता है, तो ऐसा व्यक्ति भी बैड टच को बढ़ावा देने वाला बन जाता है। अगर आपके बच्चे को कोई व्यक्ति लगातार गलत नजरिए से देखता है,तो वह भी बैड टच के अंतर्गत आता है।
बच्चों को शरीर के बारे में बताना

तीन से चार साल की उम्र से बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श से जुड़ी जानकारी देनी शुरू कर देना चाहिए। आपको अपने बच्चे को बताना चाहिए कि शरीर में कौन-कौन से अंग है, जिसको अगर कोई छुता है, तो उसमें कोई खराबी नहीं है। लेकिन अगर कोई बच्चों के शरीर के प्राइवेट पार्ट्स को छुता है, तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बच्चों को बताएं कि किसी को भी आपके बॅाडी पार्ट्स को नहीं छुना है। आप बच्चों को यह बता सकती हैं, शरीर पर जहां पर सबसे पहले कपड़ा पहना जाता है, उस हिस्से किसी अनजान व्यक्ति का या फिर किसी पहचान व्यक्ति का छुना गलत है। बच्चे को तुरंत ऐसा होने पर डरना नहीं है, बल्कि उसी वक्त जोर से चिल्लाना है। बच्चों को बताएं कि उनकी एक आवाज पर मदद के लिए कई आवाज उठेंगी। साथ ही आप यह भी बताएं कि उनकी हर बात को सुनने के लिए आप मौजूद हैं।
मेल और फीमेल बॉडी में अंतर बताना

आपको अपने बच्चे को लड़की और लड़के के शरीर में अंतर को भी बताना चाहिए। साथ ही यह भी बताएं कि शरीर का कोई भी हिस्सा गंदा नहीं होता है। आपको यह बताना है कि शरीर का हर हिस्सा आपका है और इस पर केवल आपका अधिकार है, किसी का नहीं। एक पेरेंट्स के तौर पर आपको भी अपने बच्चे के बदलते बर्ताव पर लगातार ध्यान देना है। आपको यह ध्यान रखना है कि कहीं आपका बच्चा चुप, तो रहने नहीं लगा है। क्या आपके बच्चे ने पहले से कम बात करनी शुरू की है। आपके बच्चे के स्वभाव में किसी भी तरह के बदलाव को आपको जरूर नोटिस करना है।
बच्चों को ऐसे करें सावधान

सबसे पहले आपके बच्चे को न कहना सिखाएं। आपके बच्चे को यह बताएं कि कोई आपको कुछ खाने को दे रहा है या खेलने के लिए बोल रहा है, तो आपको सबसे पहले उसके लिए न कहना है। केवल माता-पिता की दी गई चीजों को बच्चों को खाना चाहिए। साथ ही माता-पिता को अपने बच्चे के साथ समय बिताना चाहिए। बच्चों के साथ दोस्ती का रिश्ता बनाना चाहिए। बच्चों के कपड़े किसी दूसरे के सामने न उतारें। बच्चों को बताएं कि डॅाक्टर उनके शरीर को माता-पिता की मौजूदगी में टच कर सकते हैं। बच्चों को वीडियो के जरिए भी गुड टच और बैड टच के बारे में सिखाया जा सकता है। बच्चों को हमेशा यह विश्वास दिलाएं कि आप जीवन के हर हालात में उनके साथ हमेशा हैं।